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तुलसी निकेतन में नए सिरे से होगा फ्लैट का निर्माण, GDA ने लिया अहम फैसला

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Published : May 22, 2019, 4:46 PM IST

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को तुलसी निकेतन में फ्लैटों के सर्वे के लिए नियुक्त किया था. रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि ज्यादातर फ्लैट जर्जर हालत में हैं.

तुलसी निकेतन में नए सिरे से होगा फ्लैट का निर्माण

गाजियाबाद : जीडीए तुलसी निकेतन कॉलोनी के 2292 जर्जर फ्लैटों को नए सिरे से बनाएगा. आपको बता दें कि कुछ महीने पहले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को तुलसी निकेतन के जर्जर फ्लैटों के सर्वे के लिए नियुक्त किया था.

तुलसी निकेतन में नए सिरे से होगा फ्लैट का निर्माण

जर्जर हालत में यहां के फ्लैट
विश्वविद्यालय की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र था कि तुलसी निकेतन के सभी फ्लैट जर्जर हालत में हैं और किसी भी वक्त धराशाई हो सकते हैं.

नए सिरे से होगा फ्लैटों का निर्माण
आपको बता दें कि तुलसी निकेतन स्थित फ्लैटों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 22 वर्ष पहले बनवाया था. वर्तमान में यहां करीब 15 हजार लोग निवास कर रहे हैं. ऐसे में जीडीए ने निर्णय लिया है कि यहां पर रह रहे नागरिक खुद अपने फ्लैटों को खाली कर दें ताकि यहां पर नए सिरे से फ्लैटों का निर्माण किया जा सके.

इन दस्तावेजों के साथ करें आवेदन
फ्लैटों के आवंटन के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि तुलसी निकेतन के स्थानीय नागरिक 10 मई से लेकर 10 जून तक अपनी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज और शपथ पत्र देकर अपने मकानों का दोबारा आवंटन करा सकते हैं.

गाजियाबाद : जीडीए तुलसी निकेतन कॉलोनी के 2292 जर्जर फ्लैटों को नए सिरे से बनाएगा. आपको बता दें कि कुछ महीने पहले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को तुलसी निकेतन के जर्जर फ्लैटों के सर्वे के लिए नियुक्त किया था.

तुलसी निकेतन में नए सिरे से होगा फ्लैट का निर्माण

जर्जर हालत में यहां के फ्लैट
विश्वविद्यालय की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र था कि तुलसी निकेतन के सभी फ्लैट जर्जर हालत में हैं और किसी भी वक्त धराशाई हो सकते हैं.

नए सिरे से होगा फ्लैटों का निर्माण
आपको बता दें कि तुलसी निकेतन स्थित फ्लैटों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 22 वर्ष पहले बनवाया था. वर्तमान में यहां करीब 15 हजार लोग निवास कर रहे हैं. ऐसे में जीडीए ने निर्णय लिया है कि यहां पर रह रहे नागरिक खुद अपने फ्लैटों को खाली कर दें ताकि यहां पर नए सिरे से फ्लैटों का निर्माण किया जा सके.

इन दस्तावेजों के साथ करें आवेदन
फ्लैटों के आवंटन के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि तुलसी निकेतन के स्थानीय नागरिक 10 मई से लेकर 10 जून तक अपनी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज और शपथ पत्र देकर अपने मकानों का दोबारा आवंटन करा सकते हैं.

Intro:गाजियाबाद : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण तुलसी निकेतन कॉलोनी के 22 सौ 92 जर्जर फ्लैटों को तोड़कर नए सिरे से बनाएगा. आपको बता दें कि कुछ महीने पहले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को तुलसी निकेतन के जर्जर फ्लैटों के सर्वे के लिए नियुक्त किया था. विश्वविद्यालय द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र था कि तुलसी निकेतन के सभी फ्लैट जर्जर हालत में है और किसी भी वक्त धराशाई हो सकते हैं.


Body: आपको बता दें कि तुलसी निकेतन स्थित फ्लैटों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा 22 वर्ष पहले बनवाया गया था और वर्तमान में यहां करीब 15 हज़ार लोग निवास कर रहे हैं. ऐसे में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि यहां पर रह रहे नागरिक स्वयं अपने फ्लैटों को खाली कर दे ताकि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण यहां पर नए सिरे से फ्लैटों का निर्माण करा सके.

10 मई से लेकर 10 जून के बीच करा सकेंगे मकान का पुन आवंटन :
फ्लैटों के आवंटन के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि तुलसी निकेतन के स्थानीय नागरिक 10 मई से लेकर 10 जून तक अपनी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज और शपथ पत्र देकर अपने मकानों का पुन आवंटन करा सकते हैं. क्योंकि तुलसी निकेतन मे स्थित फ्लैट खतरनाक अवस्था में है और कभी भी धराशाई हो सकते हैं.


Conclusion:22 वर्ष में ही जर्जर हो गए 22 सौ फ्लैट:
आपको बता दें कि तुलसी निकेतन स्थित सभी फ्लैट गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा 99 वर्ष की लीज पर दिए गए है. इन सभी फ्लैटों का निर्माण गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा कराया गया था. लेकिन हैरानी की बात यह है कि बनने की मात्र 22 साल के अंदर ही सभी फ्लैट टूटने के कगार पर पहुंच गए हैं. जो कहीं ना कहीं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं.
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