वाराणसी : आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे जिन्होंने अपना पूरा जीवन योग को समर्पित कर दिया है. इनका दावा है कि यह भारत के पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने योग में पीएचडी की है. फिलहाल यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय से रिटायर्ड हैं और अब अपना पूरा जीवन योग के जरिए लोगों के जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाने में अर्पण कर रहे हैं.
योग में सबसे पहले पीएचडी करने वाले हैं डॉ. कृष्ण मुरारी त्रिपाठी
डॉक्टर त्रिपाठी के चलाए जा रहे योगा क्लासेस में ऐसे स्टूडेंट आते हैं, जिनको कई तरह की बीमारियां होती हैं. किसी को बैक पेन है तो किसी को माइग्रेन, किसी को थायराइड है तो किसी को पाचन की समस्या. योग करके इन सभी ने समस्याओं से निजात पा लिया है. वाराणसी के रहने वाले और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. कृष्ण मुरारी त्रिपाठी जो बीएचयू में 32 सालों तक योग के टीचर रहे. डॉक्टर त्रिपाठी भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो योग शिक्षा में पीएचडी की है और अब रिटायर होने के बाद अपनी शिक्षा को बांटते रहते हैं.
मुझे सिगरेट पीने की लत थी और फेफड़ा ठीक से काम नहीं कर रहा था, मैं कुछ महीनों से ही योगा कर रहा हूं, इससे मुझे बहुत लाभ मिला है और मेरे सिगरेट पीने की लत दूर हो गई है.
-नरेश, योग करने वाले