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गोरखपुर: 47 प्रधानों ने किया लोकसभा चुनाव का बहिष्कार, सवा लाख वोटों को करेंगे प्रभावित

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Published : Apr 1, 2019, 8:18 PM IST

गोरखपुर में 47 प्रधानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है. दरअसल ग्राम पंचायतों के खातों का संचालन अभी तक संचालित नहीं हो पाया, जिससे प्रधान नाराज हैं. इस संबंध में ग्राम पंचायतों का समूह मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया था, लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ नहीं मिला.

गोरखपुर

गोरखपुर: जहां निर्वाचन आयोग मतदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है. वहीं सरकार की वादाखिलाफी से नाराज 47 पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में प्रधानों का यह विरोध सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है.

गोरखपुर में 47 प्रधानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर किया है.


दरअसल, ग्राम पंचायतों की आय और ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर परफारमेंस ग्रांट की धनराशि मिली थी, लेकिन कुछ शिकायतों पर प्रशासन ने आवंटित धनराशि के संबंध में जांच एजेंसी से जांच कराई. उसके बाद भी ग्राम पंचायतों के खातों का संचालन अभी तक संचालित नहीं हो पाया.


वहीं इन प्रधानों का कहना है कि जनता 5 वर्षों के लिए प्रतिनिधित्व का मौका देती है. इन 5 वर्षों में 2 वर्ष ग्राम पंचायतों की जांच में बीत गया है, लेकिन जांच के बाद भी ग्राम प्रधानों का खाता बंद कर दिया गया है. इस खाते में ग्राम पंचायतों की आय से मिलने वाली धनराशि सरकार देती है और इस धनराशि से गांव में नाली, प्राथमिक विद्यालयों का नवीनीकरण और लाइट आदि विकास कार्य किया जाता है.


इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रकाश शुक्ला ने बताया कि जनपद में वर्ष 16-17 के परफार्मेंस ग्रांट प्राप्त धनराशि के कारण ग्राम पंचायतों के खाते के संचालन पर रोक लगा है. इसके कारण 47 पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि हम इस संबंध में पंचायती राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के अभी तक कुछ नहीं मिला.


उन्होंने बताया कि इन आश्वासनों से आहत होकर हम सभी 47 पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने इस बार गोरखपुर लोकसभा चुनाव में बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. हमारे इस बहिष्कार से एक लाख से ज्यादा मतदाता लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

गोरखपुर: जहां निर्वाचन आयोग मतदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है. वहीं सरकार की वादाखिलाफी से नाराज 47 पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में प्रधानों का यह विरोध सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है.

गोरखपुर में 47 प्रधानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर किया है.


दरअसल, ग्राम पंचायतों की आय और ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर परफारमेंस ग्रांट की धनराशि मिली थी, लेकिन कुछ शिकायतों पर प्रशासन ने आवंटित धनराशि के संबंध में जांच एजेंसी से जांच कराई. उसके बाद भी ग्राम पंचायतों के खातों का संचालन अभी तक संचालित नहीं हो पाया.


वहीं इन प्रधानों का कहना है कि जनता 5 वर्षों के लिए प्रतिनिधित्व का मौका देती है. इन 5 वर्षों में 2 वर्ष ग्राम पंचायतों की जांच में बीत गया है, लेकिन जांच के बाद भी ग्राम प्रधानों का खाता बंद कर दिया गया है. इस खाते में ग्राम पंचायतों की आय से मिलने वाली धनराशि सरकार देती है और इस धनराशि से गांव में नाली, प्राथमिक विद्यालयों का नवीनीकरण और लाइट आदि विकास कार्य किया जाता है.


इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रकाश शुक्ला ने बताया कि जनपद में वर्ष 16-17 के परफार्मेंस ग्रांट प्राप्त धनराशि के कारण ग्राम पंचायतों के खाते के संचालन पर रोक लगा है. इसके कारण 47 पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि हम इस संबंध में पंचायती राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के अभी तक कुछ नहीं मिला.


उन्होंने बताया कि इन आश्वासनों से आहत होकर हम सभी 47 पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने इस बार गोरखपुर लोकसभा चुनाव में बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. हमारे इस बहिष्कार से एक लाख से ज्यादा मतदाता लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

Intro:गोरखपुर। जहां निर्वाचन आयोग मतदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है, वही सरकार की वादाखिलाफी से नाराज 45 पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में प्रधानों का यह विरोध, सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है।


Body:ग्राम पंचायतों को वर्ष 2016 17 में द्वितीय वर्ष 13-14 व 14 15 में ग्राम पंचायतों की आय व ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर परफारमेंस ग्रांट की की धनराशि मिली थी। लेकिन कुछ शिकायतों पर प्रशासन ने आवंटित धनराशि के संबंध में जांच एजेंसी से जांच कराई जिसकी जांच आख्या प्रदेश के मुखिया के कार्यालय के पटल पर उपलब्ध है। उसके बाद भी ग्राम पंचायतों के खातों का संचालन अभी तक संचालित नहीं हो पाया।

इस संबंध में ग्राम पंचायतों का समूह दो बार मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय दो से तीन बार मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलकर इस समस्या से अवगत कराया था, लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन के सिवा इन्हें कुछ नहीं मिला। वही इन प्रधानों का कहना है कि जनता 5 वर्षों के लिए प्रतिनिधित्व का मौका देती है, इन 5 वर्षों में 2 वर्ष ग्राम पंचायतों की जांच में बीत चुका है। लेकिन जांच के बाद भी 27 जुलाई 17 से ग्राम प्रधानों का खाता बंद कर दिया गया है। इस खाते में ग्राम पंचायतों की आय से मिलने वाली धनराशि सरकार देती है और इस धनराशि से गांव में नाली, खड़ंजा, प्राथमिक विद्यालयों का नवीनीकरण, लाइट आदि विकास कार्य किया जाता है।

इस समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर से लगाए ग्राम पंचायत राज्य मंत्री से भी मुलाकात की जा चुकी है सिवाय आश्वासन के अभी तक कुछ नहीं मिला इससे आहत होकर प्रधान गण आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना चुके हैं और इस बहिष्कार से लगभग एक लाख मतदाताओं को वह प्रभावित कर सकते हैं।


Conclusion:इस संबंध में ग्राम प्रधान श्री प्रकाश शुक्ला ने बताया कि गोरखपुर जनपद वर्ष 16-17 के परफार्मेंस ग्रांट प्राप्त धनराशि के कारण ग्राम पंचायतों के खाते के संचालन पर रोक लगने से 47 पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। जनता हमसे सवाल करती है कि आखिरकार विकास कार्य क्यों नहीं हो रहे हैं, हम इस संबंध में जिला मुख्यालय से लगाए, पंचायती राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं। लेकिन सिवाय आश्वासन के अभी तक कुछ नहीं मिला, इन आश्वासनों से आहत होकर हम सभी 47 पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने इस बार गोरखपुर लोकसभा चुनाव में बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। हमारे इस बहिष्कार से एक लाख से ज्यादा मतदाता लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

बाइट - श्रीप्रकाश शुक्ल, ग्राम प्रधान



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
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