गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलॉजी (एमएमएमयूटी) विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को शोध के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ने के लिए नए करार करने में जुटा है. हाल ही में विश्वविद्यालय ने मेलबर्न विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया से समझौता किया है जो 'क्लाउड कंप्यूटिंग एंड डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम्स' के शोध पर आधारित है. इसके पहले भी कानपुर और रुड़की विश्वविद्यालय से कई क्षेत्रों में करार किया जा चुका है.
- क्लाउड कंप्यूटिंग वास्तव में इंटरनेट आधारित प्रक्रिया और कंप्यूटर एप्लीकेशन का इस्तेमाल है.
- गूगल एप्स, क्लाउड कंप्यूटिंग का ही एक उदाहरण है जो बिजनेस एप्लीकेशन ऑनलाइन मुहैया कराता है.
- वेब ब्राउज़र का इस्तेमाल कर इस तक पहुंचा जा सकता है.
- इंटरनेट पर सर्वर में जानकारियां भंडारित रहती हैं और यह उपयोग करने वाले के डेस्कटॉप, नोटबुक, गेमिंग कंसोल आदि पर आवश्यकतानुसार अस्थाई रूप से संग्रहित रहती है.
- इसका किसी भी जगह रहते हुए उपयोग किया जा सकता है.
छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए हम लगातार विश्व के प्रमुख शिक्षण संस्थाओं से करार कर रहे हैं. आईआईटी कानपुर व रूड़की के बाद मेलबर्न यूनिवर्सिटी के साथ समझौता इसी श्रृंखला का हिस्सा है. शैक्षिक और शोध गतिविधियों के संचालन के उद्देशय से यह समझौता किया गया है. इससे छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और उसके इस्तेमाल के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी.
- प्रो. एसएन सिंह, कुलपति, एमएमएमयूटी
बता दें कि तकनीक के क्षेत्र में एमएमएमयूटी का एक माह के अंदर यह तीसरा करार है. इसके पूर्व शिक्षण, शोध एवं प्रशिक्षण को और बेहतर बनाने के लिए आईआईटी रुड़की से भी विश्वविद्यालय ने हाथ मिलाया है. इसके अलावा राईक्यूस विश्वविद्यालय जापान, कारलोस विश्वविद्यालय स्पेन, वारसा विश्वविद्यालय पोलैंड, विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय अमेरिका, नॉर्थ डकोटा राज्य विश्वविद्यालय अमेरिका के साथ शैक्षिक और शोध विषयों पर करार हुए हैं.