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सूरत अग्निकांड जैसे हादसों को दावत दे रहे हैं कानपुर के कोचिंग सेंटर!

हाल ही में गुजरात के सूरत में एक कोचिंग में लगी आग की घटना ने देश को दहला दिया था. इस घटना में 20 छात्रों की मौत हो गई थी. कोचिंग में आग से बचने और इमरजेंसी निकास जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं भी नहीं थीं अथवा इस हादसे में हुई जनहानि से बचा जा सकता था. कानपुर महानगर में भी कोचिंग सेंटरों में ऐसी घटनाओं से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है.

सूरत अग्निकांड जैसे हादसों को दावत दे रहे कानपुर के कोचिंग सेंटर.
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Published : May 26, 2019, 7:01 AM IST

कानपुर : सूरत शहर में दिल दहला देने वाले अग्निकांड के बाद कानपुर की सबसे बड़ी कोचिंग मंडी काकादेव में दहशत का मौहाल है. नगर के इस इलाके में ढाई सौ से अधिक कोचिंग संस्थान चलते हैं. यहां हजारों विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. इन कोचिंग संस्थानों में आग या किसी अन्य हादसे से निपटने के उपाय नाकाफी हैं. साथ ही अग्निशमन विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण जैसी जिम्मेदार संस्थाएं भी इस तरफ आंखें मूंदे रहती हैं.

सूरत अग्निकांड जैसे हादसों को दावत दे रहे कानपुर के कोचिंग सेंटर.
कितना सुरक्षित है कानपुर का कोचिंग अड्डा !
  • काकादेव केे सत्तर प्रतिशत से अधिक कोचिंग संचालक फायर डिपार्टमेण्ट की एनओसी नहीं दिखा सके.
  • जिनके पास एनओसी का कागज था वह आंखों में धूल झोंकने वाला था.
  • यह एनओसी केवल संस्थान में लगे अग्निशमन उपकरण के एक्टिव होने का प्रमाण था.
  • आग से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
  • एक ही इमारत में कई कोचिंग चलाए जा रहे हैं.

सूरत में जो घटना हुई है वह वाकई कानपुर के लिए भी चिंता का विषय है. यहां सुरक्षा मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया है. बड़ी संख्या में छात्र यहां अपना भविष्य बनाने आते हैं जबकि कोचिंग संचालक उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. कायदे से सभी कोचिंग संस्थानों को आग अथवा आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने और उनसे बचने के उपाय करने चाहिए. अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो यहां सूरत से भी बड़ा हादसा हो सकता है.
- जफर सिद्दीकी, छात्र

कानपुर : सूरत शहर में दिल दहला देने वाले अग्निकांड के बाद कानपुर की सबसे बड़ी कोचिंग मंडी काकादेव में दहशत का मौहाल है. नगर के इस इलाके में ढाई सौ से अधिक कोचिंग संस्थान चलते हैं. यहां हजारों विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. इन कोचिंग संस्थानों में आग या किसी अन्य हादसे से निपटने के उपाय नाकाफी हैं. साथ ही अग्निशमन विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण जैसी जिम्मेदार संस्थाएं भी इस तरफ आंखें मूंदे रहती हैं.

सूरत अग्निकांड जैसे हादसों को दावत दे रहे कानपुर के कोचिंग सेंटर.
कितना सुरक्षित है कानपुर का कोचिंग अड्डा !
  • काकादेव केे सत्तर प्रतिशत से अधिक कोचिंग संचालक फायर डिपार्टमेण्ट की एनओसी नहीं दिखा सके.
  • जिनके पास एनओसी का कागज था वह आंखों में धूल झोंकने वाला था.
  • यह एनओसी केवल संस्थान में लगे अग्निशमन उपकरण के एक्टिव होने का प्रमाण था.
  • आग से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
  • एक ही इमारत में कई कोचिंग चलाए जा रहे हैं.

सूरत में जो घटना हुई है वह वाकई कानपुर के लिए भी चिंता का विषय है. यहां सुरक्षा मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया है. बड़ी संख्या में छात्र यहां अपना भविष्य बनाने आते हैं जबकि कोचिंग संचालक उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. कायदे से सभी कोचिंग संस्थानों को आग अथवा आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने और उनसे बचने के उपाय करने चाहिए. अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो यहां सूरत से भी बड़ा हादसा हो सकता है.
- जफर सिद्दीकी, छात्र

Intro: कानपुर :- महानगर में भी हो सकती है सूरत जैसी घटना ।

सूरत शहर में दिल दहला देने वाले अग्निकाण्ड के बाद कानपुर की सबसे बड़ी कोचिंग मण्डी काकादेव में दहशत का मौहाल है । ये इलाका कानपुर नगर का हिस्सा है जहाॅ ढाई सौ से अधिक कोचिंग संस्थान एक साथ चलते हैं और तीन लाख विद्यार्थी यहाॅ रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है।  एक रियलटी चेक में इन कोचिंग संस्थानों में आग या किसी अन्य हादसे से निपटने के उपाय नाकाफी होने और अग्नि शमन विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण जैसे जिम्मेदार संस्थाओं के आँख मूॅद रखने की सच्चाई सामने आयी। 
   


Body:काकादेव केे सत्तर प्रतिशत से अधिक कोचिंग संचालक फायर डिपार्टमेण्ट की एनओसी नहीं दिखा सके लेकिन जिनके पास एनओसी का कागज था तो उसके पीछे भी एक बड़ा खेल नजर आया। ये एनओसी केवल संस्थान में लगे अग्निशमन उपकरण के एक्टिव होने का प्रमाण पत्र था।
हालाॅकि सूरत की घटना के बाद कुछ कोचिंग संचालकों ने संवेदना जतायी और भरोसा दिया कि वे अपने यहाॅ अग्नि सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर जरूरी उपाय करेगें। आज शाम जिला प्रशासन के अधिकारियों ने काकादेव कोचिंग मण्डी में छापेमारी का कार्यक्रम भी बनाया हुआ है लेकिन पहले भी इस तरह की घटनाओं पर जो सक्रियता दिखायी गयी है, वो महज चार दिन का दिखावा साबित हुई हैं।
बाईट -  जफ़र सिद्दीकी ,कोचिंग पढ़ने वाला छात्र 

बाईट - श्याम कुमार कटियार ,अभिभावक 

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।





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