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पीपीपी मॉडल पर बने देश के पहले बस स्टेशन पर नहीं है सुरक्षा के कोई इंतजाम - up transport related news

पीपीपी मॉडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर तैयार हुआ देश का पहला मॉडल बस स्टेशन लखनऊ के आलमबाग में बना हुआ है. यह बस स्टेशन देखने में तो बहुत खूबसूरत है, लेकिन इसकी सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी व्यवस्था नहीं की गई है. अगर यहां पर यात्रियों से किसी तरह की कोई अभद्रता या फिर मारपीट होती है तो सुनने वाला कोई नहीं है.

आलमबाग बस स्टेशन पर नहीं है कोई सिक्योरिटी व्यवस्था
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Published : Jun 14, 2019, 6:30 PM IST

लखनऊ : शालीमार कंपनी को रोडवेज की तरफ से आलमबाग बस स्टेशन लीज पर दिया गया है. यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी कंपनी की है. कंपनी और रोडवेज के अनुबंध में साफ-सफाई और सुरक्षा की जिम्मेदारी साफ तौर पर दर्ज थी. शुरुआत में कंपनी ने 16 सिक्योरिटी गार्ड यहां पर लगाए भी थे, लेकिन पैसा ज्यादा खर्च होने पर कंपनी ने सभी सिक्योरिटी गार्ड हटा लिए.

लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा में हो रही लापरवाही.


पीपीपी मॉडल पर तैयार आलमबाग बस स्टेशन

  • पीपीपी मॉडल पर तैयार आलमबाग बस स्टेशन में पहले रोडवेज और शालीमार कंपनी के बीच अनुबंध हुआ था.
  • अनुबंध में स्पष्ट तौर पर कंपनी को यहां सिक्योरिटी की व्यवस्था करने को कहा गया था.
  • कंपनी ने यहां पर शुरुआत में सिक्योरिटी गार्ड लगाए फिर बाद में हटा लिए.
  • रोडवेज ने जब इस पर आपत्ति दर्ज की तो कंपनी ने जवाब दिया कि 'हमारे गार्ड हमारी प्रॉपर्टी की सुरक्षा के लिए थे. यात्रियों की सुरक्षा रोडवेज जाने. अगर हमारी कोई संपत्ति चोरी होती है तो हम दूसरी लगा लेंगे'.
  • कंपनी और रोडवेज के बीच मामला कोर्ट में विचाराधीन है. लिहाजा, सुरक्षा का मसला कोर्ट में लटका हुआ है.
  • रोडवेज अधिकारी इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से भी पूरी तरह बच रहे हैं.
  • अब रोडवेज अपनी तरफ से सिक्योरिटी गार्ड लगाने की व्यवस्था कर रहा है.
  • कैमरे के पीछे रोडवेज अधिकारी यह बताने से गुरेज नहीं करते हैं कि कंपनी अब मनमानी कर रही है.
  • अनुबंध के समय साफ तौर पर जब कह दिया गया था कि सिक्योरिटी गार्ड कंपनी की तरफ से होंगे, फिर भी कंपनी उल्टा रोडवेज से ही हर्जाना मांग रही है.
  • सिक्योरिटी के बजाय यूजर चार्ज की भरपाई के लिए कंपनी कोर्ट चली गई. अब आर्बिट्रेशन में मामला लटका हुआ है.

लखनऊ : शालीमार कंपनी को रोडवेज की तरफ से आलमबाग बस स्टेशन लीज पर दिया गया है. यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी कंपनी की है. कंपनी और रोडवेज के अनुबंध में साफ-सफाई और सुरक्षा की जिम्मेदारी साफ तौर पर दर्ज थी. शुरुआत में कंपनी ने 16 सिक्योरिटी गार्ड यहां पर लगाए भी थे, लेकिन पैसा ज्यादा खर्च होने पर कंपनी ने सभी सिक्योरिटी गार्ड हटा लिए.

लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा में हो रही लापरवाही.


