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राजधानी में स्वाइन फ्लू के चार नए मरीज, चार की हो चुकी है मौत

स्वाइन फ्लू से राजधानी में चार मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं चार नए मरीजों में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है.

डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ लखनऊ
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Published : Mar 22, 2019, 6:14 PM IST

लखनऊ: राजधानी में स्वाइन फ्लू से अब तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है. इस बीच आज चार नए मरीज भर्ती कराए गये हैं. एक जनवरी से लेकर अब तक स्वाइन फ्लू से पीड़ित कुल 446 मरीज सामने आ चुके हैं. नए मरीजों में से कुछ को केजीएमयू तो कुछ को पीजीआइ में भर्ती किया गया है. उनका प्राथमिक स्तर पर उपचार भी शुरू कर दिया गया है.

लखनऊ में स्वाइन फ्लू का का प्रकोप यूं तो पहले की अपेक्षा अब तक कम होता दिख रहा है लेकिन आज चार नये मरीजों ने एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग के माथे पर बल ला दिया है. स्वास्थ्य विभाग अपने तमाम प्रयासों की मदद से स्वाइन फ्लू संक्रमित मरीजों की संख्या को दिन प्रतिदिन कम करने में लगा हुआ है.

राजधानी में स्वाइन फ्लू के चार नए मरीज, चार की हो चुकी है मौत

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय ने जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के सभी अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वह स्वाइन फ्लू के बारे में सभी को जागरूक करें. फीवर ट्रैकिंग को गंभीरता से कराएं. उन्होंने विशेष रूप से नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज, आलमबाग तथा इन्दिरा नगर के अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्वाइन फ्लू के अधिक मामलों के कारण विशेष सतर्कता बरतें. बुखार के प्रत्येक रोगी की जांच कराएं.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आश्वस्त किया कि हमारे पास स्वाइन फ्लू के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं और मास्क उपलब्ध हैं. इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है. बैठक में संचारी रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉक्टर के पी त्रिपाठी ने बताया कि सामान्य बुखार, सर्दी जुकाम, खांसी के मरीज इलाज से 5-6 दिन में ठीक हो जाते हैं. ऐसे मरीजों को चाहिए कि वे अपने को स्वाइन फ्लू का मरीज न समझे. ना ही घबराए और ना ही जांच के लिए भटके. लेकिन उपरोक्त लक्षणों के साथ गले में तेज चुभन के साथ दर्द, सांस फूलना, खांसी के बाद सीने में दर्द, नाखून नीले पड़ना आदि लक्षण मिलते ही जनपद के किसी राजकीय चिकित्सालय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय, बलरामपुर चिकित्सालय, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में दिखाएं. यदि जांच की आवश्यकता होगी तो चिकित्सक स्वयं जांच हेतु सैंपल एकत्र कराएंगे. इस सैंपल को जांच के लिये माइक्रोबायोलॉजी विभाग केजीएमयू एवं वायरोलॉजी विभाग एसजीपीजीआई में से किसी एक जगह भेजेंगे. इसके बाद आवश्यक दवाएं दी जाएंगी ताकि समय रहते स्वाइन फ्लू पर काबू पाया जा सकेगा.

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डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ लखनऊ

आज स्वाइन फ्लू से संक्रमित चार नए मरीजों के नाम सामने आए हैं जिन्हें प्राथमिक स्तर पर उपचार दे दिया गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि चारों मरीजों को प्राथमिक स्तर पर उपचार दिया गया है और 4 मरीजों की अब तक स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है लेकिन जल्द ही इस बीमारी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा काबू कर लिया जाएगा.

लखनऊ: राजधानी में स्वाइन फ्लू से अब तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है. इस बीच आज चार नए मरीज भर्ती कराए गये हैं. एक जनवरी से लेकर अब तक स्वाइन फ्लू से पीड़ित कुल 446 मरीज सामने आ चुके हैं. नए मरीजों में से कुछ को केजीएमयू तो कुछ को पीजीआइ में भर्ती किया गया है. उनका प्राथमिक स्तर पर उपचार भी शुरू कर दिया गया है.

लखनऊ में स्वाइन फ्लू का का प्रकोप यूं तो पहले की अपेक्षा अब तक कम होता दिख रहा है लेकिन आज चार नये मरीजों ने एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग के माथे पर बल ला दिया है. स्वास्थ्य विभाग अपने तमाम प्रयासों की मदद से स्वाइन फ्लू संक्रमित मरीजों की संख्या को दिन प्रतिदिन कम करने में लगा हुआ है.

