बाराबंकी: कृषि क्षेत्र और किसानों की दशा सुधारने के लिए बीते जून में लाये गए तीन अध्यादेशों को किसान विरोधी बताते हुए बाराबंकी में सोमवार को राष्ट्रीय किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए. यही नहीं स्थानीय सांसद का पुतला भी फूंका. आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इन कानूनों के जरिये सरकार ने बड़ी साजिश की है, ताकि किसानों को भूमिहीन बना दिया जाय, जिससे वे आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएं.
बताते चलें कि कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने की बात कहते हुए बीती 05 जून को केंद्र की भाजपा सरकार ने तीन अध्यादेश पास किए थे.
1- द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन )एग्रीमेंट ऑन प्राइस एसुरेन्स एंड फॉर्म सर्विसेज ऑर्डिनेंस 2020
2- द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कामर्स (प्रोमोशन एंड फैसिलिटेशन) ऑर्डिनेंस 2020
3- द एसेंशियल कोमोडिटीज अमेंडमेंट ऑर्डिनेंस 2020
इन कानूनों को बनाने के पीछे सरकार की मंशा थी कि इससे किसानों को लाभ पहुंचेगा, लेकिन किसानों ने इसके खिलाफ आंदोलन किया है. राष्ट्रीय किसान मोर्चा मूल निवासी संघ इस आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से चला रहा है. बीते 16 अगस्त को पहले चरण के आंदोलन में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था. सोमवार को आंदोलन के दूसरे चरण में कार्यकर्ता शहर के पटेल तिराहे पर इकट्ठा हुए और हाथों में सांसद का पुतला लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के पहले गेट के सामने सड़क पर स्थानीय सांसद का पुतला फूंका. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार एक देश एक बाजार की बात करती है, जिसका लाभ छोटे किसानों को नहीं मिल सकेगा. इसी तरह इन कानूनों के जरिये सरकार किसानों को भूमिहीन बनाने में लगी है.
आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब सदन में ये ऑर्डिनेंस लाया जा रहा था तब सांसदों को बोलना चाहिए था. सांसद हम किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन इन्होंने किसान हितों की अनदेखी कर इन कानूनों को बनाने में मदद की.