पीपीपी मॉडल पर तैयार आलमबाग बस स्टेशन

  • पीपीपी मॉडल पर तैयार आलमबाग बस स्टेशन में पहले रोडवेज और शालीमार कंपनी के बीच अनुबंध हुआ था.
  • अनुबंध में स्पष्ट तौर पर कंपनी को यहां सिक्योरिटी की व्यवस्था करने को कहा गया था.
  • कंपनी ने यहां पर शुरुआत में सिक्योरिटी गार्ड लगाए फिर बाद में हटा लिए.
  • रोडवेज ने जब इस पर आपत्ति दर्ज की तो कंपनी ने जवाब दिया कि 'हमारे गार्ड हमारी प्रॉपर्टी की सुरक्षा के लिए थे. यात्रियों की सुरक्षा रोडवेज जाने. अगर हमारी कोई संपत्ति चोरी होती है तो हम दूसरी लगा लेंगे'.
  • कंपनी और रोडवेज के बीच मामला कोर्ट में विचाराधीन है. लिहाजा, सुरक्षा का मसला कोर्ट में लटका हुआ है.
  • रोडवेज अधिकारी इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से भी पूरी तरह बच रहे हैं.
  • अब रोडवेज अपनी तरफ से सिक्योरिटी गार्ड लगाने की व्यवस्था कर रहा है.
  • कैमरे के पीछे रोडवेज अधिकारी यह बताने से गुरेज नहीं करते हैं कि कंपनी अब मनमानी कर रही है.
  • अनुबंध के समय साफ तौर पर जब कह दिया गया था कि सिक्योरिटी गार्ड कंपनी की तरफ से होंगे, फिर भी कंपनी उल्टा रोडवेज से ही हर्जाना मांग रही है.
  • सिक्योरिटी के बजाय यूजर चार्ज की भरपाई के लिए कंपनी कोर्ट चली गई. अब आर्बिट्रेशन में मामला लटका हुआ है.
Intro:हाई-फाई आलमबाग बस स्टेशन पर भगवान भरोसे यात्रियों की सुरक्षा

लखनऊ। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर तैयार हुआ देश का पहला मॉडल आलमबाग बस स्टेशन देखने में तो बहुत खूबसूरत है लेकिन अगर यहां पर यात्री से किसी तरह की कोई अभद्रता या फिर मारपीट होती है तो उसकी सिक्योरिटी की कोई व्यवस्था की ही नहीं गई है। शालीमार कंपनी को रोडवेज की तरफ से यह आलमबाग बस स्टेशन लीज पर दिया गया है। यात्रियों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी कंपनी की होगी, यह अनुबंध में साफ तौर पर दर्ज भी था। शुरुआत में कंपनी ने 16 सिक्योरिटी गार्ड यहां पर लगाए, लेकिन पैसा ज्यादा खर्च होने पर कंपनी ने सभी सिक्योरिटी गार्ड हटा लिए, ऐसे में यहां पर यात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था है ही नहीं।


Body:आलमबाग बस स्टेशन जब पीपीपी मॉडल पर तैयार हुआ उससे पहले रोडवेज और शालीमार कंपनी के बीच अनुबंध हुआ था अनुबंध में स्पष्ट तौर पर कंपनी को यहां पर सिक्योरिटी की व्यवस्था करने को कहा गया था, लेकिन कंपनी ने यहां पर शुरुआत के दिनों में सिक्योरिटी गार्ड लगाए बाद में हटा लिए। जब रोडवेज ने इस पर आपत्ति दर्ज की तो कंपनी ने जवाब दिया कि हमारे गार्ड हमारी प्रॉपर्टी की सुरक्षा के लिए थे। यात्रियों की सुरक्षा रोडवेज जाने। अगर हमारी कोई संपत्ति चोरी होती है तो हम दूसरी लगा लेंगे। इसी बात पर कंपनी रोडवेज के खिलाफ कोर्ट चली गई। लिहाजा, सुरक्षा का मसला कोर्ट में लटका हुआ है। ऐसे में रोडवेज अधिकारी इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से भी पूरी तरह बच रहे हैं। कंपनी के सिक्योरिटी हटा लेने के बाद अब रोडवेज अपनी तरफ से यात्रियों की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्ड लगाने की व्यवस्था कर रहा है।


Conclusion:कैमरे के पीछे रोडवेज अधिकारी यह बताने से गुरेज नहीं करते हैं कि कंपनी अब अपनी मनमानी कर रही है। अनुबंध के समय साफ तौर पर जब कह दिया गया था कि सिक्योरिटी गार्ड कंपनी की तरफ से होंगे, फिर भी कंपनी उल्टा रोडवेज से ही हर्जाना मांग रही है। सिक्योरिटी के बजाय यूजर चार्ज की भरपाई के लिए कंपनी कोर्ट चली गई। अब आर्बिट्रेशन में मामला लटका हुआ है।
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