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एलडीए और आरडब्ल्यूए की लड़ाई में पिस रहा आवंटी - लखनऊ एलडीए

लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की लड़ाई में आवंटियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रजिस्ट्री होने के बावजूद भी फ्लैट मिलने में लोगों को परेशानी हो रही है.

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Published : Jun 19, 2021, 4:56 PM IST

लखनऊ: अगर आप अपने सपनों के घर का सपना लखनऊ विकास प्राधिकरण के भरोसे देख रहे हैं और आप एलडीए का फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो आप सावधान हो जाएं. क्या पता पूरा पैसे देने और रजिस्ट्री होने के बावजूद भी आपको आपका फ्लैट रहने के लिए न मिले. आपको लग रहा होगा कि एक सरकारी संस्था ऐसा कैसे कर सकती है, लेकिन ऐसा हो रहा है आवंटी लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की लड़ाई में पिस रहा है.

पैसा नहीं देना चाहता है एलडीए

लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का आरोप है कि मेंटिनेंस का पैसा आरडब्ल्यूए को न देना पड़े, इसको लेकर अनधिकृत तरीके से एलडीए आरडब्ल्यूए पर दबाव बनाकर आवंटी और आरडब्ल्यूए दोनों को उलझा रहा है. आज भी आवंटियों से रजिस्ट्री के समय खुद 3 साल का मेंटिनेंस एलडीए द्वारा लिया जा रहा है, जबकि अपार्टमेंट की आरडब्ल्यूए बनने के बाद ऐसा नहीं किया जा सकता है.

एलडीए ने लिया पैसा

गोमती नगर विस्तार के अपार्टमेंट ग्रीनवुड आई जे ब्लॉक 901 नम्बर का फ्लैट अजय मणि के नाम से पिछले वर्ष 28 सितंबर को लॉटरी के माध्यम से आवंटित हुआ था. फ्लैट की रजिस्ट्री पिछले दिनों 17 फरवरी 2021 को एलडीए द्वारा की गई. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अजय मणि से सभी देय के साथ-साथ 3 साल का मेंटिनेंस 47,330.00 रुपये भी एलडीए के खाते में जमा करा लिया. ग्रीनवुड आई जे ब्लॉक का आरडब्ल्यूए 28 फरवरी 2018 को ही बन गया था और मेंटिनेंस सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है. ऐसे हालात में एलडीए आवंटी से मेंटिनेंस नहीं ले सकता, बल्कि मेंटिनेंस आवंटी आरडब्ल्यूए में जमा कराकर उसकी रशीद एलडीए को उपलब्ध कराएगा. ऐसी व्यवस्था खुद के एलडीए के प्राविधान में हैं.

आरडब्ल्यूए और आवंटियों के बीच तनाव

प्राधिकरण के तत्कालीन पीएन सिंह के आदेश पर 21 मई 2018 में स्प्ष्ट लिखा है कि आरडब्ल्यूए के गठन के उपरान्त जिन आवंटियों की रजिस्ट्री नहीं हुई है, उन्हें रजिस्ट्री कराने से पूर्व आरडब्लूए में मेंटिनेंस धनराशि जमा कराकर भुगतान की प्राप्त रसीद प्राधिकरण में प्रस्तुत करनी होगी, लेकिन एलडीए नए आवंटियों से खुद 3 साल का मेंटिनेंस एलडीए के खाते में जमा करा ले रहा है. उमाशंकर दुबे ने आरोप लगाया कि एलडीए आवंटियों को गुमराह कर आरडब्ल्यूए पर दबाव बनाकर उन्हें फ्लैट में बगैर मेंटिनेंस के दाखिल करने के लिए दबाव बना रहा है. ऐसे हालात में आरडब्ल्यूए और आवंटियों के बीच तनाव बना हुआ है.

आरडब्लूए नहीं लेने दे रहा आवंटी को कब्जा

आवंटी को लगता है आरडब्ल्यूए अनावश्यक दबाव बना रही है, जबकि आरडब्ल्यूए अपने नियमों के अनुसार मेंटिनेंस के बगैर कैम्पस में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रही है. ऐसे हालात में जब आवंटी एलडीए का सहारा लेता है तो एलडीए तत्कालीन वीसी पीएन सिंह के पत्र का हवाला देकर आरडब्ल्यूए पर बकाया मेंटिनेंस के लिए बगैर आवंटी को सोसायटी का सदस्य बनाकर फ्लैट में दाखिल होने देने का दबाव बना रहा है, जो एक नए आवंटी के लिए पीड़ादायक है.

यह भी पढ़ें: पूर्व आईएएस एके शर्मा बने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष

शिकायत मिलने पर होगी जांच

प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति सामने नहीं आई है. जिस भी आवंटी ने प्राधिकरण में पूरा पैसा जमा कर दिया है उन्हें नियमानुसार कब्जा दिलाया जाएगा. मेंटेनेंस का पैसा नियमानुसार ही आरडब्लूए के खातों में जमा किया जाता है. यदि कहीं विवाद है, तो उसका समाधान कराया जाएगा.

