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गौशालाओं में हो रही गायों की मौत, अब बनेंगी मॉडल गोशालाएं

भीषण गर्मी और पर्याप्त भोजन न मिलने से गौशालाओं में गायों की मौत हो रही हैं. इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग का कहना है कि जिन गौशालाओं में संबंधित ग्राम प्रधान की लापरवाही है, उन्हीं गौशालाओं में गायों के जीवन को संकट है. वहीं प्रधान का कहना है कि उन्हें गायों के खाने-पीने और उनके रखने का कोई भी बजट नहीं दिया जा रहा है.

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Published : May 13, 2019, 10:02 AM IST

गौशाला में गायों की मौत

इटावा: जनपद के बढ़पुरा ब्लॉक की कांधनी आदर्श गौशाला में गुरुवार को तीन गायों ने दम तोड़ दिया. वहीं कई गायें मरने की कगार पर हैं. इस आदर्श गौशाला में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो पाया कि भीषण गर्मी में गायों के रहने की व्यवस्था खुले आसमान के नीचे है. गायों को सिर्फ खाने के लिये भूसा ही दिया जा रहा है.

कांधनी आदर्श गौशाला में तीन गायों की मौत.
  • कांधनी के ग्राम प्रधान बताते हैं कि गौशाला में गायों के रख-रखाव और उनके खाने-पीने की व्यवस्था वह अब तक अपने खर्चे से करते आ रहे हैं.
  • जिला पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि गौशाला में गायों की मौत वहां के ग्राम प्रधान के व्यवस्था में लापरवाही के कारण हो रही हैं.
  • अधिकारी बताते हैं कि शासन ने जनपद की गौशालाओं में गोवंशों के रख-रखाव के लिये 1 करोड़ रुपये दिए हैं.
  • कांधनी गौशाला के बढ़पुरा वीडियो को अब तक 6 लाख रुपये दिए जा चुके हैं.

जिला प्रशासन भी गौशालाओं में लगातार हो रहीं गायों की मौत से चिंतित है. इसलिए अब जनपद के प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल गोशालाएं बनवाई जा रही हैं, जिनमें गायों का रख-रखाव सही ढंग से किया जाएगा.

इटावा: जनपद के बढ़पुरा ब्लॉक की कांधनी आदर्श गौशाला में गुरुवार को तीन गायों ने दम तोड़ दिया. वहीं कई गायें मरने की कगार पर हैं. इस आदर्श गौशाला में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो पाया कि भीषण गर्मी में गायों के रहने की व्यवस्था खुले आसमान के नीचे है. गायों को सिर्फ खाने के लिये भूसा ही दिया जा रहा है.

कांधनी आदर्श गौशाला में तीन गायों की मौत.
  • कांधनी के ग्राम प्रधान बताते हैं कि गौशाला में गायों के रख-रखाव और उनके खाने-पीने की व्यवस्था वह अब तक अपने खर्चे से करते आ रहे हैं.
  • जिला पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि गौशाला में गायों की मौत वहां के ग्राम प्रधान के व्यवस्था में लापरवाही के कारण हो रही हैं.
  • अधिकारी बताते हैं कि शासन ने जनपद की गौशालाओं में गोवंशों के रख-रखाव के लिये 1 करोड़ रुपये दिए हैं.
  • कांधनी गौशाला के बढ़पुरा वीडियो को अब तक 6 लाख रुपये दिए जा चुके हैं.

जिला प्रशासन भी गौशालाओं में लगातार हो रहीं गायों की मौत से चिंतित है. इसलिए अब जनपद के प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल गोशालाएं बनवाई जा रही हैं, जिनमें गायों का रख-रखाव सही ढंग से किया जाएगा.

Intro:एंकर-भीषण गर्मी के चलते व पर्याप्त भोजन न मिलने से सरकार की गोशालाओं में रखी जा रहीं गायो की मौत हो रही हैं।इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग का कहना है कि जिन गोशालाओं में सम्बंधित ग्राम प्रधान का मिस मिनेजमेंट है उन ही गौशालाओ में गायो के जीवन को संकट है।प्रशासनिक अधिकारी भी गायो की मौत को लेकर चिंतित है इसलिए अब जिला प्रशासन जिले में मॉडल गोशालाएं बनवाने जा रहा है।जबकि प्रधान जी कहते है कि उन्हें गोशाला में रखी गयी गायो के खाने पीने व उनके रखने का कोई भी बजट उन्हें नहीं दिया जा रहा है।पेश है एक खास रिपोर्ट-


Body:वीओ(1)-इटावा जनपद के बढ़पुरा ब्लॉक की कांधनी आदर्श गोशाला में आज गुरुवार को तीन गायो ने दम तोड़ दिया है जबकि आधा दर्जन से अधिक गाये मरने की कगार पर है।इस आदर्श गोशाला में जब हमारी टीम ने देखा तो पाया कि भीषण गर्मी में गायो के रहने की व्यवस्था खुले आसमान के नीचे ही है,साथ ही यहां की गायो को सिर्फ खाने के लिये भूसा ही दिया जा रहा है।कांधनी के ग्राम प्रधान बताते हैं कि गोशाला में गायो के रखरखाव व उनके खाने पीने की व्यवस्था वह अब तक अपने खर्चे से करते आ रहे हैं।

वाइट-ब्रजेन्द्र सिंह(ग्राम प्रधान कांधनी)

वीओ(2)-जबकि जिला पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कांधनी गाँव की गोशाला में गायो की मौत वहां के ग्राम प्रधान के मिस मैनेजमेंट के कारण हो रही हैं।विभाग के अधिकारी बताते है कि शासन ने जनपद की गोशालाओं में गो-वँशो के रखरखाव व उनके खाने पीने के लिये 1 करोड़ रुपया दिया है।जिसमे कांधनी गोशाला के बढ़पुरा वीडियो को अब तक 6 लाख रुपया दिया जा चुका है।

वाइट-डी के सिंह(मुख्य पशु चिकित्साधिकारी)

वीओ(3)-जिला प्रशासन भी गोशालाओं में लगातार हो रही गायो की मौत से चिंतित है।इसलिए अब जनपद के प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 आदर्श गोशालाएं बनवाई जा रहीं,जिनमे गायो का रखरखाव सही ढंग से किया जाएगा।

वाइट-आर गणपति राजा(सीडीओ)


Conclusion:वीओ(4)-इटावा जिले में आदर्श गोशालाएं बनेगी तब बनेगी,लेकिन सवाल तो यहां यह है कि क्या जब तक आदर्श गोशालाएं नही बन पाएंगी तब तक गायो की मौत न हो इसका कोई भी प्रबन्ध क्या जिला प्रशासन नही कर पायेगा?गायो के गोशाला में मरने का सबसे बड़ा कारण यही है इन गोशालाओ में रखी गयी गायो के धूप से बचने के पर्याप्त साधन नही किये गए हैं,साथ ही जो सूखा भूसा गायो को दिया जा रहा है उससे किसी भी तरह का प्रोटीन गायो को नही मिल पा रहा है,इसीलिए लगातार गायो की हालत बद से बद्दतर होती जा रही है।
मोब न0-8445980843।
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