गोरखपुर: जिले से होकर गुजरने वाली राप्ती नदी प्रदूषण की वजह से पूरी तरह कराह रही है. नदी में पानी भले ही कम है, लेकिन उसके किनारे पर गंदगी की भरमार ज्यादा दिखाई दे रही है. किनारों को शौचालय के रूप में प्रयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं नदी को मृत पशुओं को प्रवाहित करने के रूप में भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे जागरूक लोग बेहद खफा हैं.
- नगर निगम और सिंचाई विभाग नदियों के किनारे को साफ करने का दावा करते हैं, पर ऐसा होता दिखाई नहीं दिख रहा है.
- नदी में पशुओं के शव प्रवाहित किये जा रहे हैं, जो कि जल प्रदूषण के हिसाब से बेहद ही खतरनाक है.
- कुछ जागरूक लोगों ने मीडिया के सामने प्रदूषण को लेकर गुस्से का इजहार किया.
- लोगों का कहना था कि सरकार को उन देशों से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने सरकारी पहल भी की और जागरूकता भी बढ़ाई.
- आज उनकी नदियां साफ-सुथरी हैं, पर भारत में यह संभव नहीं हो पा रहा है.
वहीं लोगों ने नदियों में बढ़ते प्रदूषण से मुक्ति के लिए जन सहभागिता बढ़ाने की बात कही. साथ ही कहा कि सरकार की आंख नहीं खुल रही तो उनका संगठन लोगों से आंखे खोलने की गुजारिश करेगा. राप्ती नदी गोरखपुर की अति प्राचीन और पहचान देने वाली नदी है, जिसको जीवंतता प्रदान करने के लिए हर संभव कोशिश होगी.