ललितपुरः जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल जिला अस्पताल में भर्ती कराए गए कोरोना संदिग्ध को लेकर उसके परिजन बिना किसी को सूचना दिए भाग गए और रास्ते में कोरोना संदिग्ध व्यक्ति की मौत हो गई. यही नहीं परिजनों ने मृतक का दाह संस्कार भी कर दिया. मामला स्वास्थ्य विभाग समेत जिला प्रशासन के संज्ञान में आने पर हड़कंप मच गया, जिसके बाद डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जल्द मामले की जांच किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही मृतक व्यक्ति के ग्राम को एतिहायत के तौर पर सील कर दिया.
जिले के तालबेहट तहसील के ग्राम करीला निवासी एक 75 वर्षीय वृद्ध की तबियत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां पर परिजनों ने डॉक्टरों को बताया कि पीड़ित को सांस की बीमारी पहले से है. डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू कर दिया और एतिहायत के तौर पर डॉक्टरों की टीम ने कोरोना जांच के लिए उसके सैम्पल लेने की तैयारी शुरू कर दी थी. इस दौरान परिजन जिला अस्पताल से बिना किसी को सूचित किए पीड़ित को लेकर भाग गए और रास्ते मे उसकी मौत हो गई, जिसके बाद आनन-फानन में परिजनों ने उसका दाह संस्कार भी कर दिया.
मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को हुई तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया और डीएम ने तत्काल मृतक के ग्राम को एतिहायत के तौर पर सील कर परिजनों का सैम्पल लेकर क्वॉरंटाइन सेंटर भेज दिया. साथ ही प्रशासन मृतक के संपर्क में आने वाले लोगों को चिह्नित कर रहा है.
जांच कमेटी गठित
डीएम योगेश कुमार शुक्ल ने बताया कि ग्राम करीला तहसील तालबेहट के एक व्यक्ति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी, जिसके बाद जिला अस्पताल ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सैम्पल लेना उचित समझा. सैम्पल लेने की कार्रवाई की जा रही थी कि तभी परिजन उसको लेकर भाग गए और रास्ते में उसकी मौत हो गई. वहीं उसके परिवार के लोगों ने उसका दाह संस्कार कर दिया. कोरोना संक्रमण को देखते हुए संबंधित ग्राम को सील कर दिया गया है. मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है.