कानपुर : सूरत शहर में दिल दहला देने वाले अग्निकांड के बाद कानपुर की सबसे बड़ी कोचिंग मंडी काकादेव में दहशत का मौहाल है. नगर के इस इलाके में ढाई सौ से अधिक कोचिंग संस्थान चलते हैं. यहां हजारों विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. इन कोचिंग संस्थानों में आग या किसी अन्य हादसे से निपटने के उपाय नाकाफी हैं. साथ ही अग्निशमन विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण जैसी जिम्मेदार संस्थाएं भी इस तरफ आंखें मूंदे रहती हैं.
- काकादेव केे सत्तर प्रतिशत से अधिक कोचिंग संचालक फायर डिपार्टमेण्ट की एनओसी नहीं दिखा सके.
- जिनके पास एनओसी का कागज था वह आंखों में धूल झोंकने वाला था.
- यह एनओसी केवल संस्थान में लगे अग्निशमन उपकरण के एक्टिव होने का प्रमाण था.
- आग से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
- एक ही इमारत में कई कोचिंग चलाए जा रहे हैं.
सूरत में जो घटना हुई है वह वाकई कानपुर के लिए भी चिंता का विषय है. यहां सुरक्षा मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया है. बड़ी संख्या में छात्र यहां अपना भविष्य बनाने आते हैं जबकि कोचिंग संचालक उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. कायदे से सभी कोचिंग संस्थानों को आग अथवा आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने और उनसे बचने के उपाय करने चाहिए. अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो यहां सूरत से भी बड़ा हादसा हो सकता है.
- जफर सिद्दीकी, छात्र