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किन्नर अखाड़ा की महामण्डलेश्वर ने 21 कुंतल फूल से मनाई होली

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Published : Mar 24, 2019, 11:08 AM IST

प्रयागराज में किन्नर अखाड़ा की महामण्डलेश्वर ने 21 कुंतल फूल से होली मनाई. इस दौरान आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी ने कहा कि आज जल संकट सबके सामने है. ऐसे में जल संरक्षण करना हमारा दायित्व है. मथुरा में भी फूलों की होली खेली जाती है.

किन्नर अखाड़ा ने मनाई होली.

प्रयागराज : होली के मौसम में जहां एक तरफ पूरे देश में रंग-बिरंगे लाल गुलाल रंगों की बौछार चल रही है. वहीं किन्नर अखाड़े ने ग्लोबल वार्मिंग के दौर में फूलों की होली खेलकरअनोखे अंदाज में इस त्योहार को मनाया. उनके द्वारा मनाया गया इस अनोखे अंदाज में होली पर्व को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

किन्नर अखाड़ा ने मनाई होली.

शनिवार को आयोजित होली मिलन समारोह कार्यक्रम में आए किन्नर अखाड़ा के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि शहर के लोगों और श्रद्धालुओं के साथ पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का संदेश देना, गुलाब और गेंदे के फूलों के साथ होली खेलने का प्रमुख उद्देश्य रहा है. इस अवसर पर आए बतौर मुख्य अतिथि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि किन्नर हमारे थे, और हैं आने वाले समय में रहेंगे भी.

उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किन्नर उप देवता की श्रेणी में आते हैंं. और यह पूजनीय भी हैं. आज उन्हें समाज ने स्वीकारा है यह हमें बहुत ही अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि कुंभ से पहले जो भी इस अखाड़े का विरोध कर रहे थे, आज वह इनके साथ खड़े हुए हैं.

किन्नरों द्वारा आयोजित इस होली मिलन समारोह में गेंदा और गुलाब के फूलों से होली मनाई गई. इस दौरान 21 कुंतल फूलों की पंखुड़ियों से सभी लोगों के ऊपरडाला गया. इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी ने कहा कि आज जल संकट सबके सामने है ऐसे में जलसंरक्षण करना हमारा दायित्व है. मथुरा में भी फूलों की होली खेली जाती है और ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर में फूलों की होली एक बेहतर संदेश देने का कार्य करें.

प्रयागराज : होली के मौसम में जहां एक तरफ पूरे देश में रंग-बिरंगे लाल गुलाल रंगों की बौछार चल रही है. वहीं किन्नर अखाड़े ने ग्लोबल वार्मिंग के दौर में फूलों की होली खेलकरअनोखे अंदाज में इस त्योहार को मनाया. उनके द्वारा मनाया गया इस अनोखे अंदाज में होली पर्व को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

किन्नर अखाड़ा ने मनाई होली.

शनिवार को आयोजित होली मिलन समारोह कार्यक्रम में आए किन्नर अखाड़ा के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि शहर के लोगों और श्रद्धालुओं के साथ पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का संदेश देना, गुलाब और गेंदे के फूलों के साथ होली खेलने का प्रमुख उद्देश्य रहा है. इस अवसर पर आए बतौर मुख्य अतिथि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि किन्नर हमारे थे, और हैं आने वाले समय में रहेंगे भी.

उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किन्नर उप देवता की श्रेणी में आते हैंं. और यह पूजनीय भी हैं. आज उन्हें समाज ने स्वीकारा है यह हमें बहुत ही अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि कुंभ से पहले जो भी इस अखाड़े का विरोध कर रहे थे, आज वह इनके साथ खड़े हुए हैं.

किन्नरों द्वारा आयोजित इस होली मिलन समारोह में गेंदा और गुलाब के फूलों से होली मनाई गई. इस दौरान 21 कुंतल फूलों की पंखुड़ियों से सभी लोगों के ऊपरडाला गया. इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी ने कहा कि आज जल संकट सबके सामने है ऐसे में जलसंरक्षण करना हमारा दायित्व है. मथुरा में भी फूलों की होली खेली जाती है और ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर में फूलों की होली एक बेहतर संदेश देने का कार्य करें.

Intro:होली के मौसम में जहां एक तरफ पूरे देश में रंग-बिरंगे लाल गुलाल रंगों की बौछार चल रही है वही किन्नर अखाड़े ने ग्लोबल वार्मिंग के दौर में फूलों की होली खेलकर के अनोखे अंदाज में इस त्यौहार को मनाया। उनके द्वारा मनाया गया इस अनोखे अंदाज में होली पर्व को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे और इस त्यौहार को अनोखे अंदाज में मनाए।


Body:कल शाम आयोजित एक होली मिलन समारोह कार्यक्रम में पधारें किन्नर अखाड़ा के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि शहर के लोगों और श्रद्धालुओं के साथ पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का संदेश देना गुलाब और गेंदे के फूलों के साथ होली खेलने का यह प्रमुख उद्देश्य रहा है इस अवसर पर पधारे बतौर मुख्य अतिथि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी ने कहा कि किन्नर हमारे थे और हैं आने वाले समय में रहेंगे भी उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किन्नर उप देवता की श्रेणी में आते हैं और यह पूजनीय भी हैं आज उन्हें समाज ने स्वीकारा है यह हमें बहुत ही अच्छा लग रहा है उन्होंने कहा कि कुंभ से पहले जो भी इस अखाड़े का विरोध कर रहे थे आज वह इनके साथ खड़े हुए हैं।


Conclusion:किन्नरों द्वारा आयोजित इस होली मिलन समारोह में गेंदा और गुलाब के फूलों से होली मनाई गई और इस दौरान 21 कुंटल फूलों की पंखुड़ियों से सभी लोगों के ऊपर इसे डाला गया। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में बताया होली तो पूरे देश में मनाई जा रही है लेकिन जल की चिंता किसी की उम्र नहीं है आज संकट सबके सामने है ऐसे में जल का संरक्षण करना हमारा दायित्व है मथुरा में भी फूलों की होली खेली जाती है और ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर में फूलों की होली एक बेहतर संदेश देने का कार्य करेगी।

बाईट: लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी आचार्य महामंडलेश्वर

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज

नोट: कल देर शाम यह कार्यक्रम हुआ था वहां से लौटने पर मोजो हैंग हो गया था काफी देर में यह आन हुआ था जिसके चलते विलम्ब हुआ बाकी जो डेस्क निर्धारित करे।
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