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सीएम योगी और मायावती को नोटिस, EC ने किया जवाब तलब

आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती को नोटिस जारी की है. इस नोटिस के बाद अब इन दोनों नेताओं को 24 घंटे में आयोग में स्पष्टीकरण देना होगा.

सीएम योगी और बसपा सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)
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Published : Apr 12, 2019, 3:06 AM IST

लखनऊ : चुनावी सभाओं के दौरान धर्म विशेष के लोगों से अपील करने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती को निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी की है. आयोग ने कहा है कि उपलब्ध कराए गए वीडियो क्लिप में भाषण पूरी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला है.

निर्वाचन आयोग ने मायावती को दिए नोटिस में कहा है कि आठ अप्रैल को सहारनपुर में जो उन्होंने भाषण दिया है, उसका वीडियो क्लिप उनके पास भेजी गई है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 'मुस्लिम समाज के लोगों को यह कहना चाहती हूं कि आप लोगों को भावनाओं में बहकर रिश्तेदार, यार दोस्तों के चक्कर में आकर अपने वोट को बांटना नहीं है. यदि आपको इस चुनाव में बीजेपी को हार का मुंह उत्तर प्रदेश से दिलाना है, तो आप लोगों को अपने वोट को बांटना नहीं है. बल्कि एक तरफा अपना वोट गठबंधन के उम्मीदवारों को देना है. यह मेरी खासकर मुस्लिम समाज के लोगों से यह अपील है'

आयोग ने मायावती को दिया नोटिस में कहा कि आप का यह भाषण पूरे वृहद स्तर पर मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा है. यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. मायावती के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी सभा के दौरान कहा कि सपा बसपा और कांग्रेस को अली का वोट चाहिए. अली का साथ चाहिए, लेकिन उन्हें (बीजेपी) को बजरंगबली का साथ चाहिए. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आयोग ने नोटिस दिया है. नोटिस के बाद अब इन दोनों नेताओं को 24 घंटे में आयोग में स्पष्टीकरण देना होगा.

लखनऊ : चुनावी सभाओं के दौरान धर्म विशेष के लोगों से अपील करने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती को निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी की है. आयोग ने कहा है कि उपलब्ध कराए गए वीडियो क्लिप में भाषण पूरी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला है.

निर्वाचन आयोग ने मायावती को दिए नोटिस में कहा है कि आठ अप्रैल को सहारनपुर में जो उन्होंने भाषण दिया है, उसका वीडियो क्लिप उनके पास भेजी गई है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 'मुस्लिम समाज के लोगों को यह कहना चाहती हूं कि आप लोगों को भावनाओं में बहकर रिश्तेदार, यार दोस्तों के चक्कर में आकर अपने वोट को बांटना नहीं है. यदि आपको इस चुनाव में बीजेपी को हार का मुंह उत्तर प्रदेश से दिलाना है, तो आप लोगों को अपने वोट को बांटना नहीं है. बल्कि एक तरफा अपना वोट गठबंधन के उम्मीदवारों को देना है. यह मेरी खासकर मुस्लिम समाज के लोगों से यह अपील है'

आयोग ने मायावती को दिया नोटिस में कहा कि आप का यह भाषण पूरे वृहद स्तर पर मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा है. यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. मायावती के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी सभा के दौरान कहा कि सपा बसपा और कांग्रेस को अली का वोट चाहिए. अली का साथ चाहिए, लेकिन उन्हें (बीजेपी) को बजरंगबली का साथ चाहिए. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आयोग ने नोटिस दिया है. नोटिस के बाद अब इन दोनों नेताओं को 24 घंटे में आयोग में स्पष्टीकरण देना होगा.

Intro:लखनऊ। चुनावी सभाओं के दौरान धर्म विशेष के लोगों से अपील करने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को और पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती को निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी की है। आयोग ने कहा है कि आयोग को उपलब्ध कराए गए वीडियो क्लिप में भाषण पूरी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला है।


Body:निर्वाचन आयोग ने मायावती को दिए नोटिस में कहा है कि आठ अप्रैल को सहारनपुर में जो उन्होंने भाषण दिया है उसका वीडियो क्लिप उनके पास भेजी गई है। जिसमें उन्होंने कहा है कि "मुस्लिम समाज के लोगों को यह कहना चाहती हूं कि आप लोगों को भावनाओं में बहकर रिश्तेदार, यार दोस्तों के चक्कर में आकर अपने वोट को बांटना नहीं है। यदि आपको इस चुनाव में बीजेपी को हार का मुंह उत्तर प्रदेश से दिलाना है तो आप लोगों को अपने वोट को बांटना नहीं है। बल्कि एक तरफा अपना वोट गठबंधन के उम्मीदवारों को देना है। यह मेरी खासकर मुस्लिम समाज के लोगों से यह अपील है।"

आयोग ने मायावती को दिया नोटिस में कहा कि आप का यह भाषण पूरे वृहद स्तर पर मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा है यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।

मायावती के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी सभा के दौरान कहा कि सपा बसपा और कांग्रेस को अली का वोट चाहिए। अली का साथ चाहिए। लेकिन हमें (बीजेपी) को बजरंगबली का साथ चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आयोग ने नोटिस दिया है। नोटिस के बाद अब इन नेताओं को आयोग में स्पष्टीकरण देने के लिए पेश होना होगा।


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