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हरदोई : सांसद अंशुल वर्मा भाजपा नेताओं पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के लगाए आरोप

हरदोई लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा ने भाजपा नेताओं पर आचार संहिता का उल्लंघन करने और जिला प्रशासन पर मामले पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. बता दें कि अंशुल वर्मा बीजेपी से सांसद थे और इस टिकट न मिलने से वह सपा में शामिल हो गए हैं.

सांसद अंशुल वर्मा.
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Published : Apr 6, 2019, 8:01 AM IST

हरदोई : हरदोई लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा का पार्टी से टिकट कटने के बाद भाजपा के खिलाफ उनके बगावती तेवर खूब देखने को तो मिल रहे हैं. सपा में शामिल हो कर उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करने के बाद अब जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने भाजपा नेताओं पर आचार संहिता का उल्लंघन करने और जिला प्रशासन पर मामले पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सांसद अंशुल वर्मा.

सांसद अंशुल वर्मा ने नरेश अग्रवाल के अभद्र भाषा शैली इस्तेमाल करने और मंदिर प्रांगण में जनसभा करने का विरोध कर अपनी आवाज़ बुलंद की थी. जिला प्रशासन ने इस पर नरेश अग्रवाल को एक नोटिस भी जारी किया था. उन्होंने डिप्टी सीएम की जनसभा पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह से सत्ताधारी पक्ष के लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा.

अंशुल ने आरोप लगाया कि अभी दो मामले संज्ञान में आए थे, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. एक बार सांडी क्षेत्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जनसभा मंदिर की जमीन पर आयोजित की गई. इसको लेकर जब जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने एआरओ से जानकारी किये जाने की बात कही. साथ उस जमीन को मंदिर का न होने की बात कही.

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी प्रशासनिक अधिकारी होता है और उनकी पूरी जिम्मेदारी होती है कि वो आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें. साथ ही कहा कि अगर जिला प्रशासन दबाव में काम करेगा तो लोकतंत्र का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

हरदोई : हरदोई लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा का पार्टी से टिकट कटने के बाद भाजपा के खिलाफ उनके बगावती तेवर खूब देखने को तो मिल रहे हैं. सपा में शामिल हो कर उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करने के बाद अब जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने भाजपा नेताओं पर आचार संहिता का उल्लंघन करने और जिला प्रशासन पर मामले पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सांसद अंशुल वर्मा.

सांसद अंशुल वर्मा ने नरेश अग्रवाल के अभद्र भाषा शैली इस्तेमाल करने और मंदिर प्रांगण में जनसभा करने का विरोध कर अपनी आवाज़ बुलंद की थी. जिला प्रशासन ने इस पर नरेश अग्रवाल को एक नोटिस भी जारी किया था. उन्होंने डिप्टी सीएम की जनसभा पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह से सत्ताधारी पक्ष के लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा.

अंशुल ने आरोप लगाया कि अभी दो मामले संज्ञान में आए थे, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. एक बार सांडी क्षेत्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जनसभा मंदिर की जमीन पर आयोजित की गई. इसको लेकर जब जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने एआरओ से जानकारी किये जाने की बात कही. साथ उस जमीन को मंदिर का न होने की बात कही.

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी प्रशासनिक अधिकारी होता है और उनकी पूरी जिम्मेदारी होती है कि वो आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें. साथ ही कहा कि अगर जिला प्रशासन दबाव में काम करेगा तो लोकतंत्र का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर----हरदोई जिले की 31 लोक सभा सीट से सांसद रहे अंशुल वर्मा का टिकट काटने के बाद भाजपा के खिलाफ उनके बगावती तेवर देखने को तो मिल ही रहे थे, तो सपा में शामिल हो कर उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त करना भी शुरू कर दिया है।भाजपा पर कटाक्ष करने के बाद अब उन्होंने जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाए हैं।उन्होंने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का आरोप भाजपा नेताओं पर लगाया है साथ ही जिला प्रशासन द्वारा इस पर कोई भी कार्यवाही न किये जाने पर भी सवालिया प्रश्न खड़ा किया है।उन्होंने कहा की परिसाइंडिंग ऑफिसर जिलाधिकारी होता है और उसकी पूरी जिम्मेदारी होती है कि वो अचार संहिता के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करे।यहां पर सपा में शामिल हुए अंशुल ने मंदिर परिसर में चुनावी जनसभा आयोजित करने व अभद्र टिप्पड़ियां किये जाने पर सवाल उठाते हुए जिला प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगया है।


Body:वीओ--1--पूर्व सांसद व मौजूदा सपा नेता अंशुल ने हालही में नरेश अग्रवाल द्वारा हरदोई के एक प्रसिद्ध मंदिर में चुनावी आयोजन कर अभद्र भाषा शैली इस्तेमाल करने व मंदिर प्रांगण में जनसभा करने का विरोध कर अपनी आवाज़ बुलंद की थी।हालांकि जिला प्रशासन ने इस पर नरेश अग्रवाल को एक नोटिस भी जारी की।वहीं समय के अनुकूल हुई डिप्टी सीएम की जन सभा पर भी उन्होंने आपत्ति जताई कहा कि इस तरह से सत्ताधारी पक्ष के लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।कहा कि क्या ये नए नियम सिर्फ सत्तापक्ष के लोगों के लिए है या अन्य दल भी इस तरह से चुनाव प्रचार व जनसभाएं कर सकते हैं।अंशुल ने आरोप लगया की अभी दो मामले संज्ञान में आये थे जिन पर कार्यवाही तो नहीं हुई लेकिन आज जिले के सांडी क्षेत्र में एक बार फिर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जन सभा एक मंदिर की जमीन पर हुई।कहा कि इसको लेकर जब जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने एआरओ से जानकारी किये जाने की बात कही साथ उस जमीन को मंदिर का न होने की बात कही।अंशुल ने इन्ही बातों का खंडन करते हुए अपना विरोध जताया और भविष्य में स्टैंड लिए जाने की बात कही।वहीं नरेश अग्रवाल को जारी नोटिस के बारे में उन्होंने जानना चाहा है कि वो नोटिस उनकी अभद्र भाषा शैली के लिए है या मंदिर परिसर में आयोजन करने के लिए।कहा अगर मंदिर परिसर में आयोजन के लिए है यो संबंधित अधिकारी के ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं कि गयी।

वीओ--2--अंशुल ने जिलाधिकारी पर सवाल उठाया, कहा कि आपने शपथ ली थी या भाजपा की सदस्यता।कहा कि आपकी तनख्वाह भाजपा नहीं देती बल्कि भारत के कंसॉलिडेटेड फंड से आती है।कहा कि अगर जिला प्रशासन दबाव में काम करेगा तो लोकतंत्र का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।वहीं भाजपा के एक नेता के बयान पर कटाक्ष करते हुए अंशुल ने कहा कि हिंदुओं ने मंदिर 2014 से जाना नहीं शुरू किया।बल्कि मैंने भी भाजपा छोड़ी है तो क्या मैं हिन्दू नहीं रहा।कहा कि इस प्रकार धर्म के नाम पर खिलवाड़ करने का वे खंडन करते हैं।सुनिए उन्ही की जुबानी।

बाईट--अंशुल वर्मा--सपा नेता व पूर्व भाजपा सांसद


Conclusion:
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