लखनऊ: अगर आप अपने सपनों के घर का सपना लखनऊ विकास प्राधिकरण के भरोसे देख रहे हैं और आप एलडीए का फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो आप सावधान हो जाएं. क्या पता पूरा पैसे देने और रजिस्ट्री होने के बावजूद भी आपको आपका फ्लैट रहने के लिए न मिले. आपको लग रहा होगा कि एक सरकारी संस्था ऐसा कैसे कर सकती है, लेकिन ऐसा हो रहा है आवंटी लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की लड़ाई में पिस रहा है.

पैसा नहीं देना चाहता है एलडीए

लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का आरोप है कि मेंटिनेंस का पैसा आरडब्ल्यूए को न देना पड़े, इसको लेकर अनधिकृत तरीके से एलडीए आरडब्ल्यूए पर दबाव बनाकर आवंटी और आरडब्ल्यूए दोनों को उलझा रहा है. आज भी आवंटियों से रजिस्ट्री के समय खुद 3 साल का मेंटिनेंस एलडीए द्वारा लिया जा रहा है, जबकि अपार्टमेंट की आरडब्ल्यूए बनने के बाद ऐसा नहीं किया जा सकता है.

एलडीए ने लिया पैसा

गोमती नगर विस्तार के अपार्टमेंट ग्रीनवुड आई जे ब्लॉक 901 नम्बर का फ्लैट अजय मणि के नाम से पिछले वर्ष 28 सितंबर को लॉटरी के माध्यम से आवंटित हुआ था. फ्लैट की रजिस्ट्री पिछले दिनों 17 फरवरी 2021 को एलडीए द्वारा की गई. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अजय मणि से सभी देय के साथ-साथ 3 साल का मेंटिनेंस 47,330.00 रुपये भी एलडीए के खाते में जमा करा लिया. ग्रीनवुड आई जे ब्लॉक का आरडब्ल्यूए 28 फरवरी 2018 को ही बन गया था और मेंटिनेंस सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है. ऐसे हालात में एलडीए आवंटी से मेंटिनेंस नहीं ले सकता, बल्कि मेंटिनेंस आवंटी आरडब्ल्यूए में जमा कराकर उसकी रशीद एलडीए को उपलब्ध कराएगा. ऐसी व्यवस्था खुद के एलडीए के प्राविधान में हैं.

आरडब्ल्यूए और आवंटियों के बीच तनाव

प्राधिकरण के तत्कालीन पीएन सिंह के आदेश पर 21 मई 2018 में स्प्ष्ट लिखा है कि आरडब्ल्यूए के गठन के उपरान्त जिन आवंटियों की रजिस्ट्री नहीं हुई है, उन्हें रजिस्ट्री कराने से पूर्व आरडब्लूए में मेंटिनेंस धनराशि जमा कराकर भुगतान की प्राप्त रसीद प्राधिकरण में प्रस्तुत करनी होगी, लेकिन एलडीए नए आवंटियों से खुद 3 साल का मेंटिनेंस एलडीए के खाते में जमा करा ले रहा है. उमाशंकर दुबे ने आरोप लगाया कि एलडीए आवंटियों को गुमराह कर आरडब्ल्यूए पर दबाव बनाकर उन्हें फ्लैट में बगैर मेंटिनेंस के दाखिल करने के लिए दबाव बना रहा है. ऐसे हालात में आरडब्ल्यूए और आवंटियों के बीच तनाव बना हुआ है.

आरडब्लूए नहीं लेने दे रहा आवंटी को कब्जा

आवंटी को लगता है आरडब्ल्यूए अनावश्यक दबाव बना रही है, जबकि आरडब्ल्यूए अपने नियमों के अनुसार मेंटिनेंस के बगैर कैम्पस में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रही है. ऐसे हालात में जब आवंटी एलडीए का सहारा लेता है तो एलडीए तत्कालीन वीसी पीएन सिंह के पत्र का हवाला देकर आरडब्ल्यूए पर बकाया मेंटिनेंस के लिए बगैर आवंटी को सोसायटी का सदस्य बनाकर फ्लैट में दाखिल होने देने का दबाव बना रहा है, जो एक नए आवंटी के लिए पीड़ादायक है.

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शिकायत मिलने पर होगी जांच

प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति सामने नहीं आई है. जिस भी आवंटी ने प्राधिकरण में पूरा पैसा जमा कर दिया है उन्हें नियमानुसार कब्जा दिलाया जाएगा. मेंटेनेंस का पैसा नियमानुसार ही आरडब्लूए के खातों में जमा किया जाता है. यदि कहीं विवाद है, तो उसका समाधान कराया जाएगा.

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