सहारनपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास' का नारा दिया था. उनके इस नारे का देवबंदी उलेमा ने न सिर्फ स्वागत किया है, बल्कि मोदी सरकार की जमकर तारीफ भी की है. उनका कहना है कि हमें पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है. इसके साथ ही उलेमा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि कांग्रेस के राज में ही मुसलमानों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए हैं.
देवबंदी उलेमा आलिम मुफ्ती अजफर ने पीएम मोदी की जमकर की तारीफ
- मुफ्ती अजफर ने कहा कि पीएम मोदी के नए नारे का हम स्वागत करते हैं.
- पीएम का बयान चुनाव के बाद आया है इसलिए यह मुस्लिमों को लुभाने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें साथ लेकर चलने की प्रतिबद्धता दर्शाता है.
- पीएम ने कहा है कि वह सबको साथ लेकर चलेंगे और अल्पसंख्यकों का भरोसा जीतेंगे.
- मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी के पिछले कार्यकाल में मुसलमानों के खिलाफ कोई भी कार्य नहीं किया गया. इससे बीजेपी और पीएम मोदी पर हमारा भरोसा बढ़ा है.
- मुसलमानों को चाहिए कि वे पीएम मोदी को वक्त दें.
कांग्रेस पर जमकर बरसे मुफ्ती अजफर
- देश के मुसलमानों पर सबसे ज्यादा अत्याचार कांग्रेस ने किए हैं.
- कांग्रेस के शासनकाल में ही मेरठ, मलियाना, हाशिमपुरा और भागलपुर में मुसलमानों का कत्लेआम हुआ.
- उस दौर में मुस्लिमों का सड़कों पर खून बहता था, जिसे मुसलमान अब तक नहीं भूले हैं.
- सच्चर कमेटी रिपोर्ट में भी कहा गया था कि देस के मुस्लिमों की स्थिति दलितों से भी बदतर है.
- कांग्रेस ने उस रिपोर्ट को लागू नहीं किया.
पीएम मोदी के नारे से हम बहुत खुश हैं. अपने पांच साल के कार्यकाल में पीएम मोदी और भाजपा ने कोई ऐसा काम नहीं किया, जिससे मुसलमानों को नुकसान पहुंचा हो या फिर उन्हें भयभीत होना पड़े. इसके उलट कांग्रेस काल में जिस तरह मुसलमानों का कत्लेआम हुआ उसे अभी तक भुलाया नहीं जा सका है. इसके अलावा अगर कांग्रेस मुसलमानों की सच्ची हमदर्द होती तो उसे सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए था. हमें पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है कि वह अल्पसंख्यकों का भरोसा जीतेंगे.
-आलिम मुफ्ती अजफर, देवबंदी उलेमा
बता दें कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यकों को लेकर सकारात्मक संदेश दिया था. पीएम मोदी शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद सांसदों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपने सांसदों को अल्पसंख्यकों का भरोसा जीतने के निर्देश दिए थे. इसके लिए उन्होंने 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास' नारा दिया था.