हरदोई: जिले के कद्दावर नेता कहे जाने वाले सपा के पूर्व राज्य सभा सांसद व मौजूदा भाजपा नेता नरेश अग्रवाल अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा से ही चर्चाओं में रहे हैं जिले की राजनीति इस दौरान कुछ ज्यादा गरमाई प्रतीत होने लगी है. अभी तक राजनीतिक दल एक दूसरे के यूजर आरोप प्रत्यारोप लगा कर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे थे और एक-दूसरे की पोल खोलने में लगे हुए थे. अब तंज कसने जैसी बयानबाज़ी भी चुनाव नजदीक आते ही तूल पकड़ रही है. उन्होंने विपक्ष के प्रधानमंत्री पद का दावेदार न घोषित करने पर विपक्ष के सभी नेताओं को हफ्ते के एक-एक दिन का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया. साथ ही मुलायम सिंह, आजम खान और मायावती पर भी जमकर तंज कसा.
इस दौरान मक्का-मदीना और कुम्भ की तुलना करते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा कि मक्का-मदीना में हज करने 50 लाख लोग ही जा पाते हैं, लेकिन कुम्भ में 22 करोड़ लोगों ने हज किया. आजम खान जैसे लोग जब तक मौजूद हैं, हिन्दू-मुस्लिम होना लाजमी है. आजम खान के भगवान बजरंग बली को अली कहने पर नरेश ने निंदा की और कहा कि ये हमारे देवी-देवता का नाम रखने वाले कौन होते हैं और किसने इन्हें ये अधिकार दिया है. वहीं मायावती द्वारा हनुमान जी को दलितों का भगवान कहने पर भी नरेश अग्रवाल ने आपत्ति जताई. नरेश अग्रवाल ने कहा कि हमारे देवी-देवता कब से दलित आदि जाति के हो गये और कोई हमारे देवी-देवताओं का नाम रखेगा तो क्या हम उसे स्वीकारेंगे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारे पीएम का कद इतना ऊंचा और दूसरी तरफ इतने छोटे कद वाला विपक्ष कैसे टिक पायेगा. सपा के पूर्व राज्य सभा सांसद व मौजूदा भाजपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर एक दो इंच का फरक होता तो कुछ विचार किया जा सकता था.