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देवरियाः परिवार से दूर रहकर डॉक्टर गुलाम अली निभा रहे फर्ज

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Published : May 25, 2020, 5:53 AM IST

यूपी के देवरिया में डॉक्टर गुलाम अली कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में दिन-रात जिला अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं. डॉक्टर गुलाम अली कोरोना संक्रमण फैलने के डर से अपने परिजनों से भी नहीं मिल रहे हैं.

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अपनी बेटी को दूर से देखते डॉक्टर गुलाम अली

देवरियाः पूरे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. हर कोई अपने-अपने घरों में कैद है. ऐसे मुश्किल वक्त में डॉक्टर दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे हुए है. ऐसा ही नाम है जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर गुलाम नवी का, जो पेशे से एक सर्जन हैं. वह अपने ड्यूटी के बाद भी अस्पताल में आने वाले मरीजों के इलाज में लगे रहते हैं.

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अपनी बेटी को दूर से देखते डॉक्टर गुलाम अली

परिवार से बनायी दूरी
डॉक्टर गुलाम नवी ने ईटीवी भारत को बताया कि परिवार पास रहते हुए भी उनसे नहीं मिल पाते है. कोरोना संक्रमण का डर हमेशा बना रहता है. हफ्ते बीत जाते है लेकिन परिवारवालों से सुरक्षा कारणों से नहीं मिलते हैं.

चार महीनों से लगातार दिन-रात दे रहे सेवाएं
रामपुर कारखाना के रहने वाले डॉक्टर गुलाम नवी की नियुक्ति 14 जनवरी को जिला अस्पताल में बतौर सर्जन हुई थी. तभी से लगातार दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं. रमजान में भी भूख प्यास के बावजूद भी वो मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं.

पापा का इंतजार कर रही 3 साल की बेटी
डॉक्टर गुलाम नवी की 3 साल की बेटी अलिजे अपने पापा का इंजतार करती रहती है. डॉक्टर गुलाम नवी बेटी से नहीं मिल पाते है. उनकी बेटी फोन करती है और घर आने के लिए कहती है. वह वीडियो कॉल के जरिये बात करके उसे समझाते है कि वह बहुत जल्द घर आयेंगे और ढेर सारे खिलौने व टॉफी लायेंगे.

देवरियाः पूरे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. हर कोई अपने-अपने घरों में कैद है. ऐसे मुश्किल वक्त में डॉक्टर दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे हुए है. ऐसा ही नाम है जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर गुलाम नवी का, जो पेशे से एक सर्जन हैं. वह अपने ड्यूटी के बाद भी अस्पताल में आने वाले मरीजों के इलाज में लगे रहते हैं.

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अपनी बेटी को दूर से देखते डॉक्टर गुलाम अली

परिवार से बनायी दूरी
डॉक्टर गुलाम नवी ने ईटीवी भारत को बताया कि परिवार पास रहते हुए भी उनसे नहीं मिल पाते है. कोरोना संक्रमण का डर हमेशा बना रहता है. हफ्ते बीत जाते है लेकिन परिवारवालों से सुरक्षा कारणों से नहीं मिलते हैं.

चार महीनों से लगातार दिन-रात दे रहे सेवाएं
रामपुर कारखाना के रहने वाले डॉक्टर गुलाम नवी की नियुक्ति 14 जनवरी को जिला अस्पताल में बतौर सर्जन हुई थी. तभी से लगातार दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं. रमजान में भी भूख प्यास के बावजूद भी वो मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं.

पापा का इंतजार कर रही 3 साल की बेटी
डॉक्टर गुलाम नवी की 3 साल की बेटी अलिजे अपने पापा का इंजतार करती रहती है. डॉक्टर गुलाम नवी बेटी से नहीं मिल पाते है. उनकी बेटी फोन करती है और घर आने के लिए कहती है. वह वीडियो कॉल के जरिये बात करके उसे समझाते है कि वह बहुत जल्द घर आयेंगे और ढेर सारे खिलौने व टॉफी लायेंगे.

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