वाराणसी: जिले में कोरोना काल में जहां लगातार मास्क, सैनिटाइजर और अन्य उपयोगी दवाओं की डिमांड बढ़ी हैं, तो दूसरी तरफ कालाबाजारी और नकली उत्पाद करने की सूचना भी सामने आ रही हैं. ऐसा ही एक ताजा मामला सिंगरा क्षेत्र स्थित सोनिया का है. जहां सिंगरा पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने अवैध सैनिटाइजर फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए 11 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
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नकली सैनिटाइजर बरामद
वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के निर्देश पर कोरोना काल में दवाओं और सैनिटाइजर की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया. इसी क्रम में सिगरा थाना अंतर्गत सोनिया इलाके में क्राइम ब्रांच और वाराणसी पुलिस ने 3 ठिकानों पर संयुक्त छापेमारी कर अवैध सैनिटाइजर बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मौके से लाखों रुपये मूल्य के नकली सैनिटाइजर बरामद किए हैं. जिसे इंदौर की एक नामी कंपनी के ब्रांड नाम पर बनाया जा रहा था. इसके अलावा सभी नकली शीशियों पर ब्रांडेड कंपनी का लेबल भी चिपका रहे थे. पकड़े गए लोगों ने बताया कि पिछले एक महीने से धड़ल्ले से यह काम चल रहा है. इस कार्य को करने वाला एक प्रिंटिंग प्रेस का मालिक बताया जा रहा है.
सैनिटाइजर बनाने का होता है लाइसेंस
वाराणसी मंडल के सहायक आयुक्त औषधि केजे गुप्ता के अनुसार ये लोग बिना लाइसेंस के यहां सैनिटाइजर बना रहे थे. अधिकारी के अनुसार कोरोना के मद्देनजर इसे बेचने को अभी लाइसेंस मुक्त किया गया है. सरकार की ओर से सैनिटाइजर को बनाने का लाइसेंस होता है. इनके पास न कोई लैब है न सैनिटाइजर की कोई गुणवत्ता नापने की कोई विधी.
11 लोगों को कस्टडी में लिया
डीसीपी वरुणा जोन विक्रांत वीर ने बताया कि सोनिया-औरंगाबाद रोड पर स्थित नकली सैनिटाइजर बनाने की मुखबिर से सूचना मिली थी. जिसके तहत इनके तीन ठिकानों पर छापेमारी कर 11 लोगों को कस्टडी में लेकर पूछताछ किया जा रहा है. इनके पास सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस नहीं है. फिलहाल पुलिस पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करेगी.