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आखिर क्यों फूलपुर लोकसभा सीट कही जाती है देश के राजनीति की गंगोत्री, जानें - राजनीतिक विशेषज्ञ बाबा अवस्थी

फूलपुर लोकसभा सीट सिर्फ संसदीय सीट नहीं बल्कि की देश के राजनीति की गंगोत्री है. यहीं से देश के राजनीति का शुरुआत हुई. आजादी के बाद इस सीट से चुनाव लड़कर जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने. इसी को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने राजनीतिक विशेषज्ञ बाबा अवस्थी से खास बातचीत की.

फूलपुर लोकसभा सीट से शुरू हुई देश की राजनीति
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Published : May 3, 2019, 7:38 PM IST

प्रयागराज: फूलपुर लोकसभा सीट सिर्फ संसदीय सीट नहीं बल्कि की देश के राजनीति की गंगोत्री है. यहीं से देश के राजनीति का शुरुआत हुई. आजादी के बाद इस सीट से चुनाव लड़कर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बने. लगातार तीन बार चुनाव लड़कर देश का प्रतिनिधित्व किया. यह कहना है राजनीतिक विशेषज्ञ बाबा अवस्थी का. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि फूलपुर लोकसभा सीट ही नहीं बल्कि की देश की राजनीति का शुरुआत इसी सीट से हुई.

संवाददाता ने की राजनीतिक विशेषज्ञ बाबा अवस्थी से बातचीत.

बाबा अवस्थी से ईटीवी भारत की बातचीत

  • जवाहर लाल नेहरू के समय फूलपुर लोकसभा सीट कौशाम्बी तक कवर करता था. पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने ही डॉ. राम मनोहर लोहिया को अपने विपक्ष में चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया था.
  • डॉ. लोहिया आनंद भवन में नेहरू जी के साथ पीए का काम देखते थे.
  • वहीं तीन बार नेहरू और दो बार उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित ने इस सीट से चुनाव लड़ा.
  • वहीं फूलपुर लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा कांग्रेस ने लगातार विजयी होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है.
  • इस सीट से तीन बार पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चुनाव लड़कर देश का प्रतिनिधित्व किया.
  • इसके बाद उनका निधन हो गया तो 1964 में उनकी बहन विजयी लक्ष्मी पंडित ने चुनाव लड़कर यहां से जीत दर्ज की.
  • वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से केशव मौर्य ने यहां से जीत हासिल की थी. लेकिन वह विधान परिषद गए और डिप्टी सीएम बने. उसके बाद इस सीट के उपचुनाव हुआ और समाजवादी पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की.

प्रयागराज: फूलपुर लोकसभा सीट सिर्फ संसदीय सीट नहीं बल्कि की देश के राजनीति की गंगोत्री है. यहीं से देश के राजनीति का शुरुआत हुई. आजादी के बाद इस सीट से चुनाव लड़कर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बने. लगातार तीन बार चुनाव लड़कर देश का प्रतिनिधित्व किया. यह कहना है राजनीतिक विशेषज्ञ बाबा अवस्थी का. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि फूलपुर लोकसभा सीट ही नहीं बल्कि की देश की राजनीति का शुरुआत इसी सीट से हुई.

संवाददाता ने की राजनीतिक विशेषज्ञ बाबा अवस्थी से बातचीत.

बाबा अवस्थी से ईटीवी भारत की बातचीत

  • जवाहर लाल नेहरू के समय फूलपुर लोकसभा सीट कौशाम्बी तक कवर करता था. पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने ही डॉ. राम मनोहर लोहिया को अपने विपक्ष में चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया था.
  • डॉ. लोहिया आनंद भवन में नेहरू जी के साथ पीए का काम देखते थे.
  • वहीं तीन बार नेहरू और दो बार उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित ने इस सीट से चुनाव लड़ा.
  • वहीं फूलपुर लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा कांग्रेस ने लगातार विजयी होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है.
  • इस सीट से तीन बार पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चुनाव लड़कर देश का प्रतिनिधित्व किया.
  • इसके बाद उनका निधन हो गया तो 1964 में उनकी बहन विजयी लक्ष्मी पंडित ने चुनाव लड़कर यहां से जीत दर्ज की.
  • वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से केशव मौर्य ने यहां से जीत हासिल की थी. लेकिन वह विधान परिषद गए और डिप्टी सीएम बने. उसके बाद इस सीट के उपचुनाव हुआ और समाजवादी पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की.
Intro:प्रयागराज: फूलपुर लोकसभा सीट से शुरू हुई हिंदुस्तान की राजनीति- राजनीतिक विशेषज्ञ बाबा अवस्थी

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प्रयागराज: फूलपुर लोकसभा सीट सिर्फ संसदीय सीट नहीं बल्कि की देश के राजनीति की गंगोत्री है. यहीं से देश के राजनीति का शुरुआत हुई. आजादी के बाद इस सीट से चुनाव लड़कर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बने. लगातार तीन बार चुनाव लड़कर देश का प्रतिनिधित्व किया. यह कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजनीतिक विशेषज्ञ बाबा अवस्थी का. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि फूलपुर लोकसभा सीट ही नहीं बल्कि की देश की राजनीति का शुरुआत इसी सीट से हुई.


Body:डॉ. राम मनोहर लोहिया लड़े यहाँ से चुनाव

बाबा अवस्थी ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू के समय फूलपुर लोकसभा सीट कौशम्बी तक कवर करता था. पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने ही डॉ. राम मनोहर लोहिया को अपने विपक्ष में चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया था. डॉ. लोहिया आनंद भवन में नेहरू जी के साथ पीए का काम देखते थे.

तीन बार नेहरू और दो बार उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित ने इस सीट से लड़ा चुनाव

वरिष्ठ विशेषज्ञ अवस्थी ने बताया कि फूलपुर लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा कांग्रेस ने लगातार विजयी होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है. इस सीट से तीन बार पंडित जवाहर लाल नेहरू जी चुनाव लड़कर देश का प्रतिनिधित्व किया. 1951, 1957 और फिर 1962 में चुनाव लड़कर जीत दर्ज किया. इसके बाद उनका निधन हो गया तो 1964 में उनकी बहन विजयी लक्ष्मी पंडित ने चुनाव लड़कर जीत दर्ज किया.


Conclusion:वह लगातार दो बार इसी सीट से जीत दर्ज किया. अगर सबसे ज्यादा किसी ने इस सीट पर कब्जा किया है तो वह कांग्रेस के हक में जाता है. उसके बाद से ही इस सीट पर किसी एक पार्टी ने नही बल्कि अलग-लाग पार्टी बदलती रही. लगातार बदलाव के बाद अगर बात करें तो समाजवादी पार्टी के कई दिग्गज नेता इस सीट से संसाद रहे. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से सांसद केशव मौर्य बने और जब उन्होंने विधानसभा गए और डिप्टी सीएम बने. उसके बाद इस सीट के उपचुनाव हुया और जबरदस्त जीत समाजवादी पार्टी ने की.


काशी राम और सोने लाल पटेल भी लड़ चूंके हैं फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव

बाबा अवस्थी ने बताया कि इस सीट से एक बार काशी राम ने भी चुनाव लड़े वह भी हार गए. इसके बाद यहां से पटेल समुदाय के बड़े नेता सोने लाल पटेल भी चुनाव लड़ा और वह भी हार का सामना किया.

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