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राज्य महिला आयोग की सदस्य ने सीएम योगी की पुलिस पर असहयोग का लगाया आरोप

महिला उत्पीड़न की रोकथाम और पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश की राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी बुलंदशहर पहुंची. इस दौरान उन्होंने पुलिस प्रशासन पर पूरी तहर से सहयोग न देने का गंभीर आरोप लगाया.

राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी.
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Published : Jul 3, 2019, 11:43 PM IST

बुलंदशहर: प्रदेश की राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी बुलंदशहर पहुंचीं. महिला उत्पीड़न की रोकथाम और पीड़ित महिलाओं न्याय दिलाने के उद्देश्य से मीना कुमारी शहर के लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पर जन सुनवाई के लिए पहुंची थीं. इस दौरान मीना कुमारी जन सुनवाई में पुलिस के अधिकारियों के न पहुंचने से नाराज थीं. ईटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि कड़वी सच्चाई है कि थाने और कोतवाली पर बैठे जिम्मेदार उन्हें कुछ नहीं समझते.

महिला आयोग की सदस्य ने पुलिस पर लगाया आरोप.
  • मीना कुमारी पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से शहर आयी थीं.
  • इस मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी उपस्थित होना था.
  • जन सुनवाई में एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से सिर्फ सिटी मजिस्ट्रेट व एसडीएम मौजूद थे.
  • पुलिस विभाग की तरफ से जिम्मेदार अफसर के न पहुंचने पर आयोग की सदस्य नाराज थीं.
  • मीना कुमारी ने पुलिस प्रशासन पर पूरी तहर से सहयोग न देने का गंभीर आरोप लगाया.

मीना कुमारी ने कहा कि-
सीओ और एसपी सिटी में से भी किसी जिम्मेदार अधिकारी को जन सुनवाई में होना चहिए था. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है ऐसा अक्सर होता है. महिला आयोग को थानेदार भी कुछ नहीं समझते हैं. उन्होंने कहा कि वह यहां सुनवाई के लिए आई थीं. तमाम तरह की समस्याएं यहां लोग लेकर आए थे.

महिला आयोग सुनवाई कैसे करता, जब संबंधित थाने या कोतवाली से संबंधित कोई भी अधिकारी या उसका कोई जिम्मेदार ऑफिसर ही नहीं था. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत सूबे के मुखिया से करेंगी. मीना कुमारी ने कहा कि अगर आगे भी इसमें बदलाव नहीं हुआ तो वह इसमें प्रदेश की राजधानी में बैठे जिम्मेदारों को भी इस तरफ गम्भीरता से कदम उठाने के बारे में वार्ता करेंगी.

बुलंदशहर: प्रदेश की राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी बुलंदशहर पहुंचीं. महिला उत्पीड़न की रोकथाम और पीड़ित महिलाओं न्याय दिलाने के उद्देश्य से मीना कुमारी शहर के लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पर जन सुनवाई के लिए पहुंची थीं. इस दौरान मीना कुमारी जन सुनवाई में पुलिस के अधिकारियों के न पहुंचने से नाराज थीं. ईटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि कड़वी सच्चाई है कि थाने और कोतवाली पर बैठे जिम्मेदार उन्हें कुछ नहीं समझते.

महिला आयोग की सदस्य ने पुलिस पर लगाया आरोप.
  • मीना कुमारी पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से शहर आयी थीं.
  • इस मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी उपस्थित होना था.
  • जन सुनवाई में एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से सिर्फ सिटी मजिस्ट्रेट व एसडीएम मौजूद थे.
  • पुलिस विभाग की तरफ से जिम्मेदार अफसर के न पहुंचने पर आयोग की सदस्य नाराज थीं.
  • मीना कुमारी ने पुलिस प्रशासन पर पूरी तहर से सहयोग न देने का गंभीर आरोप लगाया.

मीना कुमारी ने कहा कि-
सीओ और एसपी सिटी में से भी किसी जिम्मेदार अधिकारी को जन सुनवाई में होना चहिए था. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है ऐसा अक्सर होता है. महिला आयोग को थानेदार भी कुछ नहीं समझते हैं. उन्होंने कहा कि वह यहां सुनवाई के लिए आई थीं. तमाम तरह की समस्याएं यहां लोग लेकर आए थे.

महिला आयोग सुनवाई कैसे करता, जब संबंधित थाने या कोतवाली से संबंधित कोई भी अधिकारी या उसका कोई जिम्मेदार ऑफिसर ही नहीं था. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत सूबे के मुखिया से करेंगी. मीना कुमारी ने कहा कि अगर आगे भी इसमें बदलाव नहीं हुआ तो वह इसमें प्रदेश की राजधानी में बैठे जिम्मेदारों को भी इस तरफ गम्भीरता से कदम उठाने के बारे में वार्ता करेंगी.

Intro:सीएम योगी की पुलिस पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी ने पूरी तरह से असहयोग करने का गंभीर आरोप लगाया है,राज्य महिला आयोग की सदस्य और मीणा कुमारी आज बुलन्दशहर में थीं,और यहां जनसुनवाई में पुलिस के अधिकारियों के न पहुंचने से नाखुश थीं, इटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कड़वी सच्चाई है कि थाने और कोतवाली पर बैठे जिम्मेदार उन्हें कुछ नहीं समझते।देखिये इटीवी भारत पर एक्सक्लुसिव बातचीत के प्रमुख अंश।


Body:बुलंदशहर में आज महिला उत्पीड़न की रोकथाम एवं पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाए जाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्या मीना कुमारी बुलन्दशहर के लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पर करीब 11:00 बजे जन सुनवाई के लिए पहुंची, इस मौके पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को भी उपस्थित होना था लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से जहां सिर्फ सिटी मजिस्ट्रेट,व एसडीएम मौजूद रहे तो वहीं महिला थाना प्रभारी आरती शर्मा भी मौजूद थीं लेकिन पुलिस विभाग की तरफ से किसी अन्य जिम्मेदार अफसर के न पहुंचने पर राज्य महिला आयोग की सदस्य ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि सीओ और एसपी सिटी में से भी किसी जिम्मेदार अधिकारी को कम से मजके पर होना जरूरी है, इस दौरान उन्होंने अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है और अक्सर ऐसा देखा जाता है कि महिला आयोग को थानेदार भी कुछ नहीं समझते हैं और इसे कहने में उन्हें कोई गुरेज भी नहीं है, इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह यहां सुनवाई के लिए आई थीं, तमाम तरह की समस्याएं यहां लोग लेकर आए थे ,लेकिन महिला आयोग सुनवाई कर सकता है, लेकिन जब संबंधित थाने या कोतवाली से संबंधित कोई भी अधिकारी या उसका कोई जिम्मेदार ऑफिसर नहीं होगा तो वह उसमें उस तरह से न्याय पीड़ित को नहीं दिला सकती ,महिला आयोग की सदस्य ने तल्ख़ लहज़े में कहा कि इस बार वह एसएसपी डीएम से भी इस बारे में अवगत कराएगी,साथ ही इसकी शिकायत सूबे के मुखिया से भी करेंगी,और अगर आगे भी इसमें बदलाव नहीं हुआ तो वह इसमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बैठे जिम्मेदारों को भी इस तरफ गम्भीरता से कदम उठाने के बारे में वार्ता करेंगी ।

one to one...... मीना कुमारी,सदस्य राज्य महिला आयोग,उत्तरप्रदेश।




Conclusion:फिलहाल इस मौके पर उन्होंने इटीवी से जिस बेबाकी से इस बात को स्वीकार किया कि उन्हें थानों में तैनात दरोगा या इंस्पेक्टर कुछ नहीं समझता उससे एक बात तो साफ है कि जब तक यहां सुधारात्मक रवैय्या नहीं अपनाया जाता तब तक आयोग का जो उद्देश्य है वो पूरा भी नहीं हो सकता ।


श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
921340888

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