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आरटीआई का जवाब देने के बजाए गाली-गलौज करने लगे जिला आपूर्ति अधिकारी

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आरटीआई के जवाब मांगने पर गाली-गलौज करने का आरोप लगा है. एक युवक ने जिला आपूर्ति अधिकारी पर आरोप लगाया है कि आरटीआई आवेदन वापस लेने के लिये उस पर दबाव बनाया गया और आवेदन वापस नहीं लेने पर उसे जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर अपमानित किया गया.

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जिला आपूर्ति अधिकारी
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Published : Nov 8, 2020, 12:48 AM IST

मुजफ्फरनगर: भ्रष्टाचार को उजागर करने वाला हथियार सूचना का अधिकार अब आरटीआई के तहत सूचना मांगने वालों पर ही अपमान, गाली-गलौज और धमकी की वजह बनता जा रहा है. वैसे तो संविधान के मुताबिक हर एक व्यक्ति को समान अधिकार है लेकिन वर्तमान में स्थितियां उलट दिखती नजर आ रही हैं.

आरटीआई वापस लेने का बनाया दबाव
मामला मुजफ्फरनगर के जिलापूर्ति कार्यालय का है. आरोप है कि सूचना के अधिकार यानि आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर जिलापूर्ति अधिकारी ब्रिजेश शुक्ला ने जानकारी मांगने वाले युवक पर आरटीआई वापस लेने का दबाव बनाया. जब युवक नहीं माना तो डीएसओ इस कदर नाराज हो गए कि गाली-गलौज पर उतारु हो गए. इतना ही नहीं आरोपों के मुताबिक उन्होंने जाति-सूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया.

जाति सूचक शब्दों का किया इस्तेमाल
युवक सूर्यकांत ने अपने पिता धर्मपाल के नाम से डाली आरटीआई का आवेदन दिया था. जब युवक कार्यालय पहुंचा तो डीएसओ ब्रिजेश शुक्ला ने युवक को बहला-फुसलाकर सहमति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाना चाहा लेकिन युवक ने आरटीआई का जवाब मांगा. जवाब मांगने पर डीएसओ ब्रिजेश शुक्ला ने आरटीआई वापस लेने के लिए दबाव बनाया. आरोप है कि जब युवक नहीं माना तो ब्रिजेश शुक्ला बदतमीजी पर उतारु हो गए. इतना ही नहीं युवक के साथ गाली-गलौज करते हुए जाति-सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी. इस मामले में युवक ने जिलाधिकारी, एसएसपी और मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में जब जिलापूर्ति अधिकारी ब्रिजेश शुक्ला से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया.

मुजफ्फरनगर: भ्रष्टाचार को उजागर करने वाला हथियार सूचना का अधिकार अब आरटीआई के तहत सूचना मांगने वालों पर ही अपमान, गाली-गलौज और धमकी की वजह बनता जा रहा है. वैसे तो संविधान के मुताबिक हर एक व्यक्ति को समान अधिकार है लेकिन वर्तमान में स्थितियां उलट दिखती नजर आ रही हैं.

आरटीआई वापस लेने का बनाया दबाव
मामला मुजफ्फरनगर के जिलापूर्ति कार्यालय का है. आरोप है कि सूचना के अधिकार यानि आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर जिलापूर्ति अधिकारी ब्रिजेश शुक्ला ने जानकारी मांगने वाले युवक पर आरटीआई वापस लेने का दबाव बनाया. जब युवक नहीं माना तो डीएसओ इस कदर नाराज हो गए कि गाली-गलौज पर उतारु हो गए. इतना ही नहीं आरोपों के मुताबिक उन्होंने जाति-सूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया.

जाति सूचक शब्दों का किया इस्तेमाल
युवक सूर्यकांत ने अपने पिता धर्मपाल के नाम से डाली आरटीआई का आवेदन दिया था. जब युवक कार्यालय पहुंचा तो डीएसओ ब्रिजेश शुक्ला ने युवक को बहला-फुसलाकर सहमति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाना चाहा लेकिन युवक ने आरटीआई का जवाब मांगा. जवाब मांगने पर डीएसओ ब्रिजेश शुक्ला ने आरटीआई वापस लेने के लिए दबाव बनाया. आरोप है कि जब युवक नहीं माना तो ब्रिजेश शुक्ला बदतमीजी पर उतारु हो गए. इतना ही नहीं युवक के साथ गाली-गलौज करते हुए जाति-सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी. इस मामले में युवक ने जिलाधिकारी, एसएसपी और मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में जब जिलापूर्ति अधिकारी ब्रिजेश शुक्ला से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया.

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