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सीतापुर: 2018 में हर दिन खून से लाल हुईं सड़कें - सीतापुर में परिवहन विभाग ने सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए

जिले में सड़क हादसों के चलते हर दिन लोग मौत का शिकार हुए हैं. पूरे साल में चार सौ से ज्यादा लोगों की मौत सरकारी आंकड़ों में दर्ज की गई है. परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाते हुए सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए हैं.

परिवहन विभाग ने सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए
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Published : Jun 20, 2019, 7:48 PM IST

सीतापुर: प्रदेश की राजधानी से सटे सीतापुर जिले के बीच से करीब सौ किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग गुज़रा है. शायद ही कोई दिन ऐसा गुज़रता हो कि इस मार्ग पर कोई दुर्घटना न घटी हो. इसके अलावा जिले के अंतर्गत अन्य तमाम सड़कें और संपर्क मार्ग भी हैं. इसके चलते रोजाना दुर्घटना होना और उस घटना में किसी का मरना या घायल होना आम बात है. पूरे साल में चार सौ से ज्यादा लोगों की मौत सरकारी आंकड़ों में दर्ज की गई है. परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाते हुए सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए हैं.

परिवहन विभाग ने सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए.
  • परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाते हुए सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए हैं.
  • परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्ष 2018 में तकरीबन चार सौ लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है.
  • जिले में करीब इतने ही लोग जख्मी होने के बाद जीवन गंवाने से बच गए.
  • यदि लोग नियमों का पालन करते हुए ड्राइविंग में असावधानी न बरतें तो सड़क हादसों पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है.

लोग यातायात नियमों का पालन करने से कतराते हैं और वाहनों को ओवरलोड करके चलते हैं. वाहन चालकों को इस बाबत समय-समय पर जानकारी मुहैया कराई जाती है और जागरूक भी किया जाता है. यदि लोग नियमों का पालन करते हुए ड्राइविंग में असावधानी न बरतें तो इस पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है.

-डॉ. उदित नारायण पांडे, एआरटीओ प्रवर्तन

सीतापुर: प्रदेश की राजधानी से सटे सीतापुर जिले के बीच से करीब सौ किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग गुज़रा है. शायद ही कोई दिन ऐसा गुज़रता हो कि इस मार्ग पर कोई दुर्घटना न घटी हो. इसके अलावा जिले के अंतर्गत अन्य तमाम सड़कें और संपर्क मार्ग भी हैं. इसके चलते रोजाना दुर्घटना होना और उस घटना में किसी का मरना या घायल होना आम बात है. पूरे साल में चार सौ से ज्यादा लोगों की मौत सरकारी आंकड़ों में दर्ज की गई है. परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाते हुए सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए हैं.

परिवहन विभाग ने सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए.
  • परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाते हुए सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए हैं.
  • परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्ष 2018 में तकरीबन चार सौ लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है.
  • जिले में करीब इतने ही लोग जख्मी होने के बाद जीवन गंवाने से बच गए.
  • यदि लोग नियमों का पालन करते हुए ड्राइविंग में असावधानी न बरतें तो सड़क हादसों पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है.

लोग यातायात नियमों का पालन करने से कतराते हैं और वाहनों को ओवरलोड करके चलते हैं. वाहन चालकों को इस बाबत समय-समय पर जानकारी मुहैया कराई जाती है और जागरूक भी किया जाता है. यदि लोग नियमों का पालन करते हुए ड्राइविंग में असावधानी न बरतें तो इस पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है.

-डॉ. उदित नारायण पांडे, एआरटीओ प्रवर्तन

Intro:सीतापुर: जिले में सड़क हादसों के चलते हर दिन लोग मौत का शिकार हुए हैं. यहां की सड़कें इंसानी लहू से हर दिन लाल होती रही हैं नतीजतन पूरे साल में चार सौ से ज्यादा लोगो की मौत सरकारी आंकड़ों में दर्ज की गई है.परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाते हुए सड़क हादसों के आंकड़े जारी किए हैं.


सूबे की राजधानी लखनऊ से सटे सीतापुर जिले के बीच से करीब सौ किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग गुज़रा हुआ है. शायद ही कोई दिन ऐसा गुज़रता हो कि इस मार्ग पर कोई दुर्घटना न घटी हो अन्यथा सड़क हादसे का वाकया जरूर सामने आता है. इसके अलावा जिले के अंतर्गत अन्य तमाम सड़के और संपर्क मार्ग भी है. जिसके चलते रोजाना दुर्घटना होना और उस घटना में किसी का मरना या घायल होना आम बात है.


Body:परिवहन विभाग के आंकड़े गवाह है कि वर्ष 2018 में तकरीबन चार सौ लोग सड़क हादसों में मौत का निवाला बने और करीब इतने ही लोग जख्मी होने के बाद जीवन गंवाने से बच गए. इस तरह देखा जाय तो हर दिन यहां की सड़कें खून से सनकर लाल होती रही.


Conclusion:इस संबंध में जब हमने एआरटीओ से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि लोग यातायात नियमों का पालन करने से कतराते हैं और वाहनों को ओवरलोड करके चलते हैं.जबकि वाहन चालकों को इस बाबत समय समय पर जानकारी मुहैया कराई जाती है और जागरूक भी किया जाता है, यदि लोग नियमो का पालन करते हुए ड्राइविंग में असावधानी न बरतें तो इस पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है.

बाइट-डॉ उदित नारायण पांडे (एआरटीओ प्रवर्तन)

नीरज श्रीवास्तव, सीतापुर 9415084887
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