ETV Bharat / briefs

मां चंद्रिका के दरबार में आने वाले भक्तों की मुरादें होती हैं पूरी

मां चंद्रिका के मंदिर की प्रसिद्धी दूर-दूर तक फैली है. यहां पर हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और मां के दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं. नवरात्र को लेकर मां चंद्रिका के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.

author img

By

Published : Apr 6, 2019, 12:25 PM IST

मां चंद्रिका मंदिर


उन्नाव: जिले की भगवंत नगर विधानसभा में गंगा के किनारे बक्सर तट पर स्थित मां चंद्रिका का सिद्ध धाम क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन जिलों के श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है. चैत्र नवरात्र की शुरुआत शनिवार से हो गई है. 8 दिनों तक चलने वाले इस नवरात्र में भक्त मां शक्ति की उपासना करते हैं. वहीं नवरात्र को लेकर मां चंद्रिका धाम में आने वाले लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन से पुण्य अर्जन प्राप्त करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए मां के दरबार में माथा टेकते है.

मां चंद्रिका मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़.


मंदिर के मुख्य पुजारी विजय तिवारी का कहना है कि बहुत पूर्व काल में बकासुर नाम का राक्षस अपने अत्याचार से लोगों को परेशान करता था. बकासुर राक्षस अपने भोजन के लिए यहां की सभी परिवारों को प्रतिदिन अपने-अपने घर से एक-एक व्यक्ति को भेजने का फरमान दे रखा था. उसी बीच भीम यहां पहुंचे और जिस घर में वह रात्रि विश्राम कर रहे थे, उसी घर से अगले दिन बकासुर का भोजन बनने के लिए उन्हें अपने पुत्र को भेजना था. इसके कारण पूरे घर में मातम जैसा माहौल था.


भीम ने पूछा तो घर वालों ने इसकी जानकारी उन्हें दी अगले दिन भीम स्वयं उनके पुत्र की जगह बकासुर के पास पहुंचे और उन्होंने बकासुर का वध कर दिया. तभी से इस स्थान का नाम बक्सर पड़ा.


वहीं मां चंद्रिका सिद्ध पीठ का इतिहास भी पुराणों मे मिलता है. जानकारी के अनुसार जग खंडित होने के बाद जब भोलेनाथ माता सती को कंधे में लेकर जा रहे थे. तब मां के कुछ अंग बक्सर में गिरे थे, तभी से यहां माता सती साक्षात रूप में मां चंद्रिका के रूप में विद्यमान है.


उन्नाव: जिले की भगवंत नगर विधानसभा में गंगा के किनारे बक्सर तट पर स्थित मां चंद्रिका का सिद्ध धाम क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन जिलों के श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है. चैत्र नवरात्र की शुरुआत शनिवार से हो गई है. 8 दिनों तक चलने वाले इस नवरात्र में भक्त मां शक्ति की उपासना करते हैं. वहीं नवरात्र को लेकर मां चंद्रिका धाम में आने वाले लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन से पुण्य अर्जन प्राप्त करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए मां के दरबार में माथा टेकते है.

मां चंद्रिका मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़.


मंदिर के मुख्य पुजारी विजय तिवारी का कहना है कि बहुत पूर्व काल में बकासुर नाम का राक्षस अपने अत्याचार से लोगों को परेशान करता था. बकासुर राक्षस अपने भोजन के लिए यहां की सभी परिवारों को प्रतिदिन अपने-अपने घर से एक-एक व्यक्ति को भेजने का फरमान दे रखा था. उसी बीच भीम यहां पहुंचे और जिस घर में वह रात्रि विश्राम कर रहे थे, उसी घर से अगले दिन बकासुर का भोजन बनने के लिए उन्हें अपने पुत्र को भेजना था. इसके कारण पूरे घर में मातम जैसा माहौल था.


भीम ने पूछा तो घर वालों ने इसकी जानकारी उन्हें दी अगले दिन भीम स्वयं उनके पुत्र की जगह बकासुर के पास पहुंचे और उन्होंने बकासुर का वध कर दिया. तभी से इस स्थान का नाम बक्सर पड़ा.


वहीं मां चंद्रिका सिद्ध पीठ का इतिहास भी पुराणों मे मिलता है. जानकारी के अनुसार जग खंडित होने के बाद जब भोलेनाथ माता सती को कंधे में लेकर जा रहे थे. तब मां के कुछ अंग बक्सर में गिरे थे, तभी से यहां माता सती साक्षात रूप में मां चंद्रिका के रूप में विद्यमान है.

Intro: मां चंद्रिका के बक्सर धाम में आने वाले भक्तों की मां पूरी करती है मुरादे


Body: उन्नाव जिले की भगवंत नगर विधानसभा में गंगा के किनारे बक्सर तट पर स्थित मां चंद्रिका जी का सिद्ध धाम क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन जिलों के श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है मां चंद्रिका धाम बक्सर में आने वाले लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन से पुण्य अर्जन प्राप्त करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए मां के दरबार में माथा टेकत है जैसा कि सर्वविदित है कि मां चंद्रिका के मंदिर की प्रसिद्ध दूर दूर तक फैली यहां पर दिन हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और मां के दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं एवं मां उनकी मनोकामना को पूरी करती हैं मंदिर के मुख्य पुजारी विजय तिवारी का कहना है बहुत पूर्व काल में बकासुर नाम का राक्षस जहां अपने अत्याचार से लोगों को परेशान करता था और यही रहता था बकासुर राक्षस अपने भोजन के लिए यहां की सभी परिवारों को प्रतिदिन अपने अपने घर से एक एक व्यक्ति को भेजने का फरमान दे रखा था उसी बीच भीम यहां पहुंचे और जिस घर में वह रात्रि विश्राम कर रहे थे उसी घर से अगले दिन बकासुर का ग्रास बनने के लिए उन्हें अपने पुत्र को भेजना था जिसके कारण पूरे घर में मातम जैसा माहौल था भीम ने पूछा तो घर वालों ने इसकी जानकारी उन्हें दी अगले दिन भीम स्वयं उनके पुत्र की जगह बकासुर के पास पहुंचे और उन्होंने बकासुर का वध कर दिया तभी से इस स्थान का नाम बक्सर पड़ा वहीं मां चंद्रिका सिद्ध पीठ का इतिहास भी पुराणों मे मिलता है जानकारी के अनुसार जग खंडित होने के बाद जब भोलेनाथ माता सती को कंधे में लेकर जा रहे थे तब मां के कुछ अंग बक्सर में गिरे थे तभी से यहां माता सती साक्षात रूप में मां चंद्रिका के रूप में विद्यमान है और यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है पूजारी जी का कहना है की लगभग शोभन सरकार ने मंदिर एवं मंदिर के आसपास का कायाकल्प कराया है मंदिर का शुद्धिकरण भी उन्होंने कर आया है वहीं अब क्षेत्रीय विधायक एवं उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के द्वारा बक्सर का विशेष विकास किया जा रहा है नए घाटों का निर्माण हो रहा है वही सत्संग भवन गेस्ट हाउस का भी निर्माण सरकार द्वारा कराया जा रहा है


Conclusion: मां चंद्रिका के दरबार में आने वाले भक्तों की मुरादे होती हैं पूरी
मुनेश शुक्ला
8601780000
उन्नाव
बाइट पुजारी विजय तिवारी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.