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बस्ती: भदेश्वरनाथ मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला, बम-बम भोले के जयकारों से गूंजा मंदिर

बस्ती के विख्यात बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंची. इस दौरान श्रद्धालुओं ने बाबा भदेश्वरनाथ के दर्शन कर आशीर्वाद लिया.

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Published : Mar 5, 2019, 6:28 AM IST

bhardwarnath temple

बस्ती: जनपद के विख्यात बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर आज शिव भक्तों का रेला उमड़ा. भक्तों ने जल चढ़ाकर और पूजन अर्चन करके बाबा से आशीर्वाद लिया. अपने आप में कई पौराणिक कथाओं को समेटे बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर पूरे मण्डल की पहचान है.

दर्शन को पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़.

महाशिवरात्रि पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने यहां जलाभिषेक किया. इसके अतिरिक्त सावन माह में प्रतिदिन यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. प्रत्येक सोमवार को भी श्रद्धालु इस मंदिर में सैकड़ों की संख्या में पूजा करने आते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां पर जलाभिषेक और पूजन अर्चन से मनोकामना पूर्ण होती है. यह मंडल का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन मंदिर है. यहां पर अन्य जनपदों के श्रद्धालु भी आते हैं.

लोक मान्यताओं के अनुसार रावण हर रोज कैलाश जाकर भगवान शिव की पूजा करता था और वहां से एक शिवलिंग लेकर आता था. मंदिर के पुजारी ने बताया कि उसी दौरान ये शिवलिंग भी रावण कैलाश से लेकर आया था. वहीं लोगों के अनुसार अज्ञातवास के दौरान राजा युधीष्ठिर ने यहां शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की थी.

लोक कथाओं के अनुसार घने वन के बीच यह स्थल स्थित था. बताया जाता है ब्रिटिशकाल के दौरान इस क्षेत्रफल पर कब्जा करने आई बिट्रिश सेना को दैवीय आपदाओं के कारण भागना पड़ा था. लोककथाओं में एक बार चोरी का भी जिक्र आता है. बताया जाता है कि कुछ चोरों ने शिवलिंग की खुदाई भी की, लेकिन काफी खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला. वहीं जब वो भागने लगे तो उनके गाड़ी का पहिया वहीं धंस गया और पत्थर बन गया. पुजारी बताते हैं कि इस शिवलिंग को कोई अपने बाजुओं में नहीं समा सकता है.

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बस्ती: जनपद के विख्यात बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर आज शिव भक्तों का रेला उमड़ा. भक्तों ने जल चढ़ाकर और पूजन अर्चन करके बाबा से आशीर्वाद लिया. अपने आप में कई पौराणिक कथाओं को समेटे बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर पूरे मण्डल की पहचान है.

दर्शन को पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़.

महाशिवरात्रि पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने यहां जलाभिषेक किया. इसके अतिरिक्त सावन माह में प्रतिदिन यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. प्रत्येक सोमवार को भी श्रद्धालु इस मंदिर में सैकड़ों की संख्या में पूजा करने आते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां पर जलाभिषेक और पूजन अर्चन से मनोकामना पूर्ण होती है. यह मंडल का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन मंदिर है. यहां पर अन्य जनपदों के श्रद्धालु भी आते हैं.

लोक मान्यताओं के अनुसार रावण हर रोज कैलाश जाकर भगवान शिव की पूजा करता था और वहां से एक शिवलिंग लेकर आता था. मंदिर के पुजारी ने बताया कि उसी दौरान ये शिवलिंग भी रावण कैलाश से लेकर आया था. वहीं लोगों के अनुसार अज्ञातवास के दौरान राजा युधीष्ठिर ने यहां शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की थी.

लोक कथाओं के अनुसार घने वन के बीच यह स्थल स्थित था. बताया जाता है ब्रिटिशकाल के दौरान इस क्षेत्रफल पर कब्जा करने आई बिट्रिश सेना को दैवीय आपदाओं के कारण भागना पड़ा था. लोककथाओं में एक बार चोरी का भी जिक्र आता है. बताया जाता है कि कुछ चोरों ने शिवलिंग की खुदाई भी की, लेकिन काफी खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला. वहीं जब वो भागने लगे तो उनके गाड़ी का पहिया वहीं धंस गया और पत्थर बन गया. पुजारी बताते हैं कि इस शिवलिंग को कोई अपने बाजुओं में नहीं समा सकता है.

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Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह श्रीनेत
9161087094
8317019190
बस्ती: जनपद के विख्यात बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर आज शिव भक्तों का रेला उमड़ा. भक्तों ने जल चढ़ाकर और पूजन अर्चन करके बाबा से आशीर्वाद लिया. अपने आप मे कई पौराणिक कथाओं को समेटे बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर पूरे मण्डल की पहचान है. दशकों से यहां पूजा अर्चना की जा रही है.

लोक मान्यताओं के अनुसार रावण हर रोज कैलाश जाकर भगवान शिव की पूजा करता था और वहां से एक शिवलिंग लेकर आता था. मंदिर के पुजारी ने बताया कि उसी दौरान ये शिवलिंग भी  रावण कैलाश से लेकर आया था. वहीं लोगों के अनुसार अज्ञातवास के दौरान राजा युधीष्ठिर ने यहां शिव लिंग की स्थापना कर पूजा की थी. लोक कथाओं के अनुसार घने वन के बीच यह स्थल स्थित था. बताया जाता है ब्रिटिशकाल के दौरान इस क्षेत्रफल पर कब्जा करने आई बिट्रिश सेना को दैवीय आपदाओं के कारण भागना पड़ा था.





Body:लोककथाओं में एक बार चोरी का भी जिक्र आता है. बताया जाता है कि कुछ चोरों ने शिवलिंग की खुदाई भी की लेकिन काफी खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नही मिला. वहीं जब वो भागने लगे तो उनके गाड़ी का पहिया वही धँस गया और पत्थर बन गया. 

पुजारी बताते हैं कि इस शिवलिंग को कोई अपने बाजुओं में नही शमा सकता है. उन्होंने बताया कि कई बार लोगो ने जोर आजमाइश की लेकिन कोई सफल नही हुआ.

महाशिवरात्रि पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने यहां जलाभिषेक किया. इसके अतिरिक्त सावन माह में प्रतिदिन यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. प्रत्येक सोमवार को भी श्रद्धालु इस मंदिर में सैकड़ों की संख्या में पूजा करने आते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां पर जलाभिषेक और पूजन अर्चन से मनोकामना पूर्ण होती है. यह मंडल का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन मंदिर है. यहां पर अन्य जनपदों के श्रद्धालु भी आते हैं.

विजुअल और बाइट...भदेश्वरनाथ मंदिर, पुजारी



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