वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर अब काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. सैकड़ों साल पुराने मंदिरों के सामने आने के बाद अब इन मंदिरों के संरक्षण का काम शुरू हो चुका है. एक तरफ जहां मंदिरों पर जमे कब्जे को हटाकर मंदिरों को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोला जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ मंदिर को उसकी पहचान देने के साथ ही श्रद्धालुओं को इन मंदिरों के बारे में बताने के लिए भी मंदिर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है.
काम में रफ्तार आने के बाद जब विश्वनाथ कॉरिडोर के रास्ते में पड़ने वाले मकानों को मंदिर प्रशासन ने खरीदना शुरू किया तो एक के बाद एक कई ऐसे अद्भुत मंदिर सामने आए, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं था. सैकड़ों साल पुराने इन मंदिरों के सामने आने के बाद अब इन मंदिरों के संरक्षण का काम शुरू हो चुका है. साथ ही हर मंदिर के बाहर स्टील के बने फ्रेम में खास तरह से पूरी जानकारी मंदिर की पिक्चर के साथ लगाई जा रही है ताकि कॉरिडोर के रास्ते विश्वनाथ मंदिर तक जाने वाले श्रद्धालुओं को घरों के अंदर अब तक छुपे इन पौराणिक और धार्मिक मंदिरों के दर्शन भी हो सके और इसकी जानकारी भी इनको मिल सके.
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक कॉरीडोर के दौरान अब तक 130 से ज्यादा मकानों को तोड़ा जा चुका है जिनमें छुपे 30 मंदिर अब तक सामने आए. इनमें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रतिरूप के रूप में सामने आया नीलकंठ स्थित एक मंदिर है. जबकि सदियों पुराना कुंभा महादेव का मंदिर, समुद्र मंथन मंदिर, जौ विनायक समेत कई अन्य ऐसे पौराणिक मंदिर हैं जो सैकड़ों साल पहले स्थापित किए गए थे लेकिन प्रशासनिक अनदेखी की वजह से धीरे-धीरे इन पर कब्जा होता गया और यह मंदिर घरों के अंदर चले गए और किसी को इनके बारे में जानकारी ही नहीं हासिल हो सकी लेकिन जब मंदिर विस्तारीकरण का काम शुरू हुआ और कॉरिडोर के लिए घरों को तोड़ने का काम जारी हुआ तो यह मंदिर सामने आने लगे और कई ऐसे मंदिर मिले हैं जो अपने आप में अद्भुत हैं और काफी पौराणिक है. इसलिए इन मंदिरों तक हर श्रद्धालु को पहुंचाने के लिए मंदिर प्रशासन फिजिकल और डिजिटल दोनों तरह से एक्सेस कर रहा है.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि मंदिर प्रशासन की तरफ से अब तक जिन मकानों को तोड़ा गया उनमें 30 मंदिर सामने आए हैं जो अपने आप में पौराणिक और अद्भुत हैं. इन मंदिरों के फिजिकल एक्सेस के लिए हर मंदिर के बाहर इन मंदिरों की फोटोग्राफ के साथ पूरी डिटेल का बोर्ड लगाया जा रहा है. इसके अलावा गूगल पर सभी मंदिरों की डिजिटल एक्सेस भी तैयार कराई जा रही है जिससे हर मंदिर की जानकारी इन रास्तों से गुजरने वाले श्रद्धालुओं को उनके मोबाइल पर भी मिलती रहेगी यानी हर मंदिर की जानकारी के लिए मंदिर प्रशासन खास तैयारी कर रहा है ताकि इस रास्ते से होते हुए जाने वाले श्रद्धालुओं को विश्वनाथ मंदिर जाने से पहले मंदिर विस्तारीकरण के तहत सामने आने वाले इन मंदिरों के भी दर्शन हो सके.