ETV Bharat / briefs

फर्रुखाबाद : प्रशासनिक लापरवाही से गंगा में गिर रहा नालों का पानी - फर्रुखाबाद न्युज

केंद्र सरकार की ओर से नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हजारों करोड़ खर्च किए गए, लेकिन फर्रुखाबाद में प्रशासनिक लापरवाही के कारण पांचाल घाट और घटिया घाट इलाकों का सीवरेज आकर सीधे गंगा में मिलता है.

प्रशासनिक लापरवाही के कारण गंगा में गिर रहा नालों का गंदा पानी
author img

By

Published : Feb 26, 2019, 9:32 PM IST

फर्रुखाबाद : गंगा प्रदूषण रोकने के नाम पर प्रशासन की ओर से भले ही गंगा में गिर रहे नालों को डायवर्ट करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जनपद के पांचाल घाट में रोजाना सैकड़ों एमएलडी सीवर गंगा में बहाया जा रहा है.

प्रशासनिक लापरवाही के कारण गंगा में गिर रहा नालों का गंदा पानी

केंद्र सरकार की ओर से नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हजारों करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं जिले में भी 213 करोड़ के एसटीपी के लिए प्रोजेक्ट मंजूर है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण अभी तक भूमि अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हो सका है. इस कारण सीवर का पानी सीधे गंगा में गिर रहा है.

undefined

पांचाल घाट और घटिया घाट इलाकों का सीवरेज आकर सीधे गंगा में मिलता है. हालांकि एक माह तक चले रामनगरिया मेले के दौरान शासन ने घाट के किनारों पर गड्ढा खुदवाकर गंदा पानी इसी में डाइवर्ट करने का दावा किया था, जबकि यह गड्ढा कुछ ही देर में ओवरफ्लो हो जाता है और वापस गंदा पानी गंगा में मिल रहा है.

डीएम मोनिका रानी ने बताया कि टोका घाट नाले को तो डायवर्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही धीमरपुर और हाथीपुर समेत अन्य नालों को बायोरेमीडीएशन के द्वारा साफ पानी गंगा में जाएगा. इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, जब उनसे पूछा गया कि नालों को कहां डायवर्ट किया गया है तो उन्होंने बताया कि टोका घाट से वन विभाग की जमीन पर नाले को डायवर्ट किया गया है.

फर्रुखाबाद : गंगा प्रदूषण रोकने के नाम पर प्रशासन की ओर से भले ही गंगा में गिर रहे नालों को डायवर्ट करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जनपद के पांचाल घाट में रोजाना सैकड़ों एमएलडी सीवर गंगा में बहाया जा रहा है.

प्रशासनिक लापरवाही के कारण गंगा में गिर रहा नालों का गंदा पानी

केंद्र सरकार की ओर से नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हजारों करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं जिले में भी 213 करोड़ के एसटीपी के लिए प्रोजेक्ट मंजूर है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण अभी तक भूमि अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हो सका है. इस कारण सीवर का पानी सीधे गंगा में गिर रहा है.

undefined

पांचाल घाट और घटिया घाट इलाकों का सीवरेज आकर सीधे गंगा में मिलता है. हालांकि एक माह तक चले रामनगरिया मेले के दौरान शासन ने घाट के किनारों पर गड्ढा खुदवाकर गंदा पानी इसी में डाइवर्ट करने का दावा किया था, जबकि यह गड्ढा कुछ ही देर में ओवरफ्लो हो जाता है और वापस गंदा पानी गंगा में मिल रहा है.

डीएम मोनिका रानी ने बताया कि टोका घाट नाले को तो डायवर्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही धीमरपुर और हाथीपुर समेत अन्य नालों को बायोरेमीडीएशन के द्वारा साफ पानी गंगा में जाएगा. इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, जब उनसे पूछा गया कि नालों को कहां डायवर्ट किया गया है तो उन्होंने बताया कि टोका घाट से वन विभाग की जमीन पर नाले को डायवर्ट किया गया है.

Intro:एंकर- गंगा प्रदूषण रोकने के नाम पर प्रशासन की ओर से भले ही गंगा में गिर रहे नालों को डायवर्ट करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन फर्रुखाबाद जनपद के पांचाल घाट में रोजाना सैकड़ों एमएलडी सीवर गंगा में बहाया जा रहा है.




Body:वीओ- केंद्र सरकार की ओर से नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हजारों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं फर्रुखाबाद जिले में भी 213 करोड़ के एसटीपी के लिए प्रोजेक्ट मंजूर है. लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण अभी तक भूमि अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हो सका है. जिस कारण सीवरेज का गंदा पानी सीधे गंगा में गिर रहा है.इससे प्रशासन की लापरवाही साफ देखने को मिलती है. पांचाल घाट में फर्रुखाबाद शहर और घटिया घाट इलाकों का सीवरेज आकर सीधे गंगा में मिलता है . हालांकि 1 माह तक चले रामनगरिया मेले के दौरान शासन ने घाट के किनारों पर गड्ढा खुदवाकर गंदा पानी इसी में डाइवर्ट करने का दावा किया था , जबकि हकीकत यह है कि यह गड्ढा कुछ ही देर में ओवरफ्लो हो जाता है और वापस गंदा पानी गंगा में मिल रहा है. यह देख प्रशासन की लापरवाही और खानापूर्ति साफ नजर आती है.



Conclusion:वीओ-डीएम मोनिका रानी ने बताया कि टोका घाट नाले को तो डायवर्ट कर दिया गया है इसके साथ ही धीमरपुर और हाथीपुर समेत अन्य नालों को बायोरेमीडीएशन के द्वारा साफ पानी गंगा में जाएगा. इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है,जब उनसे पूछा गया कि नालों को कहां डायवर्ट किया गया है .तो उन्होंने बताया कि टोका घाट से वन विभाग की जमीन पर नाले को डायवर्ट किया गया है.
बाइट- मोनिका रानी, जिलाधिकारी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.