लखनऊ: दो किलोवाट तक के घरेलू वाणिजियक और पांच हॉर्स पावर तक के किसानों पर बिजली चोरी के मामलो में एफआईआर की बाध्यता खत्म हो सकती है. उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अधिनियम में संशोधन पर विचार करने का अनुरोध किया है. वहीं बिजली चोरी में असेसमेंट की राशि को डबल न करके सिर्फ सिंगल टाइम वसूलने का प्रस्ताव भी भेजा गया है.
देशभर में 95 प्रतिशत बिजली चोरी की एफआईआर सिर्फ गरीबों पर ही क्यों होती है. इस पर पिछले 13 साल से बहस जारी है. अब इसका कुछ सकारात्मक परिणाम निकलता नजर आ रहा है. उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने विद्युत अधनियम 2003 की धारा 135, 138 व 135 (1) बिधा चेंज में संशोधन कराने के लिए 15 जून को सौंपे गए प्रस्ताव को केंद्रीय ऊर्जामंत्री आरके सिंह को भेजते हुए गम्भीरता से विचार कर प्रभावी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने संशोधन प्रस्ताव में जो मुद्दा उठाया है उसमें 2 किलोवाट तक के सभी ग्रामीण और शहरी घरेलू परिसरों और वाणिज्यिक परिसरों, पांच हॉर्स पावर तक के किसानों पर बिजली चोरी के मामले में एफआईआर की बाध्यता समाप्त की जाए, सिर्फ उन पर 126 के तहत असेसमेंट की कार्रवाई की जाए. उन पर जो असेसमेंट की राशि बने तो उपभोक्ता के कनेक्शन लेने पर आगामी 24 महीने के बिजली बिल में महीने के बिल के साथ वसूल करने की वयवस्था नए संसोधन में की जाए.
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक दो किलोवाट तक के ऐसे सभी ग्रामीण व शहरी घरेलू और उपभोक्ता वाणिज्यिक या किसानों के 5 हॉर्स पावर तक के ट्यूबबेल जो बिजली चोरी के असिसमेंट के चलते बंद हैं, कनेक्शन नहीं ले पाये हैं, उनकी असिसमेंट की राशि को 36 महीनों की किस्त की सुविधा दी जानी चाहिए. इस दौरान उस पर लगे सरचार्ज को माफ रखा जाए.
उपभोक्ता परिषद की मेहनत 13 साल बाद रंग लाई है. प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने अधिनियम में संशोधन के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को पत्र भेज दिया है. उपभोक्ता परिषद ने किसानों और गरीबों के हित में ऊर्जामंत्री से यह प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया था. इससे अब गरीबों और किसानों को न्याय मिलने की उम्मीद है.