लखनऊ: राजधानी के राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में लगे बोर्ड गलत जानकारी दे रहे हैं, जिसके चलते मरीजों को भटकना पड़ रहा है. राजाजीपुरम में करीब डेढ़ लाख की आबादी है, इस घनी आबादी में एक ही सरकारी चिकित्सालय है. इस अस्पताल में रोजाना करीब 12 से 1300 मरीज ओपीडी में दिखाने आते हैं.
अस्पताल के मुख्य द्वार और परिसर में वर्षों पहले मरीजों की सुविधा के लिए कुछ बोर्ड लगाए गए थे. जो वर्षों बाद भी नहीं बदले जा सकें हैं. जिसके चलते मरीजों को भटकना पड़ता है. वहीं पंजीकरण कक्ष में कोई भी नंबर नहीं पड़ा हुआ है.
क्या है मामला
- राजधानी के राजाजीपुरम में करीब डेढ़ लाख की आबादी पर एक ही सरकारी चिकित्सालय है.
- रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में रोजाना करीब 1200 से 1300 मरीज ओपीडी में दिखाने आते हैं.
- 110 बेड के इस अस्पताल में रोजाना सैकडों मरीज भर्ती होते हैं.
- अस्पताल के मुख्य द्वार और परिसर में वर्षों पहले मरीजों की सुविधा के लिए कुछ बोर्ड लगाए गए थे.
- अस्पताल में सुविधाएं तो बदल चुकी हैं लेकिन यह बोर्ड गलत जानकारी दे रहे हैं.
- जिसके चलते मरीजों को भटकना पड़ रहा है, वहीं पंजीकरण कक्ष में कोई भी नंबर नहीं पड़ा हुआ है
- सीएमएस डॉ. आर. के चौधरी के कमरे में लगा बोर्ड 2016 से अपडेट नहीं किया गया है.
- चिकित्सालय में एंबुलेंस पार्किंग की जगह में स्टाफ की कारें खड़ी होती है.