चंदौली: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान नियामताबाद ब्लॉक के जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशियों के प्रतीक चिह्न आवंटन में लापरवाही के आरोप में निलंबित अपर जिलाधिकारी न्यायिक अनिल कुमार त्रिपाठी के बचाव में सहायक निर्वाचन अधिकारी पारसनाथ आ गए हैं. उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर प्रतीक चिह्न आवंटन में भूलवश चूक होने की बात कही है. इसके लिए अपर जिलाधिकारी को जिम्मेदार न ठहराए जाने की मांग की है. इसके पूर्व एडीएम न्यायिक रहे अनिल कुमार त्रिपाठी ने भी राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर कोविड पॉजिटिव होने की जानकारी दी.
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प्रतीक आवंटन में हुई थी गड़बड़ी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान नियामताबाद सेक्टर चार के जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशियों के प्रतीक चिह्न आवंटन में गड़बड़ी उजागर हुई थी. प्रत्याशी का नाम सूची में था, लेकिन कोई चुनाव चिह्न नहीं मिला था. इसके चलते री-पोल की नौबत आ गई. जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर शासन व आयोग को भेजी थी. इस पर शासन ने जिला पंचायत सदस्यों के नामांकन की प्रक्रिया के लिए नोडल बनाए गए अपर जिलाधिकारी न्यायिक को निलंबित कर दिया था. इससे प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई थी.
एडीएम न्यायिक ने डीएम को लिखा पत्र
सहायक निर्वाचन अधिकारी ने अपने पत्र में लिखा है कि सेक्टर चार के प्रत्याशी को प्रतीक चिह्न आवंटन में जानबूझकर गलती नहीं की गई थी, बल्कि भूलवश गड़बड़ी हुई. निवर्तमान एडीएम ने भी सहायक निर्वाचन अधिकारी के पत्र हवाला देते हुए अपनी सफाई में डीएम को पत्र भेजा है. वहीं गड़बड़ी के लिए उन्हें सीधे तौर पर जिम्मेदार न ठहराए जाने की मांग की है.
प्रतीक आवंटन के दौरान खुद को बताया कोविड पॉजिटिव
उन्होंने बताया कि कोरोना का लक्षण दिखने के बाद वे 17 अप्रैल से ही क्वारंटीन थे. 22 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट भी कोविड पॉजिटिव आई थी. जबकि, प्रतीक आवंटन की प्रक्रिया 19 अप्रैल को हुई. इस दौरान एआरओ पारसनाथ के पास चार्ज था. ऐसे में उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया जाना न्याय संगत नहीं है.