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जिले को पेयजल संकट से बचाने के लिए जलाशयों को होगा जीर्णोद्धार - सुलतानपुर न्यूज

सुलतानपुर में घटते भूगर्भ जलस्तर की वजह से पेयजल संकट उत्पन्न होता नजर आ रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी जलाशयों का जीर्णोद्धार कराने का फैसला किया है.

जलाशयों के जीर्णोद्धार के लिए एडवाइजरी जारी.
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Published : Feb 20, 2019, 1:25 PM IST


सुलतानपुर: लगातार घटते भूगर्भ जलस्तर के कारण जिले में पानी का संकट गहराता जा रहा है. हालात यह है कि सुदूरवर्ती 3 ब्लॉक को क्रिटिकल जोन में शामिल कर दिया गया है. इन ब्लाकों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए राजस्व विभाग ने जिले के 217 ऐसे जलाशयों का रिकॉर्ड पेश किया है, जो अतिक्रमण की चपेट में है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने सभी जलाशयों के निर्माण एवं लंबित कार्यों की रिपोर्ट तलब की है.

राजस्व विभाग ने जिले में 217 जलाशयों का रिकॉर्ड पेश किया है. यह ऐसे जलाशय हैं, जो या तो अतिक्रमित हैं या फिर अतिक्रमण की चपेट में है. इन जलाशयों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई है. टीम को संरक्षण के लिए जिला विकास विभाग को अधिकृत किया गया है.

जलाशयों के जीर्णोद्धार के लिए एडवाइजरी जारी.

इन जलाशयों को मनरेगा के बजट से तैयार किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक मजदूर को175 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. यह ऐसे मजदूर होंगे जो जॉब कार्ड धारक होंगे. वहीं बिचौलियों की सक्रियता को रोकने और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए मनरेगा योजना के तहत मजदूरों के खाते में सीधे यह राशी भेजी जाएगी. इसकी निगरानी के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने डीसी मनरेगा को दिशा निर्देश भी दिए हैं और मानीटरिंग शासन के निर्देश पर कराई जा रही है.


सुलतानपुर: लगातार घटते भूगर्भ जलस्तर के कारण जिले में पानी का संकट गहराता जा रहा है. हालात यह है कि सुदूरवर्ती 3 ब्लॉक को क्रिटिकल जोन में शामिल कर दिया गया है. इन ब्लाकों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए राजस्व विभाग ने जिले के 217 ऐसे जलाशयों का रिकॉर्ड पेश किया है, जो अतिक्रमण की चपेट में है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने सभी जलाशयों के निर्माण एवं लंबित कार्यों की रिपोर्ट तलब की है.

राजस्व विभाग ने जिले में 217 जलाशयों का रिकॉर्ड पेश किया है. यह ऐसे जलाशय हैं, जो या तो अतिक्रमित हैं या फिर अतिक्रमण की चपेट में है. इन जलाशयों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई है. टीम को संरक्षण के लिए जिला विकास विभाग को अधिकृत किया गया है.

जलाशयों के जीर्णोद्धार के लिए एडवाइजरी जारी.

इन जलाशयों को मनरेगा के बजट से तैयार किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक मजदूर को175 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. यह ऐसे मजदूर होंगे जो जॉब कार्ड धारक होंगे. वहीं बिचौलियों की सक्रियता को रोकने और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए मनरेगा योजना के तहत मजदूरों के खाते में सीधे यह राशी भेजी जाएगी. इसकी निगरानी के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने डीसी मनरेगा को दिशा निर्देश भी दिए हैं और मानीटरिंग शासन के निर्देश पर कराई जा रही है.

Intro:एडवाइजरी
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शीर्षक - 217 जलाशयों का जीर्णोद्धार, ताकि बचाई जा सके जिंदगानी।

हर साल भूगर्भ जलस्तर नीचे जा रहा है। पेयजल संकट गहराता जा रहा है। सुदूर वर्ती 3 ब्लॉक क्रिटिकल जोन में शामिल कर दिए गए। इन ब्लॉकों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए जिले में 217 जलाशयों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। मनरेगा से जलाशयों का पुराना स्वरूप मिलेगा और बेरोजगारों को नौकरी। इस कवायद में दुहू हाथ लड्डू हैं। यानी बेरोजगार लोगों को एक नियमित आय मिलेगी और जल संरक्षण के सपने को साकार किया जा सकेगा। मुख्य विकास अधिकारी ने अब तक खुद चुके और प्रस्तावित जलाशयों के निर्माण एवं लंबित कार्य की रिपोर्ट तलब की है।


Body:राजस्व विभाग ने जिले में 217 जलाशयों का रिकॉर्ड पेश किया है । यह ऐसे जलाशय हैं, जो अतिक्रमित है या अतिक्रमण की चपेट में है । इन जलाशयों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई है। संरक्षण के लिए जिला विकास विभाग को अधिकृत किया गया है। दूबेपुर, कुड़वार, बल्दीराय, धनपतगंज, कूरेभार , मोतिगरपुर, जयसिंहपुर, करौंदी कला, दोस्तपुर, कादीपुर, अखंडनगर, पी पी कमैचा, लंभुआ, भदैया समेत अन्य ब्लॉकों में जलाशय किए जाने हैं । इन जलाशयों को मनरेगा के बजट से तैयार किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक मजदूर को ₹175 प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। यह ऐसे मजदूर होंगे जो जॉब कार्ड धारक होंगे। उनके खाते में सीधे धन राशि भेजी जाएगी। ऐसा बिचौलियों की सक्रियता रोकने और भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए मनरेगा योजना के तहत अपनाया गया है। इसकी निगरानी के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने डीसी मनरेगा को दिशा निर्देश दिए हैं। मानीटरिंग शासन के निर्देश पर कराई जा रही है।


Conclusion:मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन नागराज ने बताया कि जलाशयों की खुदाई शुरू करा दी गई है । 50% से ज्यादा कार्य पूरे हो चुके हैं। जल्द इन जलाशयों को नया स्वरूप दिया जाएगा । जल संरक्षण को देखते हुए इन्हें जीर्णोद्धार की श्रेणी में रखा गया है। इसकी रिपोर्ट शासन को भी जाएगी। डीसी मनरेगा से रिपोर्ट तलब की गई है । लगातार इसकी निगरानी की जा रही है ।

आशुतोष मिश्रा 94150 49256
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