लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर ने प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की बैठक में उनके प्रतिनिधियों को आदर्श चुनाव संहिता की जानकारी दी. अब प्रत्याशियों को अपने आपराधिक रिकार्ड के बारे में नामांकन वापसी के दिन से मतदान तक समाचार पत्रों में विज्ञापन निकलवाना होगा. ताकि उनके क्षेत्र की जनता भी उनके बारे में जान सके. अगर मान्यता प्राप्त दल के प्रत्याशी हैं तो ऐसे में राजनीतिक दल को तीन बार विज्ञापन निकलवाना होगा.
निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में गुरुवार को लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2019 को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से कराने के लिए राजनैतिक दलों के साथ बैठक हुई. जिसमें आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. वहीं नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया सीपीआई के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के उपस्थित प्रतिनिधियों को आदर्श चुनाव संहिता और चुनाव व्यय, नामांकन और नामांकन के समय संशोधित शपथ पत्र प्रारुप-26 एवं आपराधिकता पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के संबंध में विशेष प्रावधानों से अवगत कराया.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि फार्म-26 में आयकर के संबंध में स्वयं उम्मीदवार उनके आश्रितों का 5 साल का विवरण, पैन नंबर सहित वांछित किया गया है. इसके अलावा भारत के बाहर यदि किसी अन्य देश में संपत्ति एवं बैंक डिपाजिट है तो उसकी भी जानकारी देनी होगी.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को अपने खर्चे पर नामांकन वापसी की तारीख से मतदान की तारीख तक प्रमुख समाचार पत्र में प्रकाशित करना होगा. इसके अलावा यदि उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राजनीति दल से है तो उस दल को भी अपने खर्चे से तीन बार उम्मीदवार के अपराधिक विवरण को प्रकाशित कराना होगा.