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सहारनपुर में गठबंधन के फजलुर्रहमान ने भाजपा प्रत्याशी को दी शिकस्त

लोकसभा चुनाव 2019 में सहारनपुर लोकसभा सीट पर भाजपा पर गठबंधन भारी पड़ा. गठबंधन से बसपा प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान ने 22417 वोटों से भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा को हराया. कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे. फजलुर्रहमान की जीत पर गठबंधन में शामिल बसपा, सपा और रालोद कार्यकर्ताओं ने खुशी मनाई.

भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा
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Published : May 24, 2019, 4:19 PM IST

सहारनपुर : 23 मई को आये लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रचंड बहुमत से जहां देश मे एक बार फिर मोदी सरकार बनी है. वहीं कांग्रेस और गठबंधन के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव में जिस तरह पीएम मोदी का जादू चला है तो कई जगहों पर सपा के अखिलेश और बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली से प्रत्याशियों को सफलता मिली है.

उत्तर प्रदेश की प्रथम संसदीय सीट सहारनपुर भी उन में से एक जहां गठबंधन प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान ने बीजेपी के मौजूदा सांसद राघव लखनपाल शर्मा को करीब 27 हजार मतों से शिकस्त दी है. तीन बार विधायक एवं एक बार सांसद रहे राघव लखनपाल शर्मा ने अपनी हार का ठींकरा जातीय समीकरण पर फोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि गठबंधन के पास अपने जातीय समीकरण के हिसाब से वोट थे जबकि बीजेपी के पास अपना जनाधार था जोकि 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार बढ़ा है.

भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा मीडिया से बात करते हुए
ईटीवी से बातचीत करते राघव लखनपाल शर्मा ने कहा-
  • प्रदेश की प्रथम संसदीय सीट सहारनपुर लोकसभा की दृष्टि से एक बहुत ही टिपिकल सीट है.
  • इस सीट पर गठबंधन के जो जातिगत आंकड़े हैं वे आकंड़े कुछ इस प्रकार के हैं जिससे यह सीट संघर्ष वाली सीट बन जाती है.
  • हार के बावजूद भी यहां भारतीय जनता पार्टी के लिए वोटों में पिछली बार के मुकाबले वृद्धि हुई है, लेकिन गठबंधन प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिला है.
  • 4,92008 वोट मिलने का कारण मोदी जी के जादू का ही असर है. पिछली बार हमें 473000 वोट मिला था.इस बार मोदी के जादू के चलते ही करीब 18000 वोट बढ़े हैं.
  • मोदी और योगी फैक्टर ही है और उसी का परिणाम है जो भाजपा की सरकार पुन: बन रही है.
  • राघव लखनपाल शर्मा ने कहा कि चुनाव आंकड़ों और गणित पर होता है और जो सहारनपुर सीट का गणित है वो वहां का कुछ अलग ही रहा है.

राघव लखनपाल शर्मा ज्यादातर दिल्ली और विदेश में रहते हैं के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि मैं आपकी बात से तब सहमत होता कि अगर हमारा मत प्रतिशत घट गया होता. लेकिन मेरा मत प्रतिशत बढ़ा है. असल में पोल परसेंटेज पिछले चुनाव के मुकाबले कम हुआ है. हम लगातार विकास करते आ रहे हैं. जनता की समस्याओं का समाधान करते रहे हैं तो हम अभी भी इसी प्रकार से काम करेंगे. हमारे आदरणीय योगी जी और मोदी जी के नेतृत्व में सहारनपुर के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना है. हार के कारण के बारे सवाल किया तो उनका वही जवाब मिला कि गठबंधन का जो वोट गणित बनता है. वह गणित कुछ ऐसा था कि उसके सामने वह आंकड़ों में ही उनकी हार हुई है.

दिन भर चली मतगणना के दौरान प्रत्येक राउंड में बसपा प्रत्याशी फजलुर्रहमान बढ़त बनाए रहे.अंतिम राउंड तक आने पर भी बसपा प्रत्याशी की बढ़त कम नहीं हुई और परिणाम जीत के रूप में सामने आ गया. भाजपा प्रत्याशी की रफ्तार बीच के राउंड में थोड़ी तेज हुई, लेकिन वह बसपा प्रत्याशी से आगे नहीं निकल सके.

वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद शुरुआती दौर में जब नगर विधानसभा क्षेत्र के वोट खुले, तो रफ्तार तेज थी, लेकिन उसके बाद एक लाख वोट तक पहुंचने के दौरान ही उनकी रफ्तार मंद पड़ गई और वह दो लाख वोट तक ही पहुंच सके. इस तरह से बसपा प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान को 514139 वोट मिले, तो दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा को 491722 वोट हासिल हुए, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी 207068 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे.

बसपा प्रत्याशी की जीत से कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई. कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. इसके बाद शहर के कई स्थानों पर खुशी में मिठाई बांटी गई, तो आतिशबाजी भी की गई और विजयी जुलूस भी निकाला गया. मतगणना संपन्न होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने विजयी प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान को प्रमाण पत्र सौंपा.

सहारनपुर : 23 मई को आये लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रचंड बहुमत से जहां देश मे एक बार फिर मोदी सरकार बनी है. वहीं कांग्रेस और गठबंधन के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव में जिस तरह पीएम मोदी का जादू चला है तो कई जगहों पर सपा के अखिलेश और बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली से प्रत्याशियों को सफलता मिली है.

उत्तर प्रदेश की प्रथम संसदीय सीट सहारनपुर भी उन में से एक जहां गठबंधन प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान ने बीजेपी के मौजूदा सांसद राघव लखनपाल शर्मा को करीब 27 हजार मतों से शिकस्त दी है. तीन बार विधायक एवं एक बार सांसद रहे राघव लखनपाल शर्मा ने अपनी हार का ठींकरा जातीय समीकरण पर फोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि गठबंधन के पास अपने जातीय समीकरण के हिसाब से वोट थे जबकि बीजेपी के पास अपना जनाधार था जोकि 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार बढ़ा है.

भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा मीडिया से बात करते हुए
ईटीवी से बातचीत करते राघव लखनपाल शर्मा ने कहा-
  • प्रदेश की प्रथम संसदीय सीट सहारनपुर लोकसभा की दृष्टि से एक बहुत ही टिपिकल सीट है.
  • इस सीट पर गठबंधन के जो जातिगत आंकड़े हैं वे आकंड़े कुछ इस प्रकार के हैं जिससे यह सीट संघर्ष वाली सीट बन जाती है.
  • हार के बावजूद भी यहां भारतीय जनता पार्टी के लिए वोटों में पिछली बार के मुकाबले वृद्धि हुई है, लेकिन गठबंधन प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिला है.
  • 4,92008 वोट मिलने का कारण मोदी जी के जादू का ही असर है. पिछली बार हमें 473000 वोट मिला था.इस बार मोदी के जादू के चलते ही करीब 18000 वोट बढ़े हैं.
  • मोदी और योगी फैक्टर ही है और उसी का परिणाम है जो भाजपा की सरकार पुन: बन रही है.
  • राघव लखनपाल शर्मा ने कहा कि चुनाव आंकड़ों और गणित पर होता है और जो सहारनपुर सीट का गणित है वो वहां का कुछ अलग ही रहा है.

राघव लखनपाल शर्मा ज्यादातर दिल्ली और विदेश में रहते हैं के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि मैं आपकी बात से तब सहमत होता कि अगर हमारा मत प्रतिशत घट गया होता. लेकिन मेरा मत प्रतिशत बढ़ा है. असल में पोल परसेंटेज पिछले चुनाव के मुकाबले कम हुआ है. हम लगातार विकास करते आ रहे हैं. जनता की समस्याओं का समाधान करते रहे हैं तो हम अभी भी इसी प्रकार से काम करेंगे. हमारे आदरणीय योगी जी और मोदी जी के नेतृत्व में सहारनपुर के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना है. हार के कारण के बारे सवाल किया तो उनका वही जवाब मिला कि गठबंधन का जो वोट गणित बनता है. वह गणित कुछ ऐसा था कि उसके सामने वह आंकड़ों में ही उनकी हार हुई है.

दिन भर चली मतगणना के दौरान प्रत्येक राउंड में बसपा प्रत्याशी फजलुर्रहमान बढ़त बनाए रहे.अंतिम राउंड तक आने पर भी बसपा प्रत्याशी की बढ़त कम नहीं हुई और परिणाम जीत के रूप में सामने आ गया. भाजपा प्रत्याशी की रफ्तार बीच के राउंड में थोड़ी तेज हुई, लेकिन वह बसपा प्रत्याशी से आगे नहीं निकल सके.

वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद शुरुआती दौर में जब नगर विधानसभा क्षेत्र के वोट खुले, तो रफ्तार तेज थी, लेकिन उसके बाद एक लाख वोट तक पहुंचने के दौरान ही उनकी रफ्तार मंद पड़ गई और वह दो लाख वोट तक ही पहुंच सके. इस तरह से बसपा प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान को 514139 वोट मिले, तो दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा को 491722 वोट हासिल हुए, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी 207068 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे.

बसपा प्रत्याशी की जीत से कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई. कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. इसके बाद शहर के कई स्थानों पर खुशी में मिठाई बांटी गई, तो आतिशबाजी भी की गई और विजयी जुलूस भी निकाला गया. मतगणना संपन्न होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने विजयी प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान को प्रमाण पत्र सौंपा.

Intro:सहारनपुर : 23 मई को आये लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रचंड बहुमत से जहां देश मे एक बार फिर मोदी सरकार बनी है वहीं कांग्रेस और गठबंधन के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है। इस चुनाव में जिस तरह पीएम मोदी का जादू चला है तो कई जगहों पर सपा के अखिलेश और बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली से प्रत्याशियों को सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश की प्रथम संसदीय सीट सहारनपुर भी उन में से एक जहां गठबंधन प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान ने बीजेपी के मौजूदा सांसद राघव लखनपाल शर्मा को करीब 27 हजार मतों से शिकस्त दी है। तीन बार विधायक एवं एक बार सांसद रहे राघव लखनपाल शर्मा ने अपनी हार का ठींकरा जातीय समीकरण पर फोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि गठबंधन के पास अपने जातीय समीकरण के हिसाब से वोट थे जबकि बीजेपी के पास अपना जनाधार था। जो 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार बढ़ा है।


Body:VO 1 - ईटीवी से बातचीत ने सहारनपुर के पूर्व बीजेपी सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने बताया कि प्रदेश की प्रथम संसदीय सीट सहारनपुर लोकसभा की दृष्टि से एक बहुत ही टिफिकल सीट है। इस सीट पर गठबंधन के जो जातिगत आंकड़े हैं ये आकंड़े कुछ इस प्रकार के हैं जिससे यह सीट संघर्ष वाली सीट बन जाती है। हार के बावजूद भी यहां भारतीय जनता पार्टी के लिए वोटों में पिछली बार के मुकाबले वृद्धि हुई है। लेकिन गठबंधन प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिला है। सहारनपुर में सीएम योगी एवं पीएम मोदी के जादू नही चलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है 492008 वोट मिलना यह मोदी जी के जादू का ही असर है। इसलिए बार हमें 473000 वोट मिला था। इस बार मोदी के जादू के चलते ही करीब 18000 वोट बढ़ी है। यह मोदी फैक्टर ही है और योगी जी द्वारा जो दोनों हमारे नेताओं द्वारा किए गए हैं उसी का परिणाम है। उन्होंने बताया कि चुनाव आंकड़ो और गणित पर होता है। और जो सहारनपुर सीट का गणित है वो वहां का कुछ इस प्रकार का रहा है। अकसर ग़ांव देहात के मतदाताओं की शिकायत रही कि सांसद राघव लखनपाल शर्मा ज्यादातर दिल्ली और विदेश में रहते है तो उस सवाल पर उनका जवाब था कि मैं आपकी बात से तब सहमत होता कि अगर हमारी वोट घट गई होती है। लेकिन मेरी वोट बढ़ी है जब पोल परसेंटेज पिछले चुनाव के मुकाबले कम हुआ है। आगे की रणनीति पर राघव लखन पाल शर्मा ने बताया कि हम लगातार विकास करते आ रहे हैं। जनता की समस्याओं का समाधान करते रहे हैं तो हम अभी भी इसी प्रकार से काम करेंगे। हमारे आदरणीय योगी जी और मोदी जी के नेतृत्व में सहारनपुर के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना है। हार के कारण के बारे सवाल किया तो उनका वही जवाब मिला कि गठबंधन का जो वोट गणित बनता है वह गणित कुछ ऐसा था कि उसके सामने वह आंकड़ों में ही उनकी हार हुई है।

बाईट - राघव लखनपाल शर्मा ( प्रत्याशी एवं पूर्व बीजेपी सांसद )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759845153
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