मैनपुरी: पुलिस ने ठगी के एक मामले में एक एमटेक के छात्र को गिरफ्तार किया है. यह छात्र विभिन्न मोबाइल ऑपरेटर कंपनी के मोबाइल नंबर का केवाईसी अपडेट करने के नाम पर पीड़ित के मोबाइल पर रिमोट एक्सेस डाउनलोड कराकर ठगी करता था. इसके पास से 6 हजार रुपये नकद, एक एंड्राइड मोबाइल, एक लैपटॉप और विभिन्न खातों की पासबुक पुलिस ने बरामद की है. इसमें उसके दो अन्य साथियों का नाम भी प्रकाश में आया है. पुलिस जल्द ही दोनों को गिरफ्तार करने की बात कह रही है.
कोतवाली मैनपुरी के धारऊ निवासी प्रदीप कुमार ने एक शिकायती पत्र दर्ज कराया था. उन्होंने कहा था कि एक मैसेज द्वारा हमें बताया गया कि आपका फोन बंद हो जाएगा. आप दस रुपये का रिचार्ज करा लें. इसके बाद हमें एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया. जैसे ही हमने ऐप को डाउनलोड किया, हमारा सारा डाटा चला गया और कुछ देर बाद हमारे 8300 रुपये खाते से निकाल लिए गए. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और साइबर सेल को जांच के लिए भेज दिया. साइबर सेल की टीम लगातार इस पर काम कर रही थी, लेकिन कहीं भी कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था, जिसके बाद राजस्थान के इलेक्ट्रिक बोर्ड में एक भुगतान किया गया. इसके चलते पुलिस ने साइबर अभियुक्त को धर दबोचा. आरोपी का नाम मयंक गुप्ता है, जो मोहल्ला वासन गेट थाना कोतवाली भरतपुर राजस्थान का रहने वाला था.
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पूछताछ में उसने बताया कि हम विभिन्न मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों के मोबाइल नंबर का केवाईसी अपडेट करने के नाम पर पीड़ित के मोबाइल पर रिमोट ऐप डाउनलोड करा कर ठगी करते हैं. साथ ही इसमें हमारे दो साथी और भी हैं. उनका नाम कपिल और शीतल है. पूछताछ में इसने चौंकाने वाली जानकारी दी. इसका एरिया पूरा भारत वर्ष था और अब तक कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका था. आरोपी के पास से 6000 रुपये नकद, एक एंड्रॉयड फोन, एक लैपटॉप और विभिन्न खातों की पासबुक मिली है. अभियुक्त को न्यायालय के सामने पेश किया गया. वहां से उसको जेल भेज दिया गया. फरार अभियुक्तों को जल्द ही पुलिस गिरफ्तार करने की बात कह रही है.