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प्रयागराज : हॉस्टलों का निरीक्षण किए बिना चली गई नैक टीम

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दो दिवसीय दौरे पर मूल्यांकन करने आई नैक टीम ने पूरे विश्वविद्यालय का भ्रमण किया. विश्वविद्यालय के जीएन झा छात्रावास के छात्रों का कहना है कि नैक टीम को मूल रूप से सभी हॉस्टलों का निरीक्षण करना चाहिए था.

जानकारी देते इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र
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Published : Mar 28, 2019, 5:41 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दो दिवसीय दौरे पर मूल्यांकन करने आई नैक टीम ने पूरे विश्वविद्यालय का भ्रमण किया. इस दौरान विश्वविद्यालय कैंपस के छात्रों से बातचीत कर कैंपस की जानकारी ली. प्रशासनिक ऑफिस से लेकर रेस्ट हाउस तक का भ्रमण नैक टीम ने किया. वहीं विश्वविद्यालय के जीएन झा छात्रावास के छात्रों का कहना है कि नैक टीम को मूल रूप से सभी हॉस्टलों का निरीक्षण करना चाहिए था. टीम वहीं गई जहां विश्वविद्यालय प्रशासन ले गया.

नैक टीम ने नहीं किया छात्रावासों का भ्रमण.

पीजी की पढ़ाई कर रहे इलाहबाद विश्वविद्यालय के छात्र विकास कुमार ने बताया कि नैक टीम सिर्फ सर सुंदर लाल छात्रावास गई. इसके अलावा बाकी के सात हॉस्टल को बिना देखे वापस चली गई. छात्रों का कहना है कि नैक टीम वहां गई जहां पर विश्वविद्यालय प्रशासन ले गया. नैक टीम को रिसर्च कर रहे छात्रों से मुलाकात कर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करना चाहिए था.

छात्रों ने कहा कि जीएन झा हॉस्टल की बात करूं तो यहां कोई मूलभूत सुविधा नहीं है. न मेस की, न कॉमन हॉल की और न ही लाइब्रेरी की सुविधा है. आज इस हॉस्टल में जो कुछ भी है वह छात्र अपने से मिलकर करते हैं. सभी मूलभूत सुविधाओं के लिए सभी छात्र मिलकर उस काम को पूरा करते हैं.

एलएलबी कर रहे छात्र मिथलेश का कहना है कि नैक टीम आई तो लेकिन वह प्रशासन के घेरे में रहकर चली गई. टीम को विश्वविद्यालय में हो रही धांधली पर ध्यान देना चाहिए था. रिसर्चर गौरव पांडेय ने बताया कि नैक टीम जिस काम के लिए आई थी. वह काम तो किया ही नहीं. टीम को विश्वविद्यालय के अलावा मुख्य रूप से रिसर्च कर रहे छात्रों से मिलना चाहिए था. उनको किस प्रकार से दिक्कत हो रही है और क्या सुविधा मिले इस पर बात करना चाहिए था.

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दो दिवसीय दौरे पर मूल्यांकन करने आई नैक टीम ने पूरे विश्वविद्यालय का भ्रमण किया. इस दौरान विश्वविद्यालय कैंपस के छात्रों से बातचीत कर कैंपस की जानकारी ली. प्रशासनिक ऑफिस से लेकर रेस्ट हाउस तक का भ्रमण नैक टीम ने किया. वहीं विश्वविद्यालय के जीएन झा छात्रावास के छात्रों का कहना है कि नैक टीम को मूल रूप से सभी हॉस्टलों का निरीक्षण करना चाहिए था. टीम वहीं गई जहां विश्वविद्यालय प्रशासन ले गया.

नैक टीम ने नहीं किया छात्रावासों का भ्रमण.

पीजी की पढ़ाई कर रहे इलाहबाद विश्वविद्यालय के छात्र विकास कुमार ने बताया कि नैक टीम सिर्फ सर सुंदर लाल छात्रावास गई. इसके अलावा बाकी के सात हॉस्टल को बिना देखे वापस चली गई. छात्रों का कहना है कि नैक टीम वहां गई जहां पर विश्वविद्यालय प्रशासन ले गया. नैक टीम को रिसर्च कर रहे छात्रों से मुलाकात कर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करना चाहिए था.

