जौनपुर: कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते पूरे देश में 20 मार्च से ही सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. वहीं गर्मी में स्कूलों में ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई भी कराई गई, लेकिन परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के पास न तो स्मार्टफोन है और न ही ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए शिक्षक.
ऐसे में अब सरकार ने परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को मिड-डे मील में दिए जाने वाले राशन को अब उनके घरों तक पहुंचाएगी और प्रति बच्चे के हिसाब से मिड-डे मील की राशि को भी जोड़कर उनके अभिभावकों के खातों में भेजा जाएगा. क्योंकि स्कूल तो लंबे समय तक बंद रहेंगे. ऐसे में सरकार बच्चों को पोषण उपलब्ध कराने और उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए राशन के साथ-साथ एकमुश्त धनराशि भी उनके खातों में भेजने के लिए विवरण जुटाने का काम कर रही है.
प्रदेश की योगी सरकार परिषदीय स्कूल के बच्चों को अब घर बैठे मिड-डे मील का राशन और स्कूल में बच्चों पर खर्च होने वाली मिड-डे मील की राशि को भी उनके खातों में भेजने का काम कर रही है. इसके लिए इन दिनों स्कूलों को खोल दिया गया है. जनपद में भी आठ जून से ही स्कूलों को खोलकर बच्चों की संख्या और उनके अभिभावकों के बैंक खातों की डिटेल जुटाई जा रही है, जिससे कि बच्चों को मिड-डे मील में खर्च होने वाले राशन और उनके ऊपर खर्च होने वाले सरकारी पैसे को उनके खाते में भेजा जा सके. इससे घर बैठे बच्चों को पोषण मिल सकेगा और उनके खातों में पैसा जाएगा, जिससे वह इस संकट के दौर में पढ़ाई-लिखाई में उपयोग कर सकेंगे.
जौनपुर में 3000 से ज्यादा स्कूल हैं, जहां पर लाखों की संख्या में बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों को बेसिक शिक्षा अधिकारी उनके खातों में पैसा भेजने के लिए जनपद के 21 ब्लाकों में तेजी से काम हो रहा है. जौनपुर जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी बताते हैं कि प्रदेश सरकार के आदेश पर जनपद में बच्चों के खातों में पैसे भेजने और मिड-डे मील का राशन भेजने के लिए विवरण जुटाया जा रहा है.