मिर्जापुर: प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य सरकार तरह-तरह के प्रयास कर रही है. इन बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों के बच्चों के मुकाबले खड़ा करने के लिए प्राथमिक शिक्षा में ग्रेडेड लर्निंग प्रोग्राम लांच किया गया है. इसके तहत प्राइमरी के बच्चों को उनकी शैक्षिक गुणवत्ता के आधार पर ग्रेड दिया जाएगा और फिर उन्हें छोटे-छोटे समूहों में बांटकर गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा के स्तर को सुधारा जाएगा. इसके तहत मिर्जापुर के जिला पंचायत सभागार में खंड शिक्षा अधिकारी और टीचरों को ग्रेडेड लर्निंग के बारे में BSA ने बताया गया कैसे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है.
कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर देंगे प्राइमरी स्कूल के बच्चे
- परिषदीय विद्यालयों को कॉन्वेंट स्कूलों से टक्कर देने के लिए और कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों में सीखने की क्षमता एवं समझ को बढ़ाने के लिए परिषदीय विद्यालयों में ग्रेडेड लर्निंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
- मिर्जापुर में भी जनपद के सभी विकासखंडो में रिसोर्स टीम का गठन किया गया है.
- शिक्षा में सुधार को लेकर आज एक बैठक की गई, जिसमें बताया गया कि 1 जुलाई से सभी विद्यालयों में ग्रेडेड लर्निंग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित किया जाएगा.
- जिन बच्चों का हिंदी और मैथ विषय कमजोर रहता है उन बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
- बैठक में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और टीचरों से इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा देने को कहा गया.
पूरे प्रदेश में ग्रेडेड लर्निंग से यह देखा जा रहा है कि कितने बच्चे हैं जो किताब नहीं पढ़ पाते हैं, कितने बच्चे हैं जो गणित के सामान्य सवाल हल नहीं कर पाते हैं, उन बच्चों के लिए हम लोग ग्रेडेड लर्निंग विशेष शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. ग्रेडेड लर्निंग से पता चला है कि मिर्जापुर में 57 परसेंट के ऊपर ऐसे बच्चे हैं जो हिंदी और गणित की जानकारी में दक्ष हैं, हमें इसे अगले वर्ष 70% से लेकर 100% तक ले जाना है इससे शिक्षा में सुधार आए और बच्चे कान्वेंट स्कूल से किसी मायने में कम ना रहें.
- प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए