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चंदौली: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण मामले में जेई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज - चंदौली स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का मामला

2008 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 33 करोड़ की लागत से 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की परियोजना का शिलान्यास किया गया था. अनियमितताओं के चलते 5 हजार करोड़ का घोटाला होने पर, ईओडब्ल्यू ने रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी.

4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाने का मामला
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Published : Jun 18, 2019, 11:53 AM IST

Updated : Jun 18, 2019, 9:48 PM IST

चंदौली: बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले की वजह से 11 साल से रुके चार सीएससी का निर्माण कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम वाराणसी और मिर्जापुर, स्वयं के खर्चे से कराएगी. शासन ने एक माह में इनका निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया है. ऐसा न होने पर संस्था के इंजीनियर व अन्य अधिकारियों के वेतन से इसकी लागत वसूल की जाएगी.

4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाने का मामला
कब क्या हुआ-
  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 2008 में जिले में 33 करोड़ की लागत से 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने थे.
  • इस परियोजना का काम चहनियां, शहाबगंज, नियामताबाद व बबुरी में शुरू हुआ.
  • वहीं परियोजना में व्यापक अनियमितताओं के चलते प्रदेश स्तर पर 5 हजार करोड़ का घोटाला भी सामने आया था.
  • शासन सत्ता बदलते ही इसकी जांच कराने के लिये एक समिति गठित की गई.
  • निर्माण कार्य पूरा करने के लिए कार्यदाई संस्था को शासन स्तर से 2-2 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित हुआ, लेकिन अबतक ये कार्य पूरा नहीं हुआ.
  • जिले में 4 स्वास्थ्य केंद्र की जांच आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्लू ने की. अनियमितता में सभी संबंधित जेई व अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज हुई.
  • जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है. प्रमुख सचिव ने रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए सख्त निर्देश दिए.
  • स्वास्थ्य केंद्रों के जो निर्माण अधूरे हैं, उसे कार्यदायी संस्था अपने खर्चे से पूरा करें.

बहरहाल अब ये देखना दिलचस्प होगा कि शासन के सख्त निर्देश के बाद 11 साल से लंबित पड़े स्वास्थ्य केंद्रों का कार्य कब तक पूरा होता है और जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाएं कब बहाल होती हैं, या फिर हर बार की तरह इस बार भी जांच की रिपोर्ट फाइलों में ही दम तोड़ देगी.

चंदौली: बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले की वजह से 11 साल से रुके चार सीएससी का निर्माण कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम वाराणसी और मिर्जापुर, स्वयं के खर्चे से कराएगी. शासन ने एक माह में इनका निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया है. ऐसा न होने पर संस्था के इंजीनियर व अन्य अधिकारियों के वेतन से इसकी लागत वसूल की जाएगी.

4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाने का मामला
कब क्या हुआ-
  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 2008 में जिले में 33 करोड़ की लागत से 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने थे.
  • इस परियोजना का काम चहनियां, शहाबगंज, नियामताबाद व बबुरी में शुरू हुआ.
  • वहीं परियोजना में व्यापक अनियमितताओं के चलते प्रदेश स्तर पर 5 हजार करोड़ का घोटाला भी सामने आया था.
  • शासन सत्ता बदलते ही इसकी जांच कराने के लिये एक समिति गठित की गई.
  • निर्माण कार्य पूरा करने के लिए कार्यदाई संस्था को शासन स्तर से 2-2 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित हुआ, लेकिन अबतक ये कार्य पूरा नहीं हुआ.
  • जिले में 4 स्वास्थ्य केंद्र की जांच आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्लू ने की. अनियमितता में सभी संबंधित जेई व अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज हुई.
  • जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है. प्रमुख सचिव ने रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए सख्त निर्देश दिए.
  • स्वास्थ्य केंद्रों के जो निर्माण अधूरे हैं, उसे कार्यदायी संस्था अपने खर्चे से पूरा करें.

बहरहाल अब ये देखना दिलचस्प होगा कि शासन के सख्त निर्देश के बाद 11 साल से लंबित पड़े स्वास्थ्य केंद्रों का कार्य कब तक पूरा होता है और जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाएं कब बहाल होती हैं, या फिर हर बार की तरह इस बार भी जांच की रिपोर्ट फाइलों में ही दम तोड़ देगी.

Intro:
चंदौली - बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले की वजह से 11 साल से रुके चार सीएससी का निर्माण कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम वाराणसीऔर मिर्जापुर स्वयं के खर्चे से कराएगी. शासन ने एक माह में इनका निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया है ऐसा न होने पर संस्था के इंजीनियर व अन्य अधिकारियों के वेतन से इसकी लागत वसूली जाएगी.

ओपेनिंग पीटीसी




Body:राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 2008 में जिले में 33 करोड़ की लागत से 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने थे

चहनियां, शहाबगंज, नियामताबाद व बबुरी में शुरू हुआ

इस परियोजना में व्यापक अनियमितता के चलते प्रदेश स्तर पर 5 हजार करोड़ का घोटाला भी सामने आया था

शासन सत्ता बदलते ही इसकी जांच बैठ गई

निर्माण कार्य पूरा करने के लिए कार्यदाई संस्था को शासन स्तर से 2-2 करोड़ रुपए अतिरिक्त आवंटित हुआ

लेकिन अबतक इसके कार्य पूर्ण नहीं हुआ

जिले में 4 स्वास्थ्य केंद्र की जांच आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्लू ने की

3 वर्ष पूर्व अनियमितता में सभी संबंधित जेई व अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज हुई


3 साल की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए सख्त निर्देश दिए है

स्वास्थ्य केंद्रों के जो निर्माण अधूरे हैं, उसे कार्यदायी संस्था अपने खर्चे से पूरा करें.


क्लोजिंग पीटीसी





Conclusion:बहरहाल अब ये देखना दिलचस्प होगा की शासन के सख्त निर्देश के बाद 11 साल से लंबित पड़े स्वास्थ्य केंद्रों का कार्य पूरा होता है और जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाएं बहाल होती है या फिर एक बार फिर जांच की रिपोर्ट फाइलों में ही दम तोड़ देती है.


note_ इससे संबंधित दो फ़ाइल विसुअल (up_chn_nrhm_vis01/02_7203256)ftp से भेजा गया जिसे पैकेज में शामिल कर लें. इसके अलावा स्टोरी में वॉइस ओवर और पीटीसी भी भेजा गया है... कृपया इसे शामिल करें...


कमलेश गिरी
चन्दौली
9452845730
Last Updated : Jun 18, 2019, 9:48 PM IST

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