छात्रों ने कहा कि जीएन झा हॉस्टल की बात करूं तो यहां कोई मूलभूत सुविधा नहीं है. न मेस की, न कॉमन हॉल की और न ही लाइब्रेरी की सुविधा है. आज इस हॉस्टल में जो कुछ भी है वह छात्र अपने से मिलकर करते हैं. सभी मूलभूत सुविधाओं के लिए सभी छात्र मिलकर उस काम को पूरा करते हैं.

एलएलबी कर रहे छात्र मिथलेश का कहना है कि नैक टीम आई तो लेकिन वह प्रशासन के घेरे में रहकर चली गई. टीम को विश्वविद्यालय में हो रही धांधली पर ध्यान देना चाहिए था. रिसर्चर गौरव पांडेय ने बताया कि नैक टीम जिस काम के लिए आई थी. वह काम तो किया ही नहीं. टीम को विश्वविद्यालय के अलावा मुख्य रूप से रिसर्च कर रहे छात्रों से मिलना चाहिए था. उनको किस प्रकार से दिक्कत हो रही है और क्या सुविधा मिले इस पर बात करना चाहिए था.

Intro:प्रयागराज: बिना हॉस्टलों का निरीक्षण किए वापस चली गई नैक टीम

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प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दो दिवसीय दौरे पर मूल्यांकन करने आई नैक की टीम ने पूरे विश्वविद्यालय का भ्रमण किया. इस दौरान विश्वविद्यालय कैंपस के क्षत्रों से बातचीत कर कैंपस की जानकारी ली. प्रशानिक ऑफिस से लेकर रेस्ट हाउस तक का भ्रमण नैक टीम ने किया. लेकिन विश्वविद्यालय के जीएन झा छात्रावास के छात्रों का कहना है कि नैक टीम मूल रूप से सभी हॉस्टलों का निरीक्षण करना चाहिए था. वह वहीं गई जहां पर उनको इलाहबाद विश्वविद्यालय का प्रशासन ले गई. पीजी की पढ़ाई कर रहे इलाहबाद विश्वविद्यालय के छात्र विकास कुमार बताते हैं कि नैक टीम सिर्फ सर सुंदर लाल छात्रावास गई. इसके अलावा बाकी के सात होस्टल को बिना देखे वापस चली गई.


Body:जहां है समस्या वहां नहीं गई नैक टीम

छात्र विकास का कहना है कि नैक टीम वहां गई जहां पर विश्वविद्यालय प्रशासन ले गई. साथ ही साथ नए स्टूडेंट्स से भी रूबरू हुए. नैक टीम को सीनियर रिसर्च कर रहें स्टूडेंट्स से मुलाकात कर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करना चाहिए था. जीएन झा होस्टल की बात करूँ तो यहां कोई मूलभूत सुविधा नहीं है. न ही मेस की सुविधा है न ही कॉमन हॉल की और न ही लाइब्रेरी की सुविधा है. आज इस होस्टल जो कुछ भी है वह छात्र अपने से मिलकर करते हैं. सभी मूलभूत सुविधाएं के लिए सभी छात्र मिलकर उस काम को पूरा करते हैं.


Conclusion:हर पॉइंट ऑफ व्यू से करना था मूल्यांकन

एलएलबी कर रहे छात्र मिथलेश का कहना है कि नैक टीम आई तो लेकिन वह प्रशासन के घेरे में रहकर चली गई. टीम को विश्वविद्यालय में हो रहे भर्ती धांधली पर ध्यान देना चाहिए था.

रिसर्चर गौरव पांडेय का कहना है कि नैक टीम जिस काम के लिए वह काम तो की नहीं. टीम को विश्वविद्यालय के अलावा मुख्य रूप से रिसर्च कर रहे छात्रों से मिलना चाहिए था. उनको किस प्रकार से दिक्कत हो रही है और क्या सुविधा मिले. नैक टीम सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से मूल्यांकन कर वापस चली गई.

स्टूडेंट रवि शंकर का कहना है कि नैक टीम के आगमन को लेकर पूरे विश्वविद्यालय कैंपस में साफ सफाई की गई. लेकिन हर साल साफ सफाई में विश्वविद्यालय को ध्यान देना चाहिए. इस बात की जानकारी नैक टीम को लेनी चाहिए था.

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