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हर जिले मेंं रोजगार समिति का गठन किया जाए गठन: मुख्य सचिव

यूपी के मुख्य सचिव ने राजधानी लखनऊ में अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इसमें निर्देश दिए गए कि प्रवासियों को मद्देनजर रखते हुए हर जिले में एक रोजगार समिति का गठन किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी भी फैसिलिटी क्वारंटाइन और कोविड-19 अस्पतालों का निरीक्षण करें.

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चीफ सेक्रेटरी ने दिए आदेश, श्रमिकों के आने की वजह से सुरक्षा कार्रवाई सुनिश्चित करें अफसर
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Published : Jun 8, 2020, 5:08 PM IST

लखनऊ: यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कोविड-19 की रोकथाम और संक्रमण से बचाव के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के प्रदेश में आने के मद्देनजर आवश्यक सुरक्षात्मक कार्रवाई प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने जारी आदेश में कहा है कि शासन द्वारा सभी कमिश्नर के निवर्तन पर नोडल अधिकारी रूप में तैनात विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को वर्तमान में मुख्य रूप से एक कम्युनिटी किचन, शेल्टर होम और क्वांरटाइन सेंटर की व्यवस्था का पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है.



'नोडल अधिकारी करें अस्पतालों का निरीक्षण'
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ नोडल अधिकारियों से फैसिलिटी क्वारंटाइन और कोविड-19 अस्पतालों का निरीक्षण भी कराए जाएं. साथ ही खाने-पीने की उचित व्यवस्था, साफ-सफाई, डाक्टरों के समय से निरीक्षण पैरामेडिकल स्टाफ नर्सों की उपलब्धता और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप ही हों.

'हर जिले में रोजगार समिति का गठन'
मुख्य सचिव ने यह निर्देश सभी मंडलायुक्त को पत्र के माध्यम से दिए हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश आए हैं. साथ ही राजस्व विभाग द्वारा विकसित पोर्टल पर इनके संबंध में सूचना और इनके कौशल के संबंध में विस्तृत विवरण जिलों द्वारा अंकित कराया गया है. उन्होंने कहा हर जनपद में एक रोजगार समिति का गठन किया जाए. साथ ही मुख्य सचिव ने रोजगार सर्जन पर विशेष बल देते हुए सेक्टरवार रोजगार सृजित करने की संभावनाओं को चिन्हित कर बाहर से आए हुए प्रवासी मजदूरों को उनके कौशल विकास और आवश्यकता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

इसे भी पढ़ें: यूपी में कोरोना के 30 नए मरीज मिले, आंकड़ा पहुंचा 10566

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि आगामी छह माह में किस जनपद में किस क्षेत्र में कितना रोजगार सृजन हो सकता है, इसका आकलन कर प्रत्येक जनपदीय समिति द्वारा संबंधित कमिश्नर को 1 सप्ताह में रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी कमिश्नर इसकी नियमित समीक्षा करते हुए शासन को लगातार रिपोर्ट भेजते रहें.

लखनऊ: यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कोविड-19 की रोकथाम और संक्रमण से बचाव के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के प्रदेश में आने के मद्देनजर आवश्यक सुरक्षात्मक कार्रवाई प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने जारी आदेश में कहा है कि शासन द्वारा सभी कमिश्नर के निवर्तन पर नोडल अधिकारी रूप में तैनात विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को वर्तमान में मुख्य रूप से एक कम्युनिटी किचन, शेल्टर होम और क्वांरटाइन सेंटर की व्यवस्था का पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है.



'नोडल अधिकारी करें अस्पतालों का निरीक्षण'
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ नोडल अधिकारियों से फैसिलिटी क्वारंटाइन और कोविड-19 अस्पतालों का निरीक्षण भी कराए जाएं. साथ ही खाने-पीने की उचित व्यवस्था, साफ-सफाई, डाक्टरों के समय से निरीक्षण पैरामेडिकल स्टाफ नर्सों की उपलब्धता और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप ही हों.

'हर जिले में रोजगार समिति का गठन'
मुख्य सचिव ने यह निर्देश सभी मंडलायुक्त को पत्र के माध्यम से दिए हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश आए हैं. साथ ही राजस्व विभाग द्वारा विकसित पोर्टल पर इनके संबंध में सूचना और इनके कौशल के संबंध में विस्तृत विवरण जिलों द्वारा अंकित कराया गया है. उन्होंने कहा हर जनपद में एक रोजगार समिति का गठन किया जाए. साथ ही मुख्य सचिव ने रोजगार सर्जन पर विशेष बल देते हुए सेक्टरवार रोजगार सृजित करने की संभावनाओं को चिन्हित कर बाहर से आए हुए प्रवासी मजदूरों को उनके कौशल विकास और आवश्यकता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

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मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि आगामी छह माह में किस जनपद में किस क्षेत्र में कितना रोजगार सृजन हो सकता है, इसका आकलन कर प्रत्येक जनपदीय समिति द्वारा संबंधित कमिश्नर को 1 सप्ताह में रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी कमिश्नर इसकी नियमित समीक्षा करते हुए शासन को लगातार रिपोर्ट भेजते रहें.

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