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गौशाला बनवाने के बाद भूला जिला प्रशासन, गायों के खाने का नहीं किया प्रबंध - जिला प्रशासन

हमीरपुर में अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करने का फरमान सूबे की सरकार और जिला प्रशासन ने जारी किया था. सरकार के फरमान पर अमल करते हुए जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को तो अंदर कर दिया. लेकिन उनके भरण पोषण के लिए अभी तक आर्थिक सहायता की व्यवस्था नहीं की है.

अन्ना जानवरों की सरकार नहीं ले रही सुध, किसान परेशान
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Published : Mar 14, 2019, 11:51 AM IST

हमीरपुर: कई दशकों से सूखे की मार झेलने के बाद किसानों ने भारी मशक्कत से अपनी फसल तैयार कर ली तो उनकी फसलों को अन्ना जानवर चट करने लगे. सूबे की सरकार और जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करने का फरमान जारी किया था. जिसके बाद जानवरों को तो अंदर कर दिया गया. लेकिन उनके भरण पोषण के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की है.


जानवरों के प्रति बरती जा रही लापरवाही के चलतेकिसानों ने सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर विरोध जाहिर किया.ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा उन पर दबाव बनाकर अस्थाई गौशालाओं में अन्ना गायों को तो बंद करा दिया गया था. लेकिन अब इनगायों के खानपान का प्रबंध किसानों से नहीं हो पा रहा है.

अन्ना जानवरों की सरकार नहीं ले रही सुध, किसान परेशान


ग्राम प्रधान आनंद अशोक सचान ने कहा कि जिला प्रशासन ने अन्ना गायों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करवाने के बाद ये आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिली है. गांव के लोग अन्ना गायों के चारे पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. लेकिन किसानों की लचर आर्थिक स्थिति के कारण अन्ना गायों के सामने चारे पानी का संकट खड़ा हो गया है.

हमीरपुर: कई दशकों से सूखे की मार झेलने के बाद किसानों ने भारी मशक्कत से अपनी फसल तैयार कर ली तो उनकी फसलों को अन्ना जानवर चट करने लगे. सूबे की सरकार और जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करने का फरमान जारी किया था. जिसके बाद जानवरों को तो अंदर कर दिया गया. लेकिन उनके भरण पोषण के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की है.


जानवरों के प्रति बरती जा रही लापरवाही के चलतेकिसानों ने सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर विरोध जाहिर किया.ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा उन पर दबाव बनाकर अस्थाई गौशालाओं में अन्ना गायों को तो बंद करा दिया गया था. लेकिन अब इनगायों के खानपान का प्रबंध किसानों से नहीं हो पा रहा है.

अन्ना जानवरों की सरकार नहीं ले रही सुध, किसान परेशान


ग्राम प्रधान आनंद अशोक सचान ने कहा कि जिला प्रशासन ने अन्ना गायों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करवाने के बाद ये आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिली है. गांव के लोग अन्ना गायों के चारे पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. लेकिन किसानों की लचर आर्थिक स्थिति के कारण अन्ना गायों के सामने चारे पानी का संकट खड़ा हो गया है.

Intro:आस्थायी गौशाला बनवाने के बाद भूला जिला प्रशासन

हमीरपुर। कई दशकों से सूखे की मार झेलने के बाद जिले के किसानों ने भारी मशक्कत से अपनी फसल तैयार कर ली तो उनकी फसलों को अन्ना जानवर चट करने लगे। किसानों ने जब हो हल्ला मचाया तो सूबे की सरकार जागी और जिला प्रशासन को सभी अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करने का फरमान सुनाया। सरकार के फरमान पर अमल करते हुए जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को तो अंदर कर दिया लेकिन उनके भरण पोषण के लिए अभी तक आर्थिक सहायता की व्यवस्था नहीं की है। यह कहना है बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित गोल चबूतरे पर धरना देने बैठे पौथिया ग्राम पंचायत के निवासियों का।


Body:ग्राम प्रधान आनंद अशोक सचान के साथ धरना देने बैठे दर्जनों ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा उन पर दबाव बनाकर अस्थाई गौशालाओं में अन्ना गायों को तो बंद करा दिया गया था लेकिन अब अन्ना गायों के खानपान का प्रबंध ग्राम वासियों से नहीं हो पा रहा है। ग्राम प्रधान आनंद अशोक सचान ने कहा कि जिला प्रशासन ने अन्ना गायों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करवाने के बाद ये आश्वासन दिया गया था कि जल्द से जल्द आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं उपलब्ध कराई गई है। ग्राम पंचायत स्तर पर गांव वासी अन्ना गायों के चारे पानी की व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन किसानों की लचर आर्थिक स्थिति के कारण अन्ना गायों के सामने चारे पानी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बार-बार या कहा जा रहा है कि अन्ना गायों के भरण पोषण के लिए आर्थिक सहायता प्रधानों के खाते में स्थानांतरित कर दी गई है लेकिन अभी तक उन्हें किसी भी प्रकार की राशि नहीं मिली है।


Conclusion:उन्होंने जिला प्रशासन से मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। धरने पर बैठे ग्रामवासी रामकुमार ने कहा कि पिछले दो महीनों से गांव वासी अन्ना गायों के चारे पानी का प्रबंध करते आ रहे हैं। जिला प्रशासन की तरफ से दावे तो तमाम किए जा रहे हैं अन्ना गायों की व्यवस्था के लेकिन वह सारे के सारे दावे झूठे हैं।
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नोट : वाली बाइट ग्राम प्रधान आनंद अशोक सचान की है व दूसरी बाइट स्थानीय निवासी राम कुमार सचान की
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