हरदोई: जिले में कच्ची शराब का कारोबार विगत लम्बे समय से चलता आ रहा है. आलम यह है कि गांव की अधिकतर महिलाएं भी इस कारोबार को करने में लग गई हैं. इसका एक अहम कारण लोगों के पास कोई पुख्ता रोजगार न होना भी है. इसी को ध्यान में रखते हुए अब एक अभियान के तहत गांवों में जाकर ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार भी दिया जाएगा. जिससे कि वे अवैध शराब का काम छोड़कर अन्य कामों के माध्यम से अपनी जीविका चला पाएंगे और शराब की आड़ में बनने वाले जहर पर अंकुश लगाया जा सके.
अवैध शराब पर लगेगा अंकुश
- जिले के ग्रामीण इलाकों में कच्ची शराब का कारोबार अब कुटीर उद्योग के रूप में किया जाने लगा है.
- पुलिस विभाग ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिम्मेदारों के साथ मिल कर ग्रामीण इलाकों में वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना शुरू किया है.
- इस अभियान के पहले चरण में 19 ब्लॉकों के करीब 24 गांवों को चिन्हित किया गया है.
- जहां टीमें गठित कर चौपाल लगाकर गोष्ठी के माध्यम से लोगों में जागरूकता का प्रसार किया जाएगा और साथ ही लोगों को नए स्वरोजगार भी मुहैया कराए जाएंगे.
- जिससे वे इस शराब बनाने के काले कामों से उबर सकें और अन्य काम करके अपनी जीविका चलाने के काबिल बन सकें.
इस संयुक्त अभियान के बारे में बताते हुए पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि नेशनल लाइवली हुड मिशन के प्रभारी विपिन कुमार के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है. एसपी हरदोई ने इस अभियान के माध्यम से सफलता मिलने की पूरी उम्मीद भी जताई है, साथ ही प्रदेश में भी अवल्ल आने का दावा पेश किया है.