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रायबरेली में हुई कांटे की टक्कर, हारते-हारते बचीं सोनिया गांधी

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Published : May 24, 2019, 10:03 PM IST

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस एकमात्र सीट जीतने में कामयाब रही है. रायबरेली से यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने लगातार पांचवीं बार जीत का परचम लहराया है. हांलाकि सोनिया गांधी को बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह से कड़ी टक्कर मिली. सोनिया गांधी हारते-हारते इस चुनाव को जीतने में सफल हुईं. दिनेश प्रताप सिंह ने 3 लाख से ज्यादा वोट हासिल करके यह दिखा दिया है कि भविष्य में कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली रायबरेली सीट में भी सेंध लग सकती है.

सोनिया गांधी

रायबरेली: लोकसभा चुनाव में इस बार मोदी की आंधी में कई दिग्गज नेता धराशायी हो गए. दशकों से कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी सीट पर बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने सेंध लगाकर यह साबित कर दिया कि गांधी परिवार अब अजेय नहीं रहा. वहीं रायबरेली में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह से जिस तरह सोनिया गांधी को टक्कर मिली उससे कयास लगाए जाने लगे हैं कि आने वाले समय में रायबरेली में भी कमल खिल सकता है.

पांचवीं बार सोनिया गांधी ने दर्ज की जीत.

दिनेश प्रताप सिंह कभी गांधी परिवार के बेहद करीबियों में गिने जाने थे. इन्हें कांग्रेस छोड़कर भाजपा में लाने के लिए खुद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रायबरेली आए थे. तभी से यह कयास लगाया जा रहा था कि यूपीए चेयरपर्सन के खिलाफ लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है.

23 मई के आए परिणामों ने भाजपा का यह दांव काफी काफी हद तक सटीक रहा. दिनेश प्रताप सिंह भले ही चुनाव में जीत न दर्ज कर सके हों, लेकिन उन्होंने सोनिया को कड़ी टक्कर दी और उनके जीत के अंतर को जरूर कम किया है.

रायबरेली: लोकसभा चुनाव में इस बार मोदी की आंधी में कई दिग्गज नेता धराशायी हो गए. दशकों से कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी सीट पर बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने सेंध लगाकर यह साबित कर दिया कि गांधी परिवार अब अजेय नहीं रहा. वहीं रायबरेली में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह से जिस तरह सोनिया गांधी को टक्कर मिली उससे कयास लगाए जाने लगे हैं कि आने वाले समय में रायबरेली में भी कमल खिल सकता है.

पांचवीं बार सोनिया गांधी ने दर्ज की जीत.

दिनेश प्रताप सिंह कभी गांधी परिवार के बेहद करीबियों में गिने जाने थे. इन्हें कांग्रेस छोड़कर भाजपा में लाने के लिए खुद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रायबरेली आए थे. तभी से यह कयास लगाया जा रहा था कि यूपीए चेयरपर्सन के खिलाफ लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है.

23 मई के आए परिणामों ने भाजपा का यह दांव काफी काफी हद तक सटीक रहा. दिनेश प्रताप सिंह भले ही चुनाव में जीत न दर्ज कर सके हों, लेकिन उन्होंने सोनिया को कड़ी टक्कर दी और उनके जीत के अंतर को जरूर कम किया है.

Intro:दिनेश प्रताप सिंह ने सोनिया को कड़ी टक्कर देकर,अमेठी के मार्ग पर रायबरेली को किया प्रशस्त

24 मई 2019 - रायबरेली

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस द्वारा जीती गई एकमात्र सीट रायबरेली में भले ही यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने लगातार पांचवीं बार अपना परचम कायम किया हो पर कम होते जीत के अंतराल ने एक तरफ जहां भाजपा के मन में रायबरेली फतेह करने की उम्मीद कायम की है वहीं कांग्रेसियों खेमे में रायबरेली के खिसकने का डर साफ देखा जा रहा है। दशकों से कांग्रेस का गढ़ करार दिए जाने वाले रायबरेली व अमेठी के अभेद दुर्ग में भाजपा की फायर ब्रांड नेता स्मृति ईरानी ने अमेठी में सेंध लगाकर यह साबित कर दिया कि गांधी परिवार अब अजेय नहीं रहा।साथ ही यह मैसेज देने में भी कामयाब रही कि अमेठी में भी कमल खिलाया जा सकता है कुछ यही कारण है कि भाजपाई आने वाले वर्षों में रायबरेली में भी कमल खिलने की कयास लगा रहे है।

कभी गांधी परिवार के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले दिनेश प्रताप सिंह को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में लाने साधने के लिए खुद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रायबरेली आए थे और तभी से यह कयास लगाने जा लगाया जा रहा था यूपीए चेयरपर्सन के खिलाफ लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है। 23 मई के आएं परिणामों ने भाजपा के इस दांव को काफी हद तक सटीक करार देते हुए सोनिया के जीत के अंतराल अब तक के न्यूनतम स्तर पर लाने का काम किया।


















Body:हालांकि कांग्रेसी समर्थक अभी भी यह मानने को तैयार नही दिखते कि पांचवी बार पांच लाख पर के नारे को पाने में असफल रहे।पर कांग्रेसियों की बॉडी लैंग्वेज से कम हुए मार्जिन ने उन्हें
बेचैन जरुर किया और भाजपा के बढ़ते वोट से माथे पर शिकन जरुर देखी जा रही थी।

मतगणना के परिणाम -

534918 - सोनिया गांधी - कांग्रेस (विनर)

367740- दिनेश प्रताप सिंह - भाजपा (रनर अप)

167178 - जीत का मार्जिन

2014 परिणाम -

526434- सोनिया गांधी - कांग्रेस (विनर)

173721- अजय अग्रवाल- भाजपा (रनर अप)

352713 - जीत का मार्जिन


रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीते प्रत्याशी और उनके दल -


1951-52: फिरोज गांधी (कांग्रेस) 


1957      : फिरोज गांधी (कांग्रेस)


1960      : आर पी सिंह (कांग्रेस) - उपचुनाव


1962      : बैजनाथ कुरील (कांग्रेस)


1967      : इंदिरा गांधी (कांग्रेस)


1971      : इंदिरा गांधी (कांग्रेस)


1977      : राजनारायण सिंह भारतीय लोक दल (जनता पार्टी)


1980      : इंदिरा गांधी (कांग्रेस)


1980-81: अरुण नेहरू (कांग्रेस) - उपचुनाव


1984      : अरुण नेहरू (कांग्रेस)


1989      : शीला कौल  (कांग्रेस)


1991      : शीला कौल  (कांग्रेस)


1996      : अशोक सिंह (भाजपा)


1998      : अशोक सिंह (भाजपा)


1999      : कैप्टन सतीश शर्मा (कांग्रेस)


2004      : सोनिया गांधी (कांग्रेस)


2006      : सोनिया गांधी (कांग्रेस) - उपचुनाव


2009      : सोनिया गांधी (कांग्रेस)


2014      : सोनिया गांधी (कांग्रेस)


2019      : सोनिया गांधी (कांग्रेस)






विज़ुअल: संबंधित विज़ुअल (फ़ाइल विज़ुअल - किशोरी लाल शर्मा) + पीटीसी

बाइट: कल्याण चंद श्रीवास्तव - कांग्रेस सेवादल प्रभारी - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034


Conclusion:
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