गोरखपुर: जहां निर्वाचन आयोग मतदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है. वहीं सरकार की वादाखिलाफी से नाराज 47 पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में प्रधानों का यह विरोध सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है.
दरअसल, ग्राम पंचायतों की आय और ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर परफारमेंस ग्रांट की धनराशि मिली थी, लेकिन कुछ शिकायतों पर प्रशासन ने आवंटित धनराशि के संबंध में जांच एजेंसी से जांच कराई. उसके बाद भी ग्राम पंचायतों के खातों का संचालन अभी तक संचालित नहीं हो पाया.
वहीं इन प्रधानों का कहना है कि जनता 5 वर्षों के लिए प्रतिनिधित्व का मौका देती है. इन 5 वर्षों में 2 वर्ष ग्राम पंचायतों की जांच में बीत गया है, लेकिन जांच के बाद भी ग्राम प्रधानों का खाता बंद कर दिया गया है. इस खाते में ग्राम पंचायतों की आय से मिलने वाली धनराशि सरकार देती है और इस धनराशि से गांव में नाली, प्राथमिक विद्यालयों का नवीनीकरण और लाइट आदि विकास कार्य किया जाता है.
इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रकाश शुक्ला ने बताया कि जनपद में वर्ष 16-17 के परफार्मेंस ग्रांट प्राप्त धनराशि के कारण ग्राम पंचायतों के खाते के संचालन पर रोक लगा है. इसके कारण 47 पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि हम इस संबंध में पंचायती राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के अभी तक कुछ नहीं मिला.
उन्होंने बताया कि इन आश्वासनों से आहत होकर हम सभी 47 पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने इस बार गोरखपुर लोकसभा चुनाव में बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. हमारे इस बहिष्कार से एक लाख से ज्यादा मतदाता लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.