आजमगढ़ : तरवा गांव निवासी राज्यसभा सांसद अमर सिंह राजनीति में आने से पहले ताले का व्यवसाय करते थे. अमर सिंह के बाबा विश्वनाथ सिंह द्वारा शुरू किए गए इस व्यवसाय में अमर सिंह के पिता हरीश चंद्र सिंह और उनके बाद अमर सिंह भी जुड़ गए थे.
ईटीवी भारत से बातचीत में अमर सिंह के चाचा प्रेमचंद्र सिंह ने बताया कि अमर सिंह के बाबा विश्वनाथ सिंह द्वारा ताले का व्यवसाय शुरू किया गया था. उन्होंने बताया कि पहले कोलकाता और उसके बाद अलीगढ़ में फैक्ट्री लगाई गयी जहां से ताले का व्यवसाय होता था. इस ताले की मांग पूरे देश में होने के साथ-साथ पाकिस्तान व बांग्लादेश तक सप्लाई होती थी. अमर सिंह के बाबा के बाद उनके पिता हरीश चंद्र सिंह ने इस व्यवसाय को आगे बढ़ाया और बाद में अमर सिंह ने भी पिता के इस काम में हाथ बटाया.
चाचा प्रेमचंद्र सिंह ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह से मुलाकात के बाद अमर सिंह की राजनीति में दखलअंदाजी शुरू हो गई थी. समय के साथ अमर सिंह ने अपने को बदला और माधवराव सिंधिया, मुलायम सिंह यादव ज्योति बसु सुब्रत मुखर्जी, शोभना भारतिया के साथ साथ सभी राजनीतिक दलों, उद्योगपतियों और फिल्मी सितारों के बीच अपनी पकड़ बना ली.
कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत करने वाले अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत खराब होते देख समाजवादी पार्टी की तरफ अपना रुख कर दिया. प्रदेश व केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद अमर सिंह सपा से भाजपा की ओर आ गये. इसी कड़ी में उन्होंने अपनी पैतृक संपत्ति भी संघ को दान कर दी.