वाराणसी: गंगा दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है और सुबह से ही काशी के विभिन्न घाटों पर श्रध्दालुओं का तांता लगना शुरू हो गया. श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. वहीं ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार मनाया जाता है. स्कन्दपुराण के मुताबिक ज्येष्ठ शुक्ल दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है. इसमें स्नान और दान करने का विशेष महत्व है.
काशी में श्रध्दालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी
- पुराणों में कहा गया है कि जो भी भक्त आज के दिन इस अविरल धारा में डुबकी लगाता है उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है.
- आस्था के साथ बुधवार को वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर समूचे भारत से आये हुए गंगा भक्तों ने सुबह की पहली किरण के साथ डुबकी लगाई और अपने साथ लाये आस्था के फूल पतित पावनी गंगा में अर्पित किए.
- श्रध्दालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर घाटों पर बैठे पुरोहितों को दान-पुण्य भी किया.
- मान्यता के मुताबिक गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने मात्र से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और आज के ही दिन गंगा स्नान करने मात्र से भक्तों के सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं.
ज्येष्ठ माह में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है. गंगा दशहरा की एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि आज के दिन गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं. एक दूसरी मान्यता यह भी है आज के दिन भगवान शंकर भोर होने पर मां गंगा में स्नान करने आते हैं.
- अजय तिवारी, पुरोहित, दशाश्वमेघ घाट