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SGPGI में चरमराई कोविड-19 जांच व्यवस्था, स्टाफ परेशान

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Published : Apr 22, 2021, 10:20 PM IST

लखनऊ में एसजीपीजीआई (SGPGI) में गुरुवार को उमड़ी भीड़ के कारण कोविड-19 टेस्ट की व्यवस्था फेल हो गई. SGPGI प्रबंधन लोगों से कोरोना के नियमों का पालन नहीं करा पाया. वहीं संस्थान के स्टाफ खुद अपनी कोविड जांच कराने के लिए घंटों परेशान रहे.

एसजीपीजीआई लखनऊ.
एसजीपीजीआई लखनऊ.

लखनऊः संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार को स्टाफ के आरटीपीसीआर जांच के लिए उमड़ी भीड़ से पूरी व्यवस्था चरमरा गई. अव्यवस्था के आरोपों से जूझ रहा एसजीपीजीआई प्रबंधन यहां कोविड-19 नियमों का पालन नहीं करा पा रहा है. स्टाफ को ही अपनी जांच कराने के लिए घंटों जूझना पड़ रहा है.

आरक्षित हो चिकित्सकों एवं उनके परिजनों के लिए बिस्तर
प्रोविंशियल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन वैश्य और महामंत्री डॉ. अमित सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. पत्र में मांग की गई है कि एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान सहित विभिन्न संस्थानों और जिलों में स्थित अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों एवं उनके परिजनों के लिए बेड आरक्षित हो. पत्र में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर अत्यंत खतरनाक है. इस अवस्था में काम कर रहे चिकित्सकों एवं उनके परिवार के लोगों को संक्रमण का खतरा बना रहता है. ऐसी दशा में उन्हें इलाज मुहैया कराने के लिए कुछ बिस्तर आरक्षित किया जाना बेहद जरूरी है.

इसे भी पढ़ें- ऑक्सीजन की आफत, टले 700 मरीजों के ऑपरेशन

रेजिडेंट डॉक्टर की दादी को नहीं मिला इलाज
डॉ. अमित सिंह का कहना है कि अभी एक रेजीडेंट डॉक्टर जो कि एसजीपीजीआई के ही कोविड अस्पताल में कार्यरत हैं. उनकी दादी की स्थिति बेहद खराब हो गई, संस्थान प्रशासन से आग्रह करने पर जवाब दिया गया कि हर भर्ती से पहले निदेशक की अनुमति चाहिए. साथ में बोला गया कि दादी तो दूर की रिश्तेदार हुईं, क्या ऐसी मनोस्थिति में हम उस रेजीडेंट डॉक्टर से पूर्ण निष्ठा से कार्य करने की अपेक्षा कर सकते हैं.

लखनऊः संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार को स्टाफ के आरटीपीसीआर जांच के लिए उमड़ी भीड़ से पूरी व्यवस्था चरमरा गई. अव्यवस्था के आरोपों से जूझ रहा एसजीपीजीआई प्रबंधन यहां कोविड-19 नियमों का पालन नहीं करा पा रहा है. स्टाफ को ही अपनी जांच कराने के लिए घंटों जूझना पड़ रहा है.

आरक्षित हो चिकित्सकों एवं उनके परिजनों के लिए बिस्तर
प्रोविंशियल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन वैश्य और महामंत्री डॉ. अमित सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. पत्र में मांग की गई है कि एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान सहित विभिन्न संस्थानों और जिलों में स्थित अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों एवं उनके परिजनों के लिए बेड आरक्षित हो. पत्र में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर अत्यंत खतरनाक है. इस अवस्था में काम कर रहे चिकित्सकों एवं उनके परिवार के लोगों को संक्रमण का खतरा बना रहता है. ऐसी दशा में उन्हें इलाज मुहैया कराने के लिए कुछ बिस्तर आरक्षित किया जाना बेहद जरूरी है.

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रेजिडेंट डॉक्टर की दादी को नहीं मिला इलाज
डॉ. अमित सिंह का कहना है कि अभी एक रेजीडेंट डॉक्टर जो कि एसजीपीजीआई के ही कोविड अस्पताल में कार्यरत हैं. उनकी दादी की स्थिति बेहद खराब हो गई, संस्थान प्रशासन से आग्रह करने पर जवाब दिया गया कि हर भर्ती से पहले निदेशक की अनुमति चाहिए. साथ में बोला गया कि दादी तो दूर की रिश्तेदार हुईं, क्या ऐसी मनोस्थिति में हम उस रेजीडेंट डॉक्टर से पूर्ण निष्ठा से कार्य करने की अपेक्षा कर सकते हैं.

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