नई दिल्ली: इस पर्वतारोहण की शुरुआत 23 मार्च से होगी और यह अभियान 40 दिनों का है. अर्जुन वाजपेयी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन रही है. अर्जुन वाजपेयी ने जब 2010 में माउंट एवरेस्ट पर विजय पाई थी, तब उनकी उम्र मात्र 16 साल की थी. 17 साल की उम्र में अर्जुन ल्होत्से पर्वत शिखर पर विजय पाकर इस चोटी पर विजय पाने वाले विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे.
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कंचनजंगा की चढ़ाई में रहे थे सफल
इसके बाद अर्जुन ने कई अन्य पर्वत चोटियों पर विजय पाई, जिनमें मनास्लु पर्वत शिखर, मकालु और चोयू पर्वत के शिखर पर पहुंचने में सफल रहे थे. 2018 में अर्जुन कंचनजंगा पर्वत जो विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा और भारत का सबसे ऊंचा पर्वत है उसके शिखर पर पहुंचने में सफल रहे थे. ये उनका छठवां 8000 मीटर ऊंचा का पर्वत था और यह करने वाले वह विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे.
'इलिट ग्रुप में शामिल हों भारतीय'
अर्जुन वाजपेयी का कहना है कि उनकी इच्छा है कि भारत को विश्व के अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही के इलिट ग्रुप में शामिल किया जाए. इस ग्रुप में 33 लोग शामिल हैं. जिन्होंने विश्व की सभी 14 पर्वत चोटियों के शिखर पर विजय पाई है, जो 8000 मीटर ऊंची हैं. इस सूची में कोई भी भारतीय शामिल नहीं है. अन्नपूर्णा-1 के शिखर पर विजय पाते ही अर्जुन वाजपेयी 8 हजार ऊंचे पर्वत शिखर पर पहुंचने वाले पहले भारतीय और विश्व के सबसे उम्र के पर्वतारोही बन जाएंगे.