महराजगंज: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जिले में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. आरोप है कि लोगों के खाते में बिना काम किए ही पैसा भेजकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. मजदूर खाते से पैसे निकाल कर ग्राम प्रधान और पंचायत मित्र को दे देते हैं. इस फर्जीवाड़े की शिकायत सीडीओ से की गयी है.
मजदूरों को दिया जा रहा 200 दिनों का काम
मजदूरों को एक साल में 100 दिन का रोजगार मिलना मुश्किल है, वहीं आरोप है कि कुछ मजदूरों को एक साल में 200 दिनों से अधिक कागजों में रोजगार देकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. मास्टर रोल पर मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा लगाकर पैसे देने के आरोप लग रहे हैं. कहा जा रहा है कि ग्राम प्रधान और पंचायत मित्र सांठगांठ कर मजदूरों से रकम के ज्यादातर हिस्से का बंटवारा कर अपनी जेब में रख रहे हैं. इस भ्रष्टाचार में कुछ बैंक कर्मियों की मिलीभगत भी बतायी जा रही है.
ठूठीबारी थाना क्षेत्र के बोदना गांव की जुबैदा खातून ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो मनरेगा में बंदरबांट उजागर हुआ. पीड़ित जुबैदा खातून ने मनरेगा कार्य में धांधली का आरोप लगाते हुए ठुठीबारी पुलिस को एक तहरीर दी है. तहरीर के आधार पर ठुठीबारी पुलिस ने ग्राम प्रधान कैलाश प्रजापति और पंचायत मित्र अमरजीत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी है. वहीं जिला प्रशासन, सचिव को बचाने में जुटा हुआ है. इनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
मनरेगा में फर्जीवाड़े का मामला संज्ञान में आया है. दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पवन अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी