सहारनपुर: जिला नगर निगम में शनिवार को पुलिस के खिलाफ पार्षदों में आक्रोश दिखा. इसी को लेकर मेयर संजीव वालिया की अध्यक्षता में नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई. बैठक में लॉकडाउन के दौरान पुलिस द्वारा पार्षदों और नगर निगम कर्मचारियों के साथ किए गए अभद्र व्यवहार की घटनाओं पर पार्षदों ने आक्रोश व्यक्त किया. साथ ही सरकार को अवगत कराकर शासन से कार्रवाई कराने की मांग की गई.
नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने पार्षदों को बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी व एसएसपी को अवगत कराया जा चुका है. साथ ही सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस प्रशासन सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाएगा, तो पार्षद भी सहयोग नहीं करेंगे और किसी भी शांति समिति की बैठक में नहीं जाएंगे.
'लॉकडाउन में सभी पार्षदों का रहा है सहयोग'
मेयर संजीव वालिया ने कहा कि लॉकडाउन में सभी 80 पार्षदों और राजनीतिक दलों का सहयोग रहा है. इसी सहयोग के आधार पर नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन अपने कार्यों को सही अंजाम दे पाया है. परिणाम यह है कि कोरोना संक्रमण से निपटने को लेकर सहारनपुर जिले की पूरे देश में सराहना हो रही है. उन्होंने कहा कि संभवत: कुछ कमियां रही होंगी, उन्हें दूर कराने का प्रयास किया जाएगा.
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि जो भी राशन की किट वितरित की गई हैं, वे जिला प्रशासन द्वारा वितरित कराई गई हैं. साथ ही गरीबों के खातों में एक हजार रुपये जमा कराने में भी पार्षद केवल उनकी सूची उपलब्ध कराने के माध्यम रहे हैं. वहीं पार्षदों को सीधे सरकार द्वारा या निगम द्वारा कोई नकद धनराशि वितरित करने के लिए नहीं दी गई.
पार्षदों को नहीं दी गई सुरक्षा किट
पार्षदों का कहना था कि उनकी सुरक्षा के लिए और जनता के लिए उन्हें कोई सैनिटाइजर, गलब्स व मास्क नहीं दिए गए, जबकि हॉटस्पॉट क्षेत्रों से लेकर क्वारंटाइन केंद्रों तक उन्हें भी बार-बार जाना पड़ा है. पार्षदों की सुरक्षा भी उतनी ही आवश्यक है, जितनी अन्य कोरोना योद्धाओं को दी गई है. इस पर मेयर संजीव वालिया ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों के बीमे की तर्ज पर ही पार्षदों का बीमा कराने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा.
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