सहारनपुर : जिले में फोरलेन हाईवे निर्माण के दौरान बिना नोटिस और मुआवजा दिए मकान गिराने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है. पीड़ित पक्ष की सुनवाई के बाद अदालत ने थाना बिहारीगढ़ में तत्कालीन एसडीएम बेहट शिवनारायण शर्मा, तहसीलदार सुधीर कुमार, लेखपाल और एनएचएआई के परियोजना निदेशक, निर्माण कंपनी के डायरेक्टर समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. अदालत के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. इससे सबन्धित अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
जानें पूरा मामला
- सहारनपुर से देहरादून तक फोरलेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है.
- हाइवे के किनारे बने मकानों एवं दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट कर हाईवे का चौड़ीकरण किया जा रहा है.
- चौड़ीकरण के लिए स्थानीय लोगों को मकान हटाने के नोटिस के साथ मुआवजा आदि देकर सड़क बनाई जा रही है.
- बताया जा रहा है कि 19 नवंबर 2018 को कस्बा बिहारीगढ़ निवासी अब्दुल सत्तार का मकान बिना नोटिस और मुआवजे के ही ध्वस्त कर दिया था.
- अब्दुल सत्तार ने अदालत में याचिका दायर की.
- अब्दुल सत्तार ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व नोटिस और मुआवजे के मकान को ध्वस्त कर दिया गया.
- पीड़ित पक्ष की सुनवाई के बाद अदालत ने सभी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
- पुलिस ने अदालत के आदेश पर तत्कालीन एसडीएम बेहट शिवनारायण शर्मा, तहसीलदार सुधीर कुमार, लेखपाल अनुपम चौहान, एनएचएआई के परियोजना निदेशक जीएस गोसाई, निर्माण कंपनी डायरेक्टर रामकिशन, नवीन कुमार रावत और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.