राजधानी में स्वाइन फ्लू के चार नए मरीज, चार की हो चुकी है मौत

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय ने जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के सभी अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वह स्वाइन फ्लू के बारे में सभी को जागरूक करें. फीवर ट्रैकिंग को गंभीरता से कराएं. उन्होंने विशेष रूप से नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज, आलमबाग तथा इन्दिरा नगर के अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्वाइन फ्लू के अधिक मामलों के कारण विशेष सतर्कता बरतें. बुखार के प्रत्येक रोगी की जांच कराएं.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आश्वस्त किया कि हमारे पास स्वाइन फ्लू के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं और मास्क उपलब्ध हैं. इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है. बैठक में संचारी रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉक्टर के पी त्रिपाठी ने बताया कि सामान्य बुखार, सर्दी जुकाम, खांसी के मरीज इलाज से 5-6 दिन में ठीक हो जाते हैं. ऐसे मरीजों को चाहिए कि वे अपने को स्वाइन फ्लू का मरीज न समझे. ना ही घबराए और ना ही जांच के लिए भटके. लेकिन उपरोक्त लक्षणों के साथ गले में तेज चुभन के साथ दर्द, सांस फूलना, खांसी के बाद सीने में दर्द, नाखून नीले पड़ना आदि लक्षण मिलते ही जनपद के किसी राजकीय चिकित्सालय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय, बलरामपुर चिकित्सालय, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में दिखाएं. यदि जांच की आवश्यकता होगी तो चिकित्सक स्वयं जांच हेतु सैंपल एकत्र कराएंगे. इस सैंपल को जांच के लिये माइक्रोबायोलॉजी विभाग केजीएमयू एवं वायरोलॉजी विभाग एसजीपीजीआई में से किसी एक जगह भेजेंगे. इसके बाद आवश्यक दवाएं दी जाएंगी ताकि समय रहते स्वाइन फ्लू पर काबू पाया जा सकेगा.

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डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ लखनऊ

आज स्वाइन फ्लू से संक्रमित चार नए मरीजों के नाम सामने आए हैं जिन्हें प्राथमिक स्तर पर उपचार दे दिया गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि चारों मरीजों को प्राथमिक स्तर पर उपचार दिया गया है और 4 मरीजों की अब तक स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है लेकिन जल्द ही इस बीमारी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा काबू कर लिया जाएगा.

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स्वाइन फ्लू के चार नए मरीज, अब तक चार की मौत

एंकर-राजधानी में स्वाइन फ्लू से अब तक चार मरीजों की मौत हो गई और आज चार नए मरीज सामने आए हैं।बीती एक जनवरी से लेकर अभी तक 446 मरीज सामने आ चुके हैं। नए मरीजों में से कई को केजीएमयू व पीजीआइ में भर्ती किया गया है और प्राथमिक स्तर पर उपचार  ही शुरू कर दिया गया है।

वीओ- लखनऊ में स्वाइन फ्लू का का प्रकोप यू तो पहले की अपेक्षा अब तक कम होता दिख रहा है लेकिन आज नए चार मरीजों ने एक बार फिर से माथे पर स्वास्थ्य पर ला दिया है । स्वास्थ विभाग अपने तमाम प्रयासों की मदद से स्वाइन फ्लू कैसे संक्रमित मरीजों की संख्या को दिन पर दिन कम करने मैं लगा हुआ है तो वहीं आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जनपद लखनऊ के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के सभी अधिक्षको को निर्देशित किया कि वह स्वाइन फ्लू के बारे में सभी को जागरूक करें तथा फीवर ट्रैकिंग को गंभीरता से कराएं। उन्होंने विशेष रूप से नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज, आलमबाग तथा इन्दिरा नगर की अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्वाइन फ्लू के अधिक मामलों के कारण विशेष सतर्कता बरतें तथा बुखार के प्रत्येक रोगी की जांच कराएं एवं स्वाइन फ्लू के जो रोगी इन क्षेत्रों में है।उनके घरों के आसपास सौ घरों का निरीक्षण भी कराएं ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आश्वस्त किया कि हमारे पास स्वाइन फ्लू के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं तथा मास्क उपलब्ध हैं ।इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। बैठक में संचारी रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉक्टर के पी त्रिपाठी ने बताया कि सामान्य बुखार ,सर्दी जुकाम, खांसी के मरीज इलाज से 5 /6 दिन में ठीक हो जाते हैं। ऐसे मरीजों को चाहिए कि वे अपने को स्वाइन फ्लू का मरीज न समझे ,ना ही घबराए और ना ही जांच के लिए भटके। लेकिन उपरोक्त लक्षणों के साथ गले में तेज चुभन के साथ दर्द ,सांस फूलना, खांसी के बाद सीने में दर्द, नाखून नीले पड़ना आदि लक्षण मिलते ही जनपद के किसी राजकीय चिकित्सालय यथा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय, बलरामपुर चिकित्सालय ,डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में दिखाएं। यदि जांच की आवश्यकता होगी तो चिकित्सक स्वयं जांच हेतु सैंपल एकत्र कराएंगे एवं इस सैंपल को जांच हेतु माइक्रोबायोलॉजी विभाग केजीएमयू एवं वायरोलॉजी विभाग एसजीपीजीआई में से किसी एक जगह भेजेंगे एवं आवश्यक दवाएं देंगे। जिससे समय रहते स्वाइन फ्लू पर काबू पाया जा सकेगा हालांकि अभी के आंकड़े शैंपू से चिंतित कर देने वाले हैं आज स्वाइन फ्लू से संक्रमित चार नए मरीजों के नाम सामने आए हैं जिन्हें प्राथमिक स्तर पर उपचार दे दिया गया है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि चारों मरीजों को प्राथमिक स्तर पर उपचार दिया गया है और 4 मरीजों की अब तक स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है ।लेकिन जल्द ही इस बीमारी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा काबू कर लिया जाएगा।

बाइट- डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ, लखनऊ।

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