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गोद में कलेजे के टुकड़े की लाश लेकर भटकती रही बेबस मां - big negligence of shahjahanpur district hospital

शाहजहांपुर के जिला अस्पताल से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां मासूम की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसके शव को घर ले जाने के लिए  एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई. वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए मृतक बच्चे के परिजनों ने अपनी आप बीती बताई.

9 साल के बच्चे की लाश को गोद में उठाकर मां अपने घर ले गई
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Published : May 27, 2019, 10:35 AM IST

Updated : May 27, 2019, 11:39 AM IST

शाहजहांपुर: जिले के सरकारी अस्पताल का शर्मनाक चेहरा सामने आया है. जहां मासूम की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसके शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई और जब परिजनों ने एम्बुलेंस के लिए अस्पताल प्रशासन से पेशकश की तो अस्पताल प्रशासन ने मना कर दिया. जिससे मृतक बच्चे की बेबस मां बच्चे की लाश को गोद में उठाकर ले जाने के लिये मजबूर हो गई और पैदल ही घर के लिए चल दी.

बच्चे की लाश को गोद में ले जाती मां.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • जिले के थाना सदर बाजार क्षेत्र स्थित ईदगाह के रहने वाले शकील का नौ साल का बेटा अफरोज बुखार से पीड़ित था.
  • परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे.
  • वहीं डॉक्टरों ने बच्चे को हायर सेंटर ले जाने को कहा लेकिन इसी बीच बच्चे ने अस्पताल में ही अपना दम तोड़ दिया.
  • परिजनों की मानें तो उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वह अपने बच्चे की लाश को घर तक ले जा पाते.
  • इसी बात को लेकर परिजनों ने बच्चे की लाश को घर तक पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रशासन से एम्बुलेंस के लिए कहा, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनको न तो कोई एंबुलेंस उपलब्ध कराई और न ही उन्हें शव वाहन दिया गया.
  • जब अस्पताल प्रशासन ने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया तो बच्चे की मां अपने नौ साल के बच्चे की लाश को गोद में उठाकर पैदल ही घर के लिए चल दी.
  • वहां मौजूद देखने वालों का तो कलेजा पसीज गया, लेकिन बेरहम डॉक्टर और अस्पताल स्टॉफ सिर्फ तमाशा देखते रहे.
  • बच्चे के मां-बाप अपने मासूम की लाश को गोद में लेकर घर चले गए.
  • वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए मृतक बच्चे के पिता ने कहा कि जब हमने अस्पताल प्रशासन से एम्बुलेंस मांगी तो उन्होंने मना कर दिया, जबकि अस्पताल में तीन एम्बुलेंस खड़ी हुई थी.

हमारे अस्पताल में लगभग रात आठ बजे अफरोज नाम का बच्चा आया था, जिसकी कंडीशन काफी खराब थी. बच्चों के डॉ. ने भी इसे देखा था. बच्चे के परिजनों को हायर सेंटर लखनऊ ले जाने के लिए बोला था, लेकिन परिजनों ने कहा कि हम बच्चे को और कहीं दिखाएंगे हायर सेंटर नहीं ले जाएंगे. परिजन रात नौ बजे तक अपने बच्चे को अस्पताल से ले गए और बच्चा कहीं रास्ते में एक्सपायर कर गया है. वहीं लौटने के बाद मेरे पास बच्चे को नहीं लाया गया.


डॉ. अनुराग पाराशर, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर, शाहजहांपुर

शाहजहांपुर: जिले के सरकारी अस्पताल का शर्मनाक चेहरा सामने आया है. जहां मासूम की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसके शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई और जब परिजनों ने एम्बुलेंस के लिए अस्पताल प्रशासन से पेशकश की तो अस्पताल प्रशासन ने मना कर दिया. जिससे मृतक बच्चे की बेबस मां बच्चे की लाश को गोद में उठाकर ले जाने के लिये मजबूर हो गई और पैदल ही घर के लिए चल दी.

बच्चे की लाश को गोद में ले जाती मां.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • जिले के थाना सदर बाजार क्षेत्र स्थित ईदगाह के रहने वाले शकील का नौ साल का बेटा अफरोज बुखार से पीड़ित था.
  • परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे.
  • वहीं डॉक्टरों ने बच्चे को हायर सेंटर ले जाने को कहा लेकिन इसी बीच बच्चे ने अस्पताल में ही अपना दम तोड़ दिया.
  • परिजनों की मानें तो उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वह अपने बच्चे की लाश को घर तक ले जा पाते.
  • इसी बात को लेकर परिजनों ने बच्चे की लाश को घर तक पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रशासन से एम्बुलेंस के लिए कहा, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनको न तो कोई एंबुलेंस उपलब्ध कराई और न ही उन्हें शव वाहन दिया गया.
  • जब अस्पताल प्रशासन ने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया तो बच्चे की मां अपने नौ साल के बच्चे की लाश को गोद में उठाकर पैदल ही घर के लिए चल दी.
  • वहां मौजूद देखने वालों का तो कलेजा पसीज गया, लेकिन बेरहम डॉक्टर और अस्पताल स्टॉफ सिर्फ तमाशा देखते रहे.
  • बच्चे के मां-बाप अपने मासूम की लाश को गोद में लेकर घर चले गए.
  • वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए मृतक बच्चे के पिता ने कहा कि जब हमने अस्पताल प्रशासन से एम्बुलेंस मांगी तो उन्होंने मना कर दिया, जबकि अस्पताल में तीन एम्बुलेंस खड़ी हुई थी.

हमारे अस्पताल में लगभग रात आठ बजे अफरोज नाम का बच्चा आया था, जिसकी कंडीशन काफी खराब थी. बच्चों के डॉ. ने भी इसे देखा था. बच्चे के परिजनों को हायर सेंटर लखनऊ ले जाने के लिए बोला था, लेकिन परिजनों ने कहा कि हम बच्चे को और कहीं दिखाएंगे हायर सेंटर नहीं ले जाएंगे. परिजन रात नौ बजे तक अपने बच्चे को अस्पताल से ले गए और बच्चा कहीं रास्ते में एक्सपायर कर गया है. वहीं लौटने के बाद मेरे पास बच्चे को नहीं लाया गया.


डॉ. अनुराग पाराशर, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर, शाहजहांपुर

Intro:नोट सभी विजुअल एफटीपी से भेजे हैं जिस का एड्रेस है---UP_SJP_Aspatal ki kartoot _ 27.5.19_UP10021

स्लग अस्पताल की करतूत

एंकर यूपी के शाहजहांपुर में जिला अस्पताल का शर्मनाक चेहरा सामने आया है जिसमें पैसे ना होने पर यहां एक मासूम की मौत के बाद उसकी मां उस बच्चे की लाश को गोद में लेकर घर तक पैदल सड़क पर चलती हुई गई जबकि अस्पताल में उसे फ्री में मिलने वाला शव वाहन नहीं दिया गया मां और बाप अस्पताल में डॉक्टरों से अपने बच्चे के शव को घर तक भिजवाने के लिए गुहार लगाते रहे फिलहाल अस्पताल प्रशासन इस मामले में सफाई देने पर जुटा है


Body:दरअसल थाना सदर बाजार क्षेत्र के ईदगाह के रहने वाले शकील के 9 साल का बेटा अफरोज बुखार से पीड़ित था परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डाक्टरों ने बच्चे को हायर सेंटर ले जाने को कहा लेकिन इसी बीच बच्चे ने अस्पताल में ही अपना दम तोड़ दिया परिजनों की मानें तो उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वह अपने बच्चे की लाश को घर तक ले जाते इसी बात को लेकर परिजनों ने बच्चे की लाश को घर तक पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रशासन से कहा लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनको ना तो कोई एंबुलेंस उपलब्ध कराई और ना ही उन्हें शव वाहन दिया जबकि सरकार द्वारा मृतक के शब को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है


Conclusion:जब अस्पताल प्रशासन ने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया तो बच्चे की मां अपने 9 साल के बच्चे की लाश को गोद में उठाकर पैदल ही घर के लिए चल दी देखने वालों का तो कलेजा पसीज गया लेकिन बेरहम डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ सिर्फ तमाशा देखते रहे बच्चे के मां बाप अपने मासूम की लाश को गोद में लेकर घर चले गए परिवार का कहना है कि गरीबी की वजह से ही उनके बच्चे की जान गई है और अब बच्चे की लाश के लिए उन्हें अपने हाथों का ही सहारा देना पढ़ रहा है जबकि फ्री में शब मिलने वाला शव वाहन अस्पताल में खड़ा हुआ था फिलहाल इस मामले में वीडियो सामने आने के बाद अब अस्पताल प्रशासन अपनी कुछ अलग ही सफाई पेश कर रहा है

बाइट शकील पिता

वाइट डॉक्टर अनुराग पाराशर इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर शाहजहांपुर
Last Updated : May 27, 2019, 11:39 AM